*🚩‼️ओ३म्‼️🚩*
*🕉️🙏नमस्ते जी🙏🕉️*
दिनांक - - २६ जनवरी २०२५ ईस्वी ( भारतीय गणतंत्र दिवस )
दिन - - रविवार
🌘 तिथि -- द्वादशी ( २०:५४ तक तत्पश्चात त्रयोदशी )
🪐 नक्षत्र - - ज्येष्ठा ( ८:२६ तक तत्पश्चात मूल )
पक्ष - - कृष्ण
मास - - माघ
ऋतु - - शिशिर
सूर्य - - उत्तरायण
🌞 सूर्योदय - - प्रातः ७:१२ पर दिल्ली में
🌞 सूर्यास्त - - सायं १७:५५ पर
🌘 चन्द्रोदय -- २९:२९ पर
🌘 चन्द्रास्त - - १४:३७ पर
सृष्टि संवत् - - १,९६,०८,५३,१२५
कलयुगाब्द - - ५१२५
विक्रम संवत् - -२०८१
शक संवत् - - १९४६
दयानंदाब्द - - २००
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*🚩‼️ओ३म्‼️🚩*
*🇮🇳भारतीय गणराज्य दिवस २०२५ की हार्दिक शुभकामनाएं! 🇮🇳*
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२६ जनवरी, २०२५ को भारत के गणराज्य दिवस की ७६वीं वर्षगांठ है । यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जो २६ जनवरी, १९५० को भारतीय संविधान के अपनाये जाने की याद दिलाता है ।
गर्व और आत्म-चिंतन का दिन
गणराज्य दिवस भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और उपनिवेशवाद पर इसकी जीत का जश्न मनाने का दिन है । यह दिन देश की प्रगति पर विचार करने, अपनी उपलब्धियों को स्वीकार करने और संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता और समानता के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का है ।
संविधान: लोकतंत्र का आधार
भारतीय संविधान, जिसे डॉ. बी.आर. अम्बेडकर और अन्य प्रतिष्ठित नेताओं ने तैयार किया था, देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पण का प्रतीक है । यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है, सामाजिक न्याय को बढ़ावा देता है और शासन के लिए एक ढांचा प्रदान करता है ।
देश भर में जश्न
गणराज्य दिवस पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है । दिन की शुरुआत राष्ट्रीय ध्वज के फहराव से होती है , इसके बाद परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम और गणमान्य व्यक्तियों के भाषण होते हैं । नई दिल्ली में सबसे बड़ा जश्न मनाया जाता है, जहां राष्ट्रपति देश को संबोधित करते हैं और वीरता पदक पात्र व्यक्तियों को प्रदान करते हैं ।
एक आह्वान
जैसे ही भारत अपने ७६वें गणराज्य दिवस का जश्न मना रहा है, यह महत्वपूर्ण है कि नागरिकता के साथ आने वाली जिम्मेदारियों को याद रखा जाए । आइए लोकतंत्र के मूल्यों को बनाए रखने, सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने और सभी भारतीयों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की दिशा में काम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को फिर से नवीनीकृत करें ।
जय भारत!
आपको गणराज्य दिवस २०२५ की हार्दिक शुभकामनाएं!
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*🇮🇳राष्टोत्थान हेतु प्रार्थना 🇮🇳*
*🌷ओ३म् आ ब्रह्मन् ब्राह्मणों ब्रह्मवर्चसी जायतामाराष्ट्रे राजन्यः शूरऽइषव्योऽतिव्याधी महारथो जायतां दोग्ध्री धेनुर्वोढ़ाऽनड्वानाशुः सप्तिः पुरन्धिर्योषा जिष्णू रथेष्ठाः सभेयो युवास्य यजमानस्य वीरो जायतां निकामे-निकामे नः पर्जन्यो वर्षतु फलवत्यो नऽओषधयः पच्यन्तां योगक्षेमो नः कल्पताम् ॥ -- यजुर्वेद २२, मन्त्र २२*
💐अर्थ-
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ब्रह्मन् ! स्वराष्ट्र में हों, द्विज ब्रह्म तेजधारी ।
क्षत्रिय महारथी हों, अरिदल विनाशकारी ॥
होवें दुधारू गौएँ, पशु अश्व आशुवाही ।
आधार राष्ट्र की हों, नारी सुभग सदा ही ॥
बलवान सभ्य योद्धा, यजमान पुत्र होवें ।
इच्छानुसार वर्षें, पर्जन्य ताप धोवें ॥
फल-फूल से लदी हों, औषध अमोघ सारी ।
हों योग-क्षेमकारी, स्वाधीनता हमारी ।
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🔥विश्व के एकमात्र वैदिक पञ्चाङ्ग के अनुसार👇
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🙏 🕉🚩आज का संकल्प पाठ 🕉🚩🙏
(सृष्ट्यादिसंवत्-संवत्सर-अयन-ऋतु-मास-तिथि -नक्षत्र-लग्न-मुहूर्त) 🔮🚨💧🚨 🔮
ओ३म् तत्सत् श्री ब्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे श्वेतवाराहकल्पे वैवस्वते मन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे 【एकवृन्द-षण्णवतिकोटि-अष्टलक्ष-त्रिपञ्चाशत्सहस्र- पञ्चर्विंशत्युत्तरशततमे ( १,९६,०८,५३,१२५ ) सृष्ट्यब्दे】【 एकाशीत्युत्तर-द्विसहस्रतमे ( २०८१) वैक्रमाब्दे 】 【 द्विशतीतमे ( २००) दयानन्दाब्दे, काल -संवत्सरे, रवि- उत्तरायणे , शिशिर -ऋतौ, माघ - मासे, कृष्ण पक्षे, द्वादश्यां
तिथौ,
ज्येष्ठा नक्षत्रे, रविवासरे
, शिव -मुहूर्ते, भूर्लोके जम्बूद्वीपे, आर्यावर्तान्तर गते, भारतवर्षे भरतखंडे...प्रदेशे.... जनपदे...नगरे... गोत्रोत्पन्न....श्रीमान .( पितामह)... (पिता)...पुत्रोऽहम् ( स्वयं का नाम)...अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शांति समृद्धि हितार्थ, आत्मकल्याणार्थ,रोग,शोक,निवारणार्थ च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे।
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