Ad Code

आरती भगवान श्रीशिवशंकर

 


आरती भगवान श्रीशिवशंकर 

हरि कर दीपक, बजावें संख सुरपति,
गनपति झाँझ, भैरों झालर झरत हैं ।
नारदके कर बीन, सारदा गावत जस,
चारिमुख चारि वेद बिधि उचरत हैं ॥

षटमुख रटत ससहस्रमुख सिव सिव,
सनक-सनंदनादि पाँयन परत हैं ।
बालकृष्ण तीनि लोक, तीस और तीनि कोटि,
एते शिवशंकरकी आरति करत हैं ॥

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Ad Code