🚩‼️ओ३म्‼️🚩
🕉️🙏नमस्ते जी🙏
दिनांक - - ०३ फ़रवरी २०२५ ईस्वी
दिन - - सोमवार
🌒 तिथि -- षष्ठी ( २८:३७ तक तत्पश्चात सप्तमी )
🪐 नक्षत्र - - रेवती ( २३:१६ तक तत्पश्चात अश्वनी )
पक्ष - - शुक्ल
मास - - माघ
ऋतु - - शिशिर
सूर्य - - उत्तरायण
🌞 सूर्योदय - - प्रातः ७:०८ पर दिल्ली में
🌞 सूर्यास्त - - सायं १८:०२ पर
🌒 चन्द्रोदय -- १०:०७ पर
🌒 चन्द्रास्त - - २३:१६ पर
सृष्टि संवत् - - १,९६,०८,५३,१२५
कलयुगाब्द - - ५१२५
विक्रम संवत् - -२०८१
शक संवत् - - १९४६
दयानंदाब्द - - २००
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🚩‼️ओ३म्‼️🚩
🔥दिशा-शूल
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हर रोज अखबारों और न्यूज चैनलों पर यात्रा लाभ, दिशा-शूल ( शुभ-अशुभ) बताई जाती है। असल में दिशा हमें भूगोल, मौसम और मार्ग को समझने में सहायता प्रदान करती है। कोई भी दिशा शुभ-अशुभ नहीं होती। चारों दिशाओं में परम पिता परमेश्वर सर्वत्र विराजमान है।
यदि किसी विशेष दिन में, किसी विशेष दिशा में नही जाना चाहिए, तो उस दिन उस दिशा में जाने वाली सभी मोटरों, कारों, ट्रकों, रेलगाड़ियों, वायुयानों और जलयानों को बन्द कर देना चाहिए। प्रन्तु हम देखते है कि सभी वाहन रेलें मोटरें आदि प्रतिदिन प्रत्येक दिशा में आती-जाती है, यदि दिशा- शूल का कोई प्रभाव होता तो उस दिन सभी वाहनों (गाडिय़ों) की टक्कर होकर सारे यात्रियों की की मृत्यु हो जानी चाहिए थी। क्या यह सीधे तौर पर व्यापार नही है। दुर्घटना का कारण कोई भी दिशा नहीं होती । सभी दुर्घटनाएं मनुष्य की गलती से होती है। जब-जब मनुष्य गलती करता है तब-तब दुर्घटनाएं होती हैं।
जरा सोचिये! यदि कोई ज्योतिषी आज हमें पूर्व दिशा में जाने से मना करें और किसी कारण वश हमारे किसी प्रिय मित्र के साथ अप्रिय घटना,(दुर्घटना)आदि हो जाती है उस समय नजदीकी अस्पताल पूर्व दिशा में हो तो क्या हम उस दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को तुरंत इलाज के लिए पूर्व दिशा वाले उस अस्पताल में लेकर नहीं जायेंगे।
➡ अंधविश्वासों से मुक्ति पाने के लिए पढ़े महर्षि दयानंद सरस्वती कृत सत्यार्थ प्रकाश।
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🚩‼️आज का वेद मंत्र ‼️🚩
🌷ओ३म् शं नो द्यावापृथिवी पूर्वहूतौ शमन्तरिक्षं दृशये नो अस्तु। शं न ओषधीर्वनिनो भवन्तु शं नो रजसस्पतिरस्तु जिष्णु:।(ऋग्वेद ७|३५|५)
💐अर्थ:- पहले स्तुति किये हुए द्युलोक और पृथ्वी लोक हमारे लिए शान्तिदायक हो, सूर्य-चन्द्रमा वाला अन्तरिक्ष हमारी नेत्र ज्योति के लिये शान्ति देने वाले हो, औषधियाँ-अन्नादि और वन पदार्थ हमें शान्तिकारक हो, जगत् का स्वामी जयशील परमेश्वर हमें सदा शान्तिदायक हो।
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🔥विश्व के एकमात्र वैदिक पञ्चाङ्ग के अनुसार👇
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🙏 🕉🚩आज का संकल्प पाठ 🕉🚩🙏
(सृष्ट्यादिसंवत्-संवत्सर-अयन-ऋतु-मास-तिथि -नक्षत्र-लग्न-मुहूर्त) 🔮🚨💧🚨 🔮
ओ३म् तत्सत् श्री ब्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे श्वेतवाराहकल्पे वैवस्वते मन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे 【एकवृन्द-षण्णवतिकोटि-अष्टलक्ष-त्रिपञ्चाशत्सहस्र- पञ्चर्विंशत्युत्तरशततमे ( १,९६,०८,५३,१२५ ) सृष्ट्यब्दे】【 एकाशीत्युत्तर-द्विसहस्रतमे ( २०८१) वैक्रमाब्दे 】 【 द्विशतीतमे ( २००) दयानन्दाब्दे, काल -संवत्सरे, रवि- उत्तरायणे , शिशिर -ऋतौ, माघ - मासे, शुक्ल पक्षे, षष्ठम्यां
तिथौ,
रेवती नक्षत्रे, सोमवासरे
, शिव -मुहूर्ते, भूर्लोके जम्बूद्वीपे, आर्यावर्तान्तर गते, भारतवर्षे भरतखंडे...प्रदेशे.... जनपदे...नगरे... गोत्रोत्पन्न....श्रीमान .( पितामह)... (पिता)...पुत्रोऽहम् ( स्वयं का नाम)...अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शांति समृद्धि हितार्थ, आत्मकल्याणार्थ,रोग,शोक,निवारणार्थ च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे
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