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जर्मनी ना केवल एक विकसित देश है, बल्कि प्राकृतिक रूप से भी जर्मनी बेहद खूबसूरत है।

हम जब भी कभी जर्मनी का नाम सुनते हैं तो हमारे ज़ेहन में सबसे पहले हिटलर का नाम कौंधता है। हालांकि आज के जर्मनी की अपनी अलग पहचान और अपनी अलग खासियतें हैं जो हिटलर के जर्मनी से एकदम जुदा हैं। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान एकदम कंगाल हो चुका जर्मनी आज दुनिया के 10 सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है।

जर्मनी ना केवल एक विकसित देश है, बल्कि प्राकृतिक रूप से भी जर्मनी बेहद खूबसूरत है। यही वजह है कि हर साल लाखों पर्यटक जर्मनी घूमने के लिए आते हैं। जर्मनी भ्रमण करने वाले लोगों में भारत के पर्यटकों की भी अच्छी खासी तादाद होती है।  हर साल भारत से हज़ारों लोग जर्मनी जाते हैं। इनमें बहुत से लोग तो पर्यटक की हैसियत से जर्मनी जाते हैं। जबकी कुछ पढ़ने के लिए जर्मनी जाते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं तो जर्मनी में नौकरी या बिजनेस के सिलसिले में जाते हैं।

अगर आप भी जर्मनी जा रहे हैं या फिर जर्मनी जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो कुछ बातें हैं जिनका ध्यान रखना आपके लिए बड़ा ज़रूरी है। नहीं तो जर्मनी में आप परेशानी में फंस सकते हैं। क्या हैं वो बातें? चलिए जानते हैं। 

इलीगली कुछ भी डाउनलोड ना करें 

अगर आप जर्मनी में हैं तो इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि किसी भी इलीगल चैनल से कोई भी म्यूज़िक, गेम, मूवी या फिर सॉफ्टवेयर डाउनलोड ना करें। ना ही ऑनलाइन देखें। जर्मनी में इस बात पर बेहद नज़र रखी जाती है कि कोई किसी तरह की पाइरेसी तो नहीं कर रहा है। अगर कोई पकड़ा जाता है तो उस पर बहुत तगड़ा फाइन लगाया जाता है। इसिलिए जर्मनी में अगर आपको मनोरंजन करना है तो बिल्कुल लीगल तरीके से करें।

भूलकर भी नाज़ी सैल्यूट ना करें 

हम सभी इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ हैं कि एक दौर पर जर्मनी पर हिटलर राज करता था और हिटलर ने जर्मनी में बेहद क्रूरता की थी। आज के जर्मनी में हिटलर की विचारधारा के लिए ज़रा भी जगह नहीं है। यही वजह है कि अगर कोई हिटलर की आइडियोलॉजी में ज़रा भी इंटरेस्ट दिखाता है तो सरकार उससे बड़ी सख्ती से निबटती है। अगर आप जर्मनी में हैं तो भूलकर भी किसी को नाज़ी सैल्यूट ना करें। ना केवल जर्मन सरकार, बल्कि जर्मनी के लोग भी आपसे नफरत करेंगे और आपको सज़ा देने की मांग करेंगे।

हमेशा अपना टिकट वैलिडेट कराएं 

अगर आप जर्मनी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर कर रहे हैं तो ये काफी नहीं है कि आपने टिकट खरीद लिया है। आपको उस टिकट को वैलिडेट भी कराना होगा। सुनने में ये अजीब ज़रूर लगेगा। लेकिन जर्मनी में ये नियम है कि टिकट खरीदने के बाद आपको इसे वैलिडेट कराना ही होगा। वैलिडेशन करने वाला अधिकारी आपके टिकट पर तारीख और समय की मुहर लगाएगा और तब जाकर आपका टिकट वैलिडेट माना जाएगा। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप मुश्किल में फंस सकते हैं। क्योंकि कुछ अधिकारी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सिविल ड्रेस में सफर करते हैं।

