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बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए।।

 *बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए।।*   



एक दो बार समझाने से यदि कोई नहीं समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना,

       *छोड़ दीजिए*  


बच्चे बड़े होने पर वो ख़ुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना,

     *छोड़ दीजिए।*  


गिने चुने लोगों से अपने विचार मिलते हैं, यदि एक दो से नहीं मिलते तो उन्हें,

       *छोड़ दीजिए।*  


एक उम्र के बाद कोई आपको न पूछे या कोई पीठ पीछे आपके बारे में गलत कह रहा है तो दिल पर लेना,

       *छोड़ दीजिए।*   


अपने हाथ कुछ नहीं, ये अनुभव आने पर भविष्य की चिंता करना,

      *छोड़ दीजिए।*   


यदि इच्छा और क्षमता में बहुत फर्क पड़ रहा है तो खुद से अपेक्षा करना,

     *छोड़ दीजिए।*  


हर किसी का पद, कद, मद, सब अलग है इसलिए तुलना करना,

      *छोड़ दीजिए।*  


बढ़ती उम्र में जीवन का आनंद लीजिए, रोज जमा खर्च की चिंता करना,

        *छोड़ दीजिए।*  


उम्मीदें होंगी तो सदमे भी बहुत होंगे, यदि सुकून से रहना है तो उम्मीदें करना,

        *छोड दीजिए।*  


मैसेज अच्छा लगे तो ठीक, न लगे तो फारवर्ड करने का विचार,                             

         *छोड़ दीजिये।*

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