वृत्त (Circle)
किसी एक निश्चित बिंदु से समान दूरी पर स्थित बिंदुओं का बिंदु पथ वृत्त कहलाता है। यह निश्चित बिंदु, वृत्त का केंद्र कहलाता है। और केंद्र और बिंदु पथ की दूरी वृत्त की त्रिज्या कहलाती है।
(i) वृत्त का क्षेत्रफल = лr²
(ii) वृत्त की परिधि = 2лr
(iii) वृत्त का व्यास, d = 2r
(iv) वृत्त के चाप की लम्बाई, l = лrӨ/180°
(v) वृत्त के त्रिज्यखंड का क्षेत्रफल = ( лr²Ө)/360
वृत्त के प्रमुख गुण
1. वृत्त के व्यास द्वारा परिधि के किसी भी बिंदु पर अंतरित कोण ९० अंश होता है।
2. जीवा पर केन्द्र से डाला गया लम्ब उस जीवा का समद्विभाजक भी होता है।
3. चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोणों का योग 180 अंश होता है।
4. किसी बाह्य बिदु से एक वृत्त पर खींची दो गई स्पर्श रेखाएं बराबर होती हैं।
5. एक ही वृत्त की सभी त्रिज्याऐं समान होती है|
वृत्ताकार वलय (Circular Ring)
वह समतल आकृति जो भिन्न-भिन्न त्रिज्याओं वाले दो संकेंद्रीय वृतों से घिरी होती है, वृत्तीय वलय कहलाती है|
वृत्ताकार वलय का क्षेत्रफल = л ( R² - r² )
दोनों वलयों की परिधियों का अंतर = 2лR - 2лr
वृत्त की जीवा के गुण
* केंद्र से होकर जाने वाली जीवा उस वृत्त की सबसे बड़ी जीवा होती है।
* किसी वृत्त में सामान दूरी पर खींची गयी जीवाओं की लंबाई सामान होती है।
* किसी वृत्त में सामान लंबाई की जीवाएं केंद्र से सामान दूरी पर होती हैं।
* किसी वृत्त का व्यास उस वृत्त को दो सामान भागों में विभक्त करता है|
उदाहरण:
एक वृत्त की त्रिज्या 21 सेमी. है| इसका क्षेत्रफल कितना है?
हल:- वृत्त का क्षेत्रफल = πr²
अभीष्ट क्षेत्रफल = 22/(7 )×21×21
= 1386 वर्ग सेमी.
एक वृत्त की त्रिज्या 3.5 मीटर है| इसकी परिधि का मान क्या होगा?
हल:- अभीष्ट परिधि = 2 ×22/7×3.5
= 22 मीटर
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