🕉️🙏ओ३म् सादर नमस्ते जी 🙏🕉️
🌷🍃 आपका दिन शुभ हो 🍃🌷
दिनांक - - १९ दिसम्बर २०२४ ईस्वी
दिन - - गुरुवार
🌖 तिथि -- चतुर्थी ( १०:०२ तक तत्पश्चात पञ्चमी )
🪐 नक्षत्र - - आश्लेषा ( २६:०० तक तत्पश्चात मघा )
पक्ष - - कृष्ण
मास - - पौष
ऋतु - - हेमन्त
ऋतु - - दक्षिणायन
🌞 सूर्योदय - - प्रातः ७:०९ पर दिल्ली में
🌞 सूर्यास्त - - सायं १७:२८ पर
🌖चन्द्रोदय -- २१:२८ पर
🌖 चन्द्रास्त १०:३१ पर
सृष्टि संवत् - - १,९६,०८,५३,१२५
कलयुगाब्द - - ५१२५
विक्रम संवत् - -२०८१
शक संवत् - - १९४६
दयानंदाब्द - - २००
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🚩‼️ओ३म्‼️🚩
🔥प्रश्न -जब कर्मों का फल मिलना ही है तो ईश्वर की उपासना करने से क्या लाभ?
💐 उत्तर - ईश्वर की उपासना करने से बुद्धि पवित्र होती हैं और विशेष आनन्द की प्राप्ति होती है। आत्मिक बल बढ़ता है। मन में उत्तम विचार उत्पन्न होते है। परिणामस्वरूप मनुष्य भविष्य में बुरे कर्म नहीं करता या कम करता है। साथ है उपासना भी तो कर्म है हैं, जिसका फल मिलना भी निश्चित हैं I
प्रश्न - क्या हमारा भविष्य निश्चित है और इसको कोई जानकार बता सकता है?
उत्तर - हमारा भविष्य निश्चित नहीं है और इसको कोई भी जानकार बता नही सकता। ईश्वर ने मनुष्य को कर्म करने के लिए स्वतंत्र छोड़ रखा है । मनुष्य योनि कर्म योनि है । इतिहास साक्षी है संसार के प्रमुख महापुरुष अपनी कड़ी मेहनत और पवित्र कर्मों के द्वारा ही उँचे से उँचे स्तर पर पहुंचें है।
प्रश्न - तो फिर जो ये ज्योतिषी लोग भविष्य की बातें बताते हैं वे सत्य है या नही?
उत्तर - हाँ जो ज्योतिषी लोग भविष्य की बातें बताते हैं वे सत्य नहीं है ।ज्योतिषशास्त्र में जो अंक गणित, बीज गणित और रेखा गणित की विद्या है वह सब सच्ची है प्रन्तु जो फल की लीला ज्योतिषी लोग बताते हैं वह सब झूठी है।
प्रश्न - क्या ईश्वर अपनी इच्छा से किसी मनुष्य को बिना कर्म किये सुख-दु:ख रूपी फल देता है?
उत्तर - ईश्वर अपनी इच्छा से किसी मनुष्य को बिना कर्म किये सुख-दु:ख रूपी फल नहीं देता।
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🚩‼️आज का वेद मंत्र ‼️🚩
🌷 ओ३म् विश्वे देवा नो अद्या स्वस्तये वैश्वानरो वसुरग्नि: स्वस्तये। देवा अवन्त्वृभव: स्वस्तये स्वस्ति नो रुद्र: पात्वंहस:।( ऋग्वेद)
🌷 आज सब विद्वान लोग हमारे कल्याण के लिए हो। सब मनुष्यों में वर्तमान सर्वव्यापक ज्ञान-स्वरुप परमात्मा हमारा कल्याण करे। मेधावी विद्वान सुख के लिए हमारी रक्षा करे।दुष्टों को दण्ड देने वाला प्रभु!हमें पापों से सदा दूर रखें ताकि हमारा सदा कल्याण हो।
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🔥विश्व के एकमात्र वैदिक पञ्चाङ्ग के अनुसार👇
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🙏 🕉🚩आज का संकल्प पाठ 🕉🚩🙏
(सृष्ट्यादिसंवत्-संवत्सर-अयन-ऋतु-मास-तिथि -नक्षत्र-लग्न-मुहूर्त) 🔮🚨💧🚨 🔮
ओ३म् तत्सत् श्रीब्रह्मणो द्वितीये प्रहरार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे 【एकवृन्द-षण्णवतिकोटि-अष्टलक्ष-त्रिपञ्चाशत्सहस्र- पञ्चर्विंशत्युत्तरशततमे ( १,९६,०८,५३,१२५ ) सृष्ट्यब्दे】【 एकाशीत्युत्तर-द्विसहस्रतमे ( २०८१) वैक्रमाब्दे 】 【 द्विशतीतमे ( २००) दयानन्दाब्दे, काल -संवत्सरे, रवि- दक्षिणायने , हेमन्त -ऋतौ, पौष - मासे, कृष्ण पक्षे, चतुर्थयां
तिथौ,
आश्लेषा नक्षत्रे, गुरुवासरे
, शिव -मुहूर्ते, भूर्लोके जम्बूद्वीपे, आर्यावर्तान्तर गते, भारतवर्षे ढनभरतखंडे...प्रदेशे.... जनपदे...नगरे... गोत्रोत्पन्न....श्रीमान .( पितामह)... (पिता)...पुत्रोऽहम् ( स्वयं का नाम)...अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शांति समृद्धि हितार्थ, आत्मकल्याणार्थ,रोग,शोक,निवारणार्थ च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे
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