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सच्चे दरियादिल इनसान

 

सच्चे दरियादिल इनसान

अरब और रोमन राज्यों के बीच महासंग्राम हो रहा था । दोनों पक्षों के असंख्य योद्धा मारे गए । शाम होते ही नियमानुसार लड़ाई बंद हुई , तो इस्माइल को अपने चचेरे भाई की चिंता हुई । उसने सोचा कि यदि भाई घायल पड़ा मिला, तो उसे उठाकर चिकित्सालय ले जाऊँगा । वह एक हाथ में लालटेन और दूसरे में पानी भरा लोटा लेकर युद्धस्थल पर पहुँचा। कुछ देर ढूँढ़ने के बाद उसका भाई खून से लथपथ पड़ा हुआ मिला । वह प्यासा था और पानी माँग रहा था । घायल भाई को जैसे ही वह पानी पिलाने लगा कि किसी दूसरे घायल की पानी - पानी चिल्लाने की आवाज उसे सुनाई दे गई । यह सुनकर घायल भाई ने कहा, भाईजान, मुझे नहीं, पहले उसे पानी पिलाओ।

इस्माइल वहाँ पहुँचा, तो अरब सरदार ने कहा , उधर कुछ दूरी पर पानी माँगते-माँगते एक सैनिक बेहोश हो गया है । उसे पानी मिलना ज्यादा जरूरी है, वरना वह मर जाएगा।

अब इस्माइल तीसरे घायल के पास पहुँचा। उसने नब्ज टटोली, तो उसे मरा पाया । वह तुरंत सरदार के पास पहुँचा, तब तक वह भी मर चुका था । अब वह अपने चचेरे भाई के पास पहुँचा, तब तक उसकी भी आँखें बंद हो चुकी थीं । इस्माइल दोनों की दयालुता देखकर हतप्रभ रह गया ।

अरब वासियों ने जब यह किस्सा अपने साथियों को सुनाया, तो सभी की आँखें उन सच्चे इनसानों की याद में गीली हो उठीं ।


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