➖वयं स्याम पतयो रयीणाम्
ऋग्वेद 10/121/10
हम धन-ऐश्वर्यों के स्वामी होवें
रयि=धन= विद्या-धन, यश-धन, अर्थ-धन, तप-धन, पशु-धन, वीर्य, पुष्टि, सोम, श्री, ऐश्वर्य, चक्रवर्त्ति राज्य आदि धन, सुवर्ण के स्वामी हों।
धनतेरस बर्तन व गहने खरीदने का दिन नही|
अपितु वैद्य धन्वंतरि जयंती है! जिन्होंने दुनिया को आयुर्वेद का ज्ञान दिया: कुछ ने बिजनेस की नियत से जनता को गुमराह कर धनवंतरी शब्द का अपभ्रंश करके धनतेरस कर दिया. धनतेरस वास्तव में ऋषि धन्वंतरि का जन्मदिन है, जो आयुर्वेद के जनक है, किन्तु गुलामी काल मे हम इस दिन का वास्तविक अर्थ भूल गये और इसे वस्तुएं खरीदने का दिन बना दिया। ऋषि कहते हैं आयुर्वेद का पालन करो तो तुम्हारे जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि, आरोग्य, सुख, वैभव, अक्षय, यश, अपार धन बना रहेंगा!! इन्हीं कामनाओं के साथ मनाये जाने वाले " धनतेरस (धन्वंतरि ) पर्व, आयुर्वेद के जनक, आरोग्य के देवता, भगवान " धन्वंतरि जी के जन्मदिवस की सभी मित्र, इष्टजनों को अनंत शुभकामनायें
धन-तेरस(त्रयोदशी) की शुभकामनायें 🙏
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