अपने सभी मित्रगण व सहयोगीयो के साथ मैं अध्यक्ष, श्री मनोज पाण्डेय संस्थापक ज्ञान विज्ञान ब्रह्मज्ञान वैदिक विश्वविद्यालय की तरफ से हृदय की अनंत गहराइयों से स्वागत अभिनंदन और बंदन करता हूं ।
आप महानुभावो से हमारा निवेदन है की हमारी संस्था हिन्दू धर्म के प्रति निस्पक्ष रूप से काम करती है । जो की निम्न है।
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वेदोच्चारण
•
यज्ञ और हवन
•
संस्कृत- इंग्लिश की पूर्ण शिक्षा हमारे विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जाती है।
•
हमारे यहां
उपलब्ध सुविधा और पाठ्यक्रम कुछ इस प्रकार से है,
जिसमें आप मात्र थोड़े से मासिक आर्थिक सहयोग को देकर इसका लाभ ले सकते हैं। प्रवेश
2020 और 2021 के लिए आवेदन स्वीकार किये जा रहे हैं। किसी भी पाठ्य क्रम में प्रवेश के लिये एक हजार एडमिशन शुल्क, 500 रूपये मासिक
शुल्क लिया जायेगा।
1. चार वेद संक्षिप्तरूप से अध्ययन, कोर्स तीन महिने का है। हिन्दी अंग्रेजी और संस्कृत भाषा में,
2. 11 उपनिषद का अध्ययन संस्कृत हिन्दी और अंग्रेजी भाषा मे संक्षिप्त रुप से मात्र तीन महीने में,
3. 6 वैदिक दर्शन
संक्षिप्त अध्ययन 3 महीने हिन्दी अंग्रेजी और संस्कृत भाषा में
4. उपदेश, प्रवचन, 16 प्रकार के
वैदिक संस्कार का अध्ययन तीन महीने में
5. यज्ञ, हवन, पूजा, पाठ, और विवाह आदि संस्कार मात्र तीन महीने, सीखे योग्य आचार्य और गुरु से
6. योग दर्शन अष्टांगयोग का अध्ययन जिसमें धारणा,
ध्यान, समाधि का प्रयोग मात्र तीन महीने में,
7. महाभारत, रामायण, आठारह पुराण, संस्कृत स्मृति, नीति, साहित्य, नाटक काव्यों का अध्ययन संक्षिप्त रुप से तीन महीने के लिए।
8. वैदिक व्याकरण के अध्ययन के लिए पाचंवी पास बच्चों का प्रवेश लिया जायेगा जिसमें, 25 ब्राह्मण बालको का यज्ञोपवित संस्कार कराया जायेगा,
तदन्तर अष्टाध्याइ 3 साल,
प्रथमावृत्ती 2 साल, कासीका, महाभाष्य तीन साल तक का पाठ्यक्रम है। इसके अलावा विज्ञान,
मैथ, कम्प्यूटर साफ्टवेयर हार्ड वेयर, प्रोग्रामिगं लांग्वेज, आदि की व्यवस्था की जायेगा।
नोटः- यही पाठ्यक्रम 6 महीने और साल भर, अथवा तीन साल तक किसी अपने मन चाहे विषय का विस्तार से अध्ययन भी कर सकते है। कम्प्यूटर की भी शिक्षा दी जायेगी जिसके साथ अंग्रेजी स्पीकिंग इत्यादि भी होगा। विद्यालय परिसर में अभी मात्र 25 लोगों के रहने की सुविधा है। यहां आकर भी शिक्षा को ग्रहण कर सकते हैं।
1.