अगर उन्हें आप पर शक हो गया तो वो आपसे टिकट मांगेगा। और जब वो देखेगा कि आपने टिकट वैलिडेट नहीं कराया तो फिर वो आप पर 60 यूरो का फाइन लगाएगा। कहा जाता है कि एयरपोर्ट रूट पर ये टिकट चैकर सबसे ज़्यादा मौजूद होते हैं क्योंकि इन रूट्स पर हमेशा सबसे ज़्यादा मुसाफिर मौजूद होते हैं। ये टिकट चैकर जितने ज़्यादा विदाउट टिकट या फिर विदाउट वैलिडेट टिकट मुसाफिरों को पकड़ते हैं, इन्हें उतना ज़्यादा कमीशन मिलता है। यानि इनसे रहम की उम्मीद भी आप नहीं कर सकते हैं। तो ध्यान रखें। जर्मनी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करते वक्त अपने टिकट को हमेशा वैलिडेट कराएं।

साइकिल लेन पर कभी पैदल ना चलें 

जर्मनी एक ऐसा देश है जहां हर सड़क के पास साइकिल लेन अलग से बनाई गई है। पैदल चलने वालों के लिए भी यहां अलग रास्ता होता है। जर्मनी जा रहे हैं तो भूलकर भी साइकिल लेन पर पैदल चलने की कोशिश मत कीजिएगा। क्योंकि अगर आपने ऐसा किया तो कोई ना कोई साइकिल चालक आपको टक्कर ज़रूर मारेगा। अगर किसी ने आपको टक्कर नहीं भी मारी तो वो आपको गालियां तो ज़रूर देगा। इसलिए भलाई इसी में है कि आप पैदल चलने वाली लेन में ही चलें और साइकिल लेन पर भूलकर कभी कदम ना रखें।

जर्मनी में लेट-लतीफी नहीं चलेगी

जर्मनी के लोग खुद को हमेशा पंक्चुअल रखते हैं। ये लोग हमेशा खुद को डिसिप्लिन्ड और वैल ऑर्गनाइज़्ड रखते हैं और दूसरों से भी यही उम्मीद रखते हैं। इसलिए अगर कभी आप जर्मनी में किसी से मिलने जा रहे हैं तो तय समय से 5 मिनट पहले पहुंच जाएं। अगर आप लेट हो गए तो सामने वाला समझेगा कि आपको समय की कद्र नहीं है। उसे आपकी ये बात ज़रा भी पसंद नहीं आएगी।

प्लास्टिक बोतलों को कूड़ेदान में ना फेकें

जर्मनी में नियम है कि अगर आप कोल्ड ड्रिंक या फिर पानी की बोतल खरीदते हैं तो उसे आप दुकान पर वापस लौटा सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप वो बोतल खरीदते हैं तो आपसे 25 सेंट ज़्यादा वसूले जाते हैं। बोतल खाली होने के बाद जब आप दुकान पर उसे लौटाते हैं तो आपको वो पच्चीस सेंट वापस दे दिए जाते हैं। ये नियम इसलिए बनाया गया है ताकि लोग कूड़ेदान में बोतल ना फेकें और बोतल वापस रिसाइकिल होने पहुंच जाए। यहां आपको ये बताना भी आवश्यक है कि ऐसा नहीं है कि आपने जिस दुकान से बोतल खरीदी है आप उसे वहीं पर लौटाएंगे। आप किसी भी दुकान पर अपनी खरीदी हुई प्लास्टिक बोतल वापस दे सकते हैं और अपने पच्चीस सेंट ले सकते हैं।

