🚩‼️ओ३म्‼️🚩
🕉️🙏नमस्ते जी
दिनांक - - ०५ मार्च २०२५ ईस्वी
दिन - - बुधवार
🌒 तिथि -- षष्ठी ( १२:५१ तक तत्पश्चात सप्तमी )
🪐 नक्षत्र - - कृत्तिका ( २५:०८ तक तत्पश्चात रोहिणी )
पक्ष - - शुक्ल
मास - - फाल्गुन
ऋतु - - बसंत
सूर्य - - उत्तरायण
🌞 सूर्योदय - - प्रातः ६:४२ पर दिल्ली में
🌞 सूर्यास्त - - सायं १८:२३ पर
🌒 चन्द्रोदय -- १०:०१ पर
🌒 चन्द्रास्त - - २५:३० पर
सृष्टि संवत् - - १,९६,०८,५३,१२५
कलयुगाब्द - - ५१२५
विक्रम संवत् - -२०८१
शक संवत् - - १९४६
दयानंदाब्द - - २०१
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🚩‼️ ओ३म ‼️🚩
🔥वेदों जैसा कोई ग्रन्थ नही। वेद ईश्वरीय ज्ञान।
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वेदों की अन्य मजहबी ग्रन्थो से तुलना ----
(१.) डार्विन नामक ईसाई ने कहा :---- दूसरों के अनाज को खाकर जिओ ।
हक्सले व भगवान महावीर ने कहा :--- जीओ और जीने दो ।
परंतु वैदिक साहित्य ने कहा :--- सबको सुखी बनाने के लिए जीओ, (सर्वे भवन्तु सुखिनः)
(२.) बाइबिल ने कहा :---- जिसका काम उसी के दाम ।
कुरान ने कहा :---- जहान खुदा का और जिहाद इंसान करे ।
किंतु वेदों ने कहा: मेहनत इन्सान की संपत्ति भगवान की यानी ( तेन त्येक्तेन भुञ्जीथाः )।
(३.) बाइबिल ने कहा :--- इसाई बनो
कुरान ने कहा :--- मुसलमान बनो कुरान मं. १ सि.२
किंतु वेदों ने कहा :---- मनुष्य बन जाओ ---( मनुर्भव जनया दैव्यं जनम् )।
(४.) बाइबिल ने कहा :---- पढाई नौकरी के लिए ।
कुरान ने कहा :---- पढ़ाई कुरान पढ़ने के लिए ।
किन्तु वेदों ने कहा :---- पढ़ाई केवल नैतिकता, ज्ञान और नम्रता के लिए
(५.) अरस्तू ने कहा :--- राजनीति शासन के लिए ।
कुरान ने कहा :---- शासन इस्लाम के प्रचार के लिए ।
किन्तु मेरे वेदों ने कहा :--- राजनीति की अपेक्षा लोकनीति, शासन की अपेक्षा अनुशासन, तानाशाही की जगह संयम और अधिकार के स्थान पर कर्तव्य पालन करें।
(६.) इसाइयों ने कहा :--- परमाणु हथियार नाकासाकी और हीरोसीमा जैसे शहरों को नष्ट करने के लिए ।
मुस्लिम आतंकियों ने कहा :--- परमाणु हथियार मिल जाएं तो काफिरो को मिटाने के लिए ।
किंतु वेदों ने कहा :---- संपूर्ण विज्ञान ही जनकल्याण के लिए---- ( यथेमां वाचं कल्याणीमदानी वा जनेभ्यः)।
आओं लोटे वेदों की ओर ।
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🕉️🚩आज का वेद मंत्र 🕉️🚩
🌷ओ३म् येभ्यो होत्रां प्रथमामायेजे मनु: समिद्धाग्निर्मनसा सप्त होतृभि:।त आदित्या अभयं शर्म यच्छत सुगा न: कर्त्त सुपथा स्वस्तये। (ऋग्वेद १०|६३|७|)
💐अर्थ :- जिन विद्वानों के लिए अग्नि, सूर्य आदि तेज के प्रकाशक ज्ञानवान परमेश्वर ने मन के साथ तथा सात यज्ञों को करने वाले, वरणे योग्य वेदवाणी को यथाविधि दिया था,उस भजनीय परमैश्वर्यवान् परमात्मा का हम कल्याण के लिए आह्वान करते हैं ।
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🔥विश्व के एकमात्र वैदिक पञ्चाङ्ग के अनुसार👇
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🙏 🕉🚩आज का संकल्प पाठ 🕉🚩🙏
(सृष्ट्यादिसंवत्-संवत्सर-अयन-ऋतु-मास-तिथि -नक्षत्र-लग्न-मुहूर्त) 🔮🚨💧🚨 🔮
ओ३म् तत्सत् श्री ब्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे श्वेतवाराहकल्पे वैवस्वते मन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे 【एकवृन्द-षण्णवतिकोटि-अष्टलक्ष-त्रिपञ्चाशत्सहस्र- पञ्चर्विंशत्युत्तरशततमे ( १,९६,०८,५३,१२५ ) सृष्ट्यब्दे】【 एकाशीत्युत्तर-द्विसहस्रतमे ( २०८१) वैक्रमाब्दे 】 【 एकाधीकद्विशततमे ( २०१) दयानन्दाब्दे, काल -संवत्सरे, रवि- उत्तरायणे , बंसत -ऋतौ, फाल्गुन - मासे, शुक्ल पक्षे, षष्ठम्यां - तिथौ, कृत्तिका- नक्षत्रे, बुधवासरे, शिव -मुहूर्ते, भूर्लोके जम्बूद्वीपे, आर्यावर्तान्तर गते, भारतवर्षे भरतखंडे...प्रदेशे.... जनपदे...नगरे... गोत्रोत्पन्न....श्रीमान .( पितामह)... (पिता)...पुत्रोऽहम् ( स्वयं का नाम)...अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शांति समृद्धि हितार्थ, आत्मकल्याणार्थ,रोग,शोक,निवारणार्थ च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे
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