अथर्ववेद 10:1:17
शंका :- