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उपकार किस पर करें?

 

👉 उपकार किस पर करें?

 

🔷 जंगल में शेर शेरनी शिकार के लिये दूर तक गये अपने बच्चों को अकेला छोड़कर। देर तक नहीं लौटी तो बच्चे भूख से छटपटाने लगे उसी समय एक बकरी आई उसे दया आई, और उन बच्चों को दूध पिलाया फिर बच्चे मस्ती करने लगे, तभी शेर शेरनी आयी बकरी को देख लाल पीले होकर हमला करता उससे पहले बच्चों ने कहा इसने हमें दूध पिलाकर बड़ा उपकार किया है नहीं तो हम मर जाते।

 

🔶 अब शेर खुश हुआ और कृतज्ञता के भाव से बोला हम तुम्हारा उपकार कभी नहीं भूलेंगे जाओ आजादी के साथ जंगल में घूमो फिरो मौज करो। अब बकरी जंगल में निर्भयता के साथ रहने लगी यहाँ तक कि शेर के पीठ पर बैठकर भी कभी - कभी पेड़ों के पत्ते खाती थी।

 

🔷 यह दृश्य चील ने देखा तो हैरानी से बकरी को पूछा तब उसे पता चला कि उपकार का कितना महत्व है। चील ने यह सोचकर कि एक प्रयोग मैं भी करता हूँ चूहों के छोटे - छोटे बच्चे दलदल में फंसे थे निकलने का प्रयास करते पर कोशिश बेकार।

 

🔶 चील ने उनको पकड़ - पकड़ कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया बच्चे भीगे थे सर्दी से कांप रहे थे तब चील ने अपने पंखों में छिपाया, बच्चों को बेहद राहत मिली काफी समय बाद चील उड़ कर जाने लगी तो हैरान हो उठी चूहों के बच्चों ने उसके पंख कुतर डाले थे। चील ने यह घटना बकरी को सुनाई तुमने भी उपकार किया और मैंने भी फिर यह फल अलग क्यों?

 

🔷 बकरी हंसी फिर गंभीरता से कहा

 

🔶 उपकार भी शेर जैसों पर किया जाए चूहों पर नहीं। चूहों  (कायर) हमेशा उपकार को स्मरण नहीं रखेंगे वह तो भूलना बहादुरी समझते हैं और शेर (बहादुर )उपकार कभी नहीं भूलेंगे।

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