बिद्दो ब्राह्मण, भारत का एक मशहूर पंजाबी पहलवान।
बिद्दो ब्राह्मण का जन्म 1872 को पंजाब के शहर गुजरांवाला में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ । इन्होंने 8 साल की उम्र में अखाड़ा लगाना शुरू कर दिया था । इनके उस्ताद का नाम गंडेशा मिश्र था ।
जवानी में कदम रखते ही बिद्दो एक बड़े नामी पहलवान बन गए । इनका कद 5 फ़ीट 9 इंच था जो आम पहलवानों से काफी लम्बा था । इन्होंने जालो माशकी, चनन कसाई, प्रतापा , करीम बख्श और खलीफा घोड़ा जैसे बड़े पहलवानों को हराया। इनकी बड़ी कामयाबी तब के सबसे बड़े पहलवान रहमानी को हराना था जिनको इन्होंने उठा कर अखाड़े से बाहर पटक दिया था ।
पर इनका सबसे बड़ा कारनामा था लाहौर में गमु बलीवाला पहलवान को हराना। गमु पहलवान जब अखाड़े में हाथी पर बैठ कर पहुंचा तो उस पहलवान ने कहा की वो चावल की खेती करने वाले इस किसान ब्राह्मण को 2 मिनट में मसल देगा। पर कुश्ती जब शुरू हुई तो 3 मिनट चली और ब्राह्मण पहलवान ने गमु को पटक दिया। गुस्से से भरा ब्राह्मण गमु के सीने पर पैर रख कर खड़ा हो गया और हटने से मना कर दिया और गमु को माफ़ी मांगने को कहा। जब रेफरी ब्राह्मण को हटाने में नाकामयाब रहे तो पुलिस बुलानी पड़ी । उसके बाद गमु पहलवान ने ब्राह्मण को फिर से चुनोती दी दो बार। दूसरी बार 6 मिनट में ब्राह्मण ने उसे हरा दिया। और तीसरी बार 8 मिनट चली लड़ाई में ब्राह्मण पहलवान ने उसकी कूल्हे की हड्डी तोड़ दी।
ब्राह्मण पहलवान को इसके बाद सितारा - ऐ - हिन्द का खिताब दिया गया । उनके साफ़ सुथरे स्वभाव, शुद्ध शाकाहार और ईश्वर में आस्था के लिए उन्हें लोग देवता जी कह कर बुलाते थे।
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