यज्ञ
प्रवचन पाठ का विशेष कार्यक्रम कराने का खर्च चतुर्वेद 60 लाख समय 6 महीने में विस्तार से उपलब्ध भाष्य की हिन्दी
अंग्रेजी में व्यख्या सहित। केवल ऋग्वेद का यज्ञ 15 लाख समय तीन महीने में। अथर्वेद
यज्ञ 45 दिन में, यजुर्वेद 3 लाख 15 दिन
में। इसी प्रकार से सामवेद आदि के मंत्रो से यज्ञ करा सकते है। पुराणो का पाठ
प्रवचन एक पुराण समय 3 महीने में विस्तार से व्याख्या सहित तीन महिने का शिवीर यह
कार्यक्रम संचालित हमारी संस्था करवाती है 3 लाख में। ग्यारह मुख्य उपनिषद का
प्रवचन व्याख्या सहित 15 दिन में मात्र 1 लाख में, इसके अतिरीक्त वैदिक छः दर्शनों
में कोई भी एक दर्शन का प्रवचन 15 दिन में 1 लाख रुपये में यह कार्य हमारे अस्तीत्व
की रक्षा के लिये और मानव जाति के कल्याण के लिए परम आवश्यक है। जिसको हमारी
संस्था कराने के लिए कृत संकल्पित है इसमें सभी कार्य में आप सभी के भरपूर सहयोग
की आवश्यकता है आप हमारे साथ अपनी जिम्मेदारी का वहन करे।
2.
हमारी
आवश्यकता एक ऐसा विश्वविद्यालय बनाना है, जिसमें
बच्चे का पूर्ण विकास और उसके व्यक्तित्व
को निखारने का कार्य एक छत के निचे
उपलब्ध हो, प्रारंभ से अ ह स से कर के उसे
ज्ञ तक का ज्ञान उपलब्ध कराना है। जिसमें बहुत बड़े – बड़े व्यवधान भी है। जिनको
दूर करना समाज के महान महापुरुषो का कार्य होता है। हमारी इतनी बड़ी सामर्थ नहीं
है हम जानते है, हम जिस सिद्धांत पर कार्य करते है उसमें पहला नियम है स्वयं को
पूर्ण ईश्वर के हाथों में समर्पित करना है औरउस ईश्वर के आदेश से यह कार्य हमने
शुरु किया है। आप सब में भी वही ईश्वर है, उसके पास जाने की सीढ़ी हम सब के पास है
हमें उस मार्ग पर चलने के लिए कृतसंकल्पित होना है, उसके लिए हम जिस लायक है उस
प्रकार की यथा योग्य कार्य को कर के अपने जीवन को कृतकृत्य कर सकते है, और
इसी प्रकार से हम सब स्वयं के श्रम से इस
भौतिक, दैविक, आध्यात्मिक दृष्टी में योगदान दे सकते है, जो हम सब का सर्व प्रथम
धर्म और जिम्मेदारी है। क्योंकि हम सब मानव है, क्योंकि वेद का कथन है मनुर्भवः
मनुस्य बनो, अर्थात मनुष्य होना ईश्वर होने के समान है, एक मनुष्य की व्यख्या
संस्कृत श्लोक करते हुए कहते हैं कि - सत्यं माता पिता ज्ञानं धर्मो भ्राता दया सखा।
शान्ति: पत्नी क्षमा पुत्र: षडेते मम बान्धवा:॥ सत्य मेरी माता, ज्ञान मेरे पिता,
धर्म मेरा बन्धु, दया मेरा सखा, शान्ति मेरी पत्नी तथा क्षमा मेरा पुत्र है। यह सब मेरे रिश्तेदार है। जो
व्यक्ती इस मार्ग पर चलता है उसका अपने संसार में कोई नहीं रहता है वह अकेला ही
रहता है उसके लिये उसका ज्ञान और सत्य ही सब कुछ है भले हि उसके लिये उसको अपनी
शरीर रूपी संसार से संधिवीच्छेद करना पड़े वह सहर्ष स्विकार करता है। न
मर्षयन्ति चात्मानं संभावयितुमात्मना। अदर्शयित्वा शूरास्तू कर्म कुर्वन्ति
दुष्करम्॥ शूर जनों को अपने मुख
से अपनी प्रासंशा करना सहन नहीं होता।
3.
वे वाणी के द्वारा प्रादर्शन न करके दुष्कर
कर्म ही करते है। चलन्तु गिरय: कामं युगान्तपवनाहता:। कॄच्छे्रपि न चलत्येव
धीराणां निश्चलं मन:॥ युगान्तकालीन वायु के झोंकों से पर्वत भले ही चलने
लगें परन्तु धैर्यवान् पुरूषों के निश्चल) दय किसी भी संकट में नहीं डगमगाते।
4.
सभी
सुवीधाओं से युक्त एक इमारत विद्यार्थियों के लिए जिसमें अपनी शिक्षा के साथ
गुरकुलिय परिवेश में बच्चे रहकर दिर्धकाल तक अध्ययन, अध्यापन, अध्यासन कर सके।
जिसके लिए जमीन की किमत को जोड़ दिया जाये एक सामान्य इमारत के लिये, पचास लाख की
जमीन और पचास लाख की ज्ञान विज्ञान ब्रह्मज्ञान वैदिक एज्यूकेशनल ट्रस्ट की इमारत
कुल एक करोड़ रूपये इसको निरंतर जारी रखने के लिए कम से कम 15 लाख 100 बच्चों पर साल में आयेगा।
यह सब विचारने योग्य बिंदु है।
5.
रामपुर
घाट पर पिपा पुल हटा कर यदि पक्का पुल बना दिया जाता है तो मिर्जापुर के लोगों के
साथ भदोही ज्ञान पुर के लोगों का बहुत बड़ा उपकार होगा।
हमारे यहां सारे पाठ्यक्रम योग्यता से कराये जायेगें जिसमें हमारी संस्था अपना प्रमाण-पत्र भी उपलब्ध करायेगी
। खेल में, क्रिकेट,कबड्डी, खो-खो, बाली बाल, कुश्ती, शतरंज, वैडमिटन, कसरत इत्यादि का भी प्रशिक्षण दिया जाता है।
आप सभी
युवा खेल प्रेमियों को सूचित किया जा रहा है कि आप सब के क्षेत्र में ज्ञान विज्ञान ब्रह्मज्ञान
के तत्वाधान में क्रिकेट कोचिंग सेंटर की स्थापना की जा रही है, जो भी बच्चे क्रिकेट का प्रशिक्षण लेना चाहते हैं वह ज्ञान विज्ञान ब्रह्मज्ञान
वैदिक विद्यालय के कार्यालय में दिन के 3 से 5 बजे के
मध्य में संपर्क करें (रविवार कार्यालय का कार्य नहीं होगा।
वैदिक संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए ज्ञान विज्ञान ब्रह्मज्ञान वेद प्रचार मंडल का कार्यक्रम चल रहा है, इसमें आप सब हर प्रकार से सहयोग कर सकते है अपने क्षेत्र में प्रचार प्रसार कर के या करा के आप स्वयं अपने क्षेत्र के प्रशिक्षक बन सकते हैं।
आप
सभी
हिन्दू
धर्म
के
अनुज्ञाइयों
से
निवेदन
है, की
हमारी
संस्था
के
प्रति
आप
अपने
दिल
से
हिन्दू
धर्म
के
प्रचार
प्रसार
के
लिए
मात्र 100 रू
हर
महानुभाव
से
सहातार्थ
राशि
की
अपेक्षा
करती
है
और
हमें
पूर्ण
विश्वास
है
की
आप
सब
हमारा
ध्यान
देगे।
A.C. 270410210000001-
IFSC
BKIDARYAGB-
आर्यावर्त वैंक नदिनी जोपा मिर्जापूर (उ.प्र.) PIN- 231303
अध्यक्ष- मनोज पाण्डेय, सचिव संतोष
पाण्डेय कोषाध्यक्ष- बिजनेस पाण्डेय
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