🙏 *आज का वैदिक भजन* 🙏 1194
*ओ३म् पू॒र्णात्पू॒र्णमुद॑चति पू॒र्णं पू॒र्णेन॑ सिच्यते।*
*उ॒तो तद॒द्य वि॑द्याम॒ यत॒स्तत्प॑रिषि॒च्यते॑ ॥*
अथर्ववेद 10/8/29
आओ! हम सब यह जाने
परिपूर्ण है सन्सार
कोई त्रुटि ना कमी है
क्योंकि प्रभु है आधार
परिपूर्णता है उसकी
कर सकें ना अनुभव
क्या समझ सकेंगे ?
पूर्ण पुरुष का प्यार
आओ! हम सब यह जाने
परिपूर्ण है सन्सार
कोई त्रुटि ना कमी है
क्योंकि प्रभु है आधार
परिपूर्णता है उसकी
कर सकें ना अनुभव
क्या समझ सकेंगे ?
पूर्ण पुरुष का प्यार
दृष्टि चाहे हमारी
होती भिन्न-भिन्न
पर समूची सृष्टि
दिख रही अविच्छिन्न
जब पूर्ण पुरुष ने
रचा है जगत्
फिर तो कैसे ना होगा?
कहो परिपूर्ण
रख दिया ना केवल
रचना करके जगत्
उसे सींच रहा है
प्रभु सर्वाधार
आओ! हम सब यह जाने
परिपूर्ण है सन्सार
कोई त्रुटि ना कमी है
क्योंकि प्रभु है आधार
परिपूर्णता है उसकी
कर सकें ना अनुभव
क्या समझ सकेंगे ?
पूर्ण पुरुष का प्यार
हमने जान लिया है
प्रभु है निपुण
जग-जवन को हमारे
लिए लिया चुन
आओ पहचाने
परिपूर्ण पालक को हम
उसके पथ का पथिक बन
हो सार्थक जनम
उसकी फुलवारी के
बनते जाएँ सुमन
उस की कृतियाँ कृपामय
बनी हैं उदार
आओ! हम सब यह जाने
परिपूर्ण है सन्सार
कोई त्रुटि ना कमी है
क्योंकि प्रभु है आधार
परिपूर्णता है उसकी
कर सकें ना अनुभव
क्या समझ सकेंगे ?
पूर्ण पुरुष का प्यार
आओ! हम सब यह जाने
परिपूर्ण है सन्सार
परिपूर्ण है सन्सार
परिपूर्ण है सन्सार
*रचनाकार व स्वर :- पूज्य श्री ललित मोहन साहनी जी – मुम्बई*
*रचना दिनाँक :--* ८.१०.२०१० ९.३० रात्रि
*राग :- यमन कल्याण*
गायन समय रात्रि का प्रथम प्रहर, ताल कहरवा ८ मात्रा
*शीर्षक :- पूर्ण परमात्मा* भजन ७६५ वां
*तर्ज :- *
00163-763
जवन = वेगयुक्त, (गतिमान संसार)
अविच्छिन्न = अखण्डित
*प्रस्तुत भजन से सम्बन्धित पूज्य श्री ललित साहनी जी का सन्देश :-- 👇👇*
पूर्ण परमात्मा
मनुष्यो! आओ, हम यह जाने कि यह संसार परिपूर्ण है। संसार की पृथक- पृथक वस्तुएं बेशक अपूर्ण हैं, अधूरी हैंं, त्रुटिमय हैं, किंतु यह समूचा संसार मिलकर परिपूर्ण ही है। यदि हम संसार की परिपूर्णता को नहीं अनुभव करते हैं तो हम अभी संसार को नहीं जानते हैं। पूरी समूची दृष्टि से जब हम संसार को देख सकेंगे तो हम देखेंगे कि इस समष्टि संसार में कोई कसर, त्रुटि व कमी नहीं है और यह संसार पूर्ण क्यों ना हो, जब यह पूर्ण पुरुष का रचा हुआ है पूर्ण से पूर्ण ही उत्पन्न होता है। नि:संदेह यह पूर्ण जगत उस पूर्ण परमेश्वर से निकला है प्रादुर्भूत हुआ है।
भाइयो! और फिर तुम यह देखो कि उसे पूर्ण प्रभु ने इस पूर्ण जगत को एक बार पैदा करके ही नहीं रख दिया है, किंतु वह इसे लगातार सींच रहा है, सतत जीवनरस पहुंचाता हुआ पालन भी कर रहा है, अर्थात् यह जगत् ना केवल पूर्ण पैदा हुआ है किंतु पूर्ण रूप से चल भी रहा है और पूर्ण रूप से सदा चलता रहता है इस पूर्ण माली द्वारा पूरी तरह सींचा जाता हुआ सदा पूर्णतया फूलता-फलता रहता है।
हे मेरे भाइयो! यदि हमने यह जान लिया है कि यह जगत एक परिपूर्ण कृति है और फिर यह भी जान लिया है कि फलतः इसका करता भी परिपूर्ण होना चाहिए, तो आओ अब हम उस परिपूर्ण को जानें पहचानें और प्राप्त करें जो पूर्ण इस पूर्ण जगत् को उत्पन्न कर इसे सदा पूर्णतया सींच रहा है। आओ, आओ! आज से हम उसकी खोज में निकल पड़ें जो परिपूर्ण है और परिपूर्णता का देने वाला है। आज से उस पथ के पथिक बन जाएं जो कि हमें परिपूर्णता के पद पर पहुंचाने वाला है। जानेंगे तभी तो प्रयत्न करेंगे, वरना हम परिपूर्ण किस प्रकार होंगे?
