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शुभ या अशुभ मुहूर्त

 *🚩‼️ओ३म्‼️🚩*



*🕉️🙏नमस्ते जी🙏🕉️*


दिनांक  - - ०८ फ़रवरी २०२५ ईस्वी


दिन  - -  शनिवार 


  🌓 तिथि --  एकादशी ( २०:१५ तक तत्पश्चात द्वादशी )


🪐 नक्षत्र - - मृगशिर्ष ( १८:०७ तक तत्पश्चात   आर्द्रा )

 

पक्ष  - -  शुक्ल 

मास  - -  माघ 

ऋतु - - शिशिर 

सूर्य  - - उत्तरायण 


🌞 सूर्योदय  - - प्रातः ७:०५ पर दिल्ली में 

🌞 सूर्यास्त  - - सायं १८:०६ पर 

🌓 चन्द्रोदय  -- १३:५० पर 

🌓 चन्द्रास्त  - - २८:४४ पर 


 सृष्टि संवत्  - - १,९६,०८,५३,१२५

कलयुगाब्द  - - ५१२५

विक्रम संवत्  - -२०८१

शक संवत्  - - १९४६

दयानंदाब्द  - - २००


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            *🚩‼️ओ३म्‼️🚩*


 *🔥शुभ या अशुभ मुहूर्त *

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  मुहूर्त अर्थात् कोई संस्कार कराने के लिए समय एवं तिथि आदि का निर्धारण करना। लेकिन एक ही दिन में एक ही समय पर पंडितों द्वारा शुभ मुहूर्त बताकर हजारों शादियां या संस्कार करा दिये जाते है। दरअसल विवाह संस्कार एक मैरिज इंडस्ट्रीज बन कर रह गया है जिसके कारण महंगे वैकट हाल, फार्म हाउस, हलवाई से लेकर बैड़ -बाजा और गाडियाँ बेहद महंगी हो जाती है।  असल में समय,दिन और कैलेण्डर की कोई भी तारीख़ शुभ-अशुभ नहीं होती। कैई बार तो ऐसा भी देखा गया है कि पंडित द्वारा कोई अशुभ समय बताया गया हो प्रन्तु उस समय इसी कोई दुर्घटना नही होती। एक किस्म से यह भी भय का ही व्यापार है। 


     आखिर इस निश्चित शुभ-अशुभ समय का निर्धारण कौन करेगा, ईश्वर या ज्योतिष-पंडित? जबकि मुहूर्त का सीधा अर्थ होता है किसी कार्य को करने के लिए जब मौसम अनुकूल हो, हमारे और रिश्तेदारों के पास पर्याप्त समय हो, सब परिवारजन साथ हो; बस यही सबसे अच्छा शुभ मुहूर्त होता है। 


      सोचिये ! हजारों रुपये देकर विवाह का शुभ मुहूर्त निकलवाया जाता है।  शादी के लिए पंडित द्वारा बताये गये शुभ मुहूर्त के बाद भी अगर शादी में आँधी, बरसात, या तलाक़ की नौबत आती है तो पंडित पर ४२० का केस दर्ज करवायें। जिससे कि शुभ-अशुभ के अंधविश्वास फैलाने के लिए पंडित को कठोर सज़ा मिलनी चाहिए। 


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*🚩‼️आज का वेद मंत्र ‼️🚩*


*🌷 ओ३म् शं नो अग्निर्ज्योतिरनीको अस्तु शं नो मित्रावरूणावश्विना शम्।शं न: सुकृतां सुकृतानि सन्तु शं न इषिरो अभि वातु वात: ।( ऋग्वेद ७|३५|१४ )*


💐 अर्थ:- ज्योतियों की ज्योति ज्ञानस्वरूप परमेश्वर हमारे लिए शान्ति दायक हो, दिन और रात हमें शान्ति कारक हो, सूर्य और चन्द्रमा हमें शान्ति देने वाले हो, धर्मात्माओं के सुकर्म हमें शान्ति कारक हो, गतिशील पवन हमारे लिए सब ओर से शान्ति देने वाली हो। 


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🔥विश्व के एकमात्र वैदिक  पञ्चाङ्ग के अनुसार👇

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 🙏 🕉🚩आज का संकल्प पाठ 🕉🚩🙏


(सृष्ट्यादिसंवत्-संवत्सर-अयन-ऋतु-मास-तिथि -नक्षत्र-लग्न-मुहूर्त)       🔮🚨💧🚨 🔮


ओ३म् तत्सत् श्री ब्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे श्वेतवाराहकल्पे वैवस्वते मन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे 【एकवृन्द-षण्णवतिकोटि-अष्टलक्ष-त्रिपञ्चाशत्सहस्र- पञ्चर्विंशत्युत्तरशततमे ( १,९६,०८,५३,१२५ ) सृष्ट्यब्दे】【 एकाशीत्युत्तर-द्विसहस्रतमे ( २०८१) वैक्रमाब्दे 】 【 द्विशतीतमे ( २००) दयानन्दाब्दे, काल -संवत्सरे,  रवि- उत्तरायणे , शिशिर -ऋतौ, माघ - मासे, शुक्ल पक्षे, एकादश्यां

 तिथौ, 

    मृगशिर्ष नक्षत्रे, शनिवासरे

 , शिव -मुहूर्ते, भूर्लोके जम्बूद्वीपे, आर्यावर्तान्तर गते, भारतवर्षे भरतखंडे...प्रदेशे.... जनपदे...नगरे... गोत्रोत्पन्न....श्रीमान .( पितामह)... (पिता)...पुत्रोऽहम् ( स्वयं का नाम)...अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शांति समृद्धि हितार्थ,  आत्मकल्याणार्थ,रोग,शोक,निवारणार्थ च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे।


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