रेडलाइट कभी ना तोड़ें

जर्मनी में नियम है कि अगर आप पैदल चल रहे हैं और सड़क पर रेड लाइट जल रही है तो आपको हर हाल में रुकना ही होगा। फिर चाहे सड़क पर दूर-दूर तक भी आपको कोई गाड़ी ना दिखाई दे रही हो। आप तब तक सड़क पार नहीं कर सकते जब तक कि सिग्नल ग्रीन ना हो जाए। गलती से भी आपने ये नियम तोड़ा और आपने रेड लाइट जलने के दौरान भी सड़क पार कर दी तो आप पर पांच यूरो का फाइन तो लगेगा ही। साथ ही आस-पास खड़े लोग भी आपको खूब खरी-खोटी सुनाएंगे। अगर वहां बच्चे हुए तो आपको गालियां भी पड़ सकती हैं। जर्मनी के लोग बचपन से ही अपने बच्चों को ये शिक्षा देते हैं कि चाहे सड़क कितनी भी खाली क्यों ना हो। रेड लाइट होने पर हमेशा रुके रहना चाहिए। इसलिए उनके बच्चों के सामने अगर कोई ये नियम तोड़ता है तो फिर वो उसे खूब लताड़ते हैं।

किसी के घर में जूते पहनकर ना घुसें

जर्मनी में लोग अपने घरों में घुसने से पहले जूते बाहर उतार देते हैं। यहां के लोगों को घरों में जूते लेकर घुसना पसंद नहीं है। ये लोग अपने घर आने वाले मेहमानों से भी यही उम्मीद करते हैं कि घर में घुसने से पहले वो अपने जूते बाहर ही उतार दे। यहां के लोग तो इस बात के आदी हैं और जब भी वो किसी दूसरे के घर में घुसते हैं तो जूतों को बाहर ही उतार देेते हैं। इसलिए अगर आप जर्मनी में अपने किसी दोस्त के घर जाने वाले हैं तो ध्यान रखिएगा कि जूते आपको बाहर ही उतारने हैं। वैसे आपका मेजबान आपको खुद ही इस नियम के बारे में बता देगा तो टेंशन की कोई बात नहीं है।

क्वाइट आवर्स में शोर कतई ना करें

जर्मनी में क्वाइट आवर्स को लेकर सख्त नियम मौजूद हैं। क्वाइट आवर्स उस समय को कहते हैं जिस दौरान किसी भी तरह का शोर करने पर पाबंदी होती है। फिर चाहे वो शोर किसी ड्रिल मशीन का हो, जेनरेटर का हो, वॉशिंग मशीन का हो, वैक्यूम क्लीनर का हो या फिर लॉन मोअर का हो। इतना ही नहीं, आप इन क्वाइट आवर्स में लाउड म्यूज़िक भी नहीं बजा सकते। ये क्वाइट आवर्स हैं संडे को दोपहर 1 बजे से लेकर 3 बजे तक और रात 10 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक। इसके अलावा हर रात को 10 बजे के बाद आप किसी भी तरह का कोई शोर नहीं कर सकते। ये नियम के केवल जर्मन नागरिकों पर ही नहीं बल्कि टूरिस्ट्स पर भी लागू होता है। संडे के दिन तो जर्मनी में हर तरह के बाज़ार भी बंद रहते हैं।

"जर्मन लोग अंग्रेजी नहीं जानते" ये गलतफहमी कभी मत पालना

जब आप जर्मनी जाएंगे तो आप देखेंगे कि जर्मनी के नागरिक आपस में अपनी भाषा यानि जर्मन भाषा में बात करते हैं। कई लोगों को गलतफहमी हो जाती है कि जर्मनी के लोग अंग्रेजी नहीं जानते। कई दफा कुछ लोग जर्मनी के नागरिकों के सामने ही अंग्रेजी भाषा में उनका मज़ाक उड़ाना शुरू कर देते हैं। आप ऐसा करने की भूल बिल्कुल भी ना करें। जर्मनी के लोग अंग्रेजी बहुत अच्छी तरह से बोलते-समझते हैं। अगर आप ने उनके बारे में कुछ भी आपत्तिजनक कहा तो वो आपको पलटकर जवाब ज़रूर देंगे। कई दफा तो वो आक्रामक भी हो जाते हैं। #germany #thingsnottodo #thingsnottodoingermany

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