🕉👏ईश भक्ति भजन
भगवान् ग्रुप द्वारा, 🙏🌹
🙏 *aaj ka vaidik bhajan* 🙏 1194
*om poornaatpoornamudachati poornan poornen sichyate.*
*uto tadady vidyaam yatastatparishichyate .*
atharvaved 10/8/29
aao! ham sab yah jaane paripoorn hai sansaar
koee truti na kamee hai kyonki prabhu hai aadhaar paripoornata hai usakee kar saken na anubhav
kya samajh sakenge ? poorn purush ka pyaar
aao! ham........
drshti chaahe hamaaree hotee bhinn-bhinn
par samoochee srshti dikh rahee avichchhinn
jab poorn purush ne racha hai jagat
phir to kaise na hoga? kaho paripoorn
rakh diya na keval rachana karake jagat
use seench raha hai prabhu sarvaadhaar. aao! ham sab yah jaaneparipoorn hai sansaar
koee truti na kamee hai kyonki prabhu hai aadhaar
paripoornata hai usakee kar saken na anubhav
kya samajh sakenge ?poorn purush ka pyaar
hamane jaan liya hai
prabhu hai nipunajag-javan ko hamaare lie liya chun
aao pahachaane paripoorn paalak ko ham
usake path ka pathik ban ho saarthak janam
usakee phulavaaree ke banate jaen suman
us kee krtiyaan krpaamay banee hain udaar
aao! ham sab yah jaane
paripoorn hai sansaar
koee truti na kamee hai
kyonki prabhu hai aadhaar
paripoornata hai usakee
kar saken na anubhav
kya samajh sakenge ?
poorn purush ka pyaar
aao! ham sab yah jaane
paripoorn hai sansaar
paripoorn hai sansaar
paripoorn hai sansaar
*Writer and voice:- Pujya Shri Lalit Mohan Sahni Ji – Mumbai*
*Date of composition:--* 8.10.2010 9.30 pm
*Raag:- Yaman Kalyan*
Singing time: First quarter of the night, rhythm: Kaharwa 8 maatra
*Title:- Purna Parmatma* Bhajan 765th
*Tune:- * Kulmuliyule yan chiradil (Malayalam)
Javan = fast, (moving world)
Avichhinna = unbroken
*Message of Pujya Shri Lalit Sahni Ji related to this Bhajan:-- 👇👇*
Complete God
O humans! Let us know that this world is perfect. The individual things of the world are no doubt imperfect, incomplete, flawed, but this entire world together is perfect. If we do not experience the perfection of the world, then we do not know the world yet. When we will be able to see the world from a complete perspective, then we will see that there is no shortcoming, error or deficiency in this entire world and why should this world not be perfect, when it is created by the perfect man, only perfection is born from the perfect. Undoubtedly, this perfect world has emerged from that perfect God.
Brothers! And then you see that the Perfect Lord has not just created this perfect world once, but He is constantly watering it, constantly providing life nectar and nurturing it, that is, this world is not only born perfect but is also functioning perfectly and always continues to function perfectly, being watered perfectly by this Perfect Gardener, it always keeps blossoming and fruiting perfectly.
O my brothers! If we have understood that this world is a perfect creation and then we have also understood that consequently its creator should also be perfect, then let us now know, recognize and attain that Perfect One who has created this perfect world and is always watering it perfectly. Come, come! From today onwards, let us set out in search of the One who is perfect and the giver of perfection. From today onwards, let us become travelers of that path which will take us to the stage of perfection. Only when we know, we will make efforts, otherwise how will we become perfect? 🕉👏God's devotional song
By Bhagwan Group, 🙏🌹
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