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UPANISHAD

उपनिषद की कथाएं

देवताओं की शक्ति-परीक्षा

1.   सत्यकाम द्वारा गोश्रुति को रहस्योद्धाटन

2. सृष्टि की कथा

3. ब्रह्मचारी तथा दो मुनि

4. उशस्ति की कथा

5.  उपकोसल की कथा

6. गार्गी तथा याज्ञवल्क्य के बीच संवाद

7.  द! द! द! Brihadaranyaka

8. उद्दालक तथा याज्ञवल्क्य के बीच संवाद

9. इन्द्रियों में परस्पर विवाद

10.                  राजा अजात शत्रु तथा दम्भी बालकी का संवाद

11.                     प्रकाशों का प्रकाश

12.                   इन्द्र तथा विरोचन की कथा

13.                  श्वेतकेतु

14.                   सम्पूर्ण को देखने पर ही सत्य का ज्ञान होता है

15.                   रैक्व गाडीवान

16.                   परम ज्ञान

17.                    किससे प्रेरित होकर विश्व गति करता है?

18.                   भागवत सिद्धि के सोपान

19.                    परलोक

20            याज्ञवल्क्य तथा मैत्रेयी

21.                   यम-नचिकेता संवाद

22.                 सत्यकामः - सत्य का जिज्ञासु

अध्यात्मोपनिषद

अथर्वशिर उपनिषद्

Upanishad Slokas with English meaning

 ईशावस्योपनिषद प्रथम मंत्र

ईशावास्योपनिषद द्वितीय मंत्र हिन्दी

ईशावास्यउपनिषद त्रीतिय मंत्र

ईशावास्योपनिषद चतुर्थमंत्र

ईशावास्योपनिषद पंचम मंत्र

ईशावास्योपनिषद मंत्र 6

ईशावास्योपनिषद मंत्र -7

ईशावास्योपनिषद मंत्र -8 हिन्दी

ईशावास्योपनिषद मंत्र -9 हिन्दी

ईशावास्योपनिषद मंत्र -10 हिन्दी

ईशावास्योपनिषद मंत्र -11

ईशावास्योपनिषद मंत्र -12

ईशावास्योपनिषद मंत्र -13

ईशावास्योपनिषद मंत्र -14

ईशावास्योपनिषद मंत्र - 15

ईशावास्योपनिषद मंत्र -16

ईशावास्योपनिषद मंत्र -17

ईशावास्योपनिषद मंत्र 18

केनोपनिषद काण्ड-1 श्लोक 1-8

केनोपनिषद काण्ड 2, श्लोक1-5

केनोपनिषद काण्ड -3 श्लोक 1-12

केनोपनिषद काण्ड-4 श्लोक 1-9 हिन्दी

कठोपनिषद अध्याय -1 वल्लि -1 श्लोक 1-29

न्यायदर्शन सूत्रभाष्य 1

न्यायदर्शन प्रथम अध्याय प्रथम आह्निक सूत्र 1-15 हिन्दी सहित

भारतीय धर्म-दर्शन की परंपरा और भक्ति आंदोलन

भारत की प्राकृतिक विशेषताएँ

प्रागैतिहासिक युग

मुहेंजो-दड़ो

आर्य

वेद

यजुर्वेद अध्याय 1 मंत्र 1-9

वैदिक युग का धर्म

संस्कृत भाषा का स्वरूप

संस्कृत नाटक की उत्पत्तिः उद्भव और विकास


ENGLISH SANSKRIT HINDI

From Vashti to Samashti Realization (Aaatmbindu Upanishad)

The Simile of the Arani Fire (Aaatmbindu Upanishad)

Churning the Milk For the Butter (Aaatmbindu Upanishad)

Preparation for the Higher Knowledge(Aaatmbindu Upanishad)

From the Lower to the Higher knowledge (Aaatmbindu Upanishad)

The Two Knowledge- Lower and Higher (Aaatmbindu Upanishad)

Beyond Sound is the Imperishable Brahman (Aaatmbindu Upanishad)

The Self's "Hide and Seek" Mystery (Aaatmbindu Upanishad)

The "Avacchheda Vada" Analogy (Aaatmbindu Upanishad)

The "Pratibimba Vada" Analogy (Aaatmavindu Upanishad)

Analyzing the Three States

The Absolute Standpoint (Aatmbindu Upanishad)

More Characteristics of Brahman (Aatmbindu Upanishad)

Characteristics to identify Brahman (Aatmbindu Upanishad)

Taking the Help of the  "OM" Symbol (Aatmbindu Upanishad)

DESTRUCTION OF THE MIND- The Subtle process of Meditation

When Sadhana Fructifies into Siddhi (Aatmbindu Upanishad)

The Reward of Training the Mind (Aatmbindu Upanishad)

The Training of a Seeker's Mind (Aatmbindu Upanishad)

The Cause of Bondage or Liberation (Aatmbindu Upanishad)

Two type of Mind (Aatmbindu Upanishad) 


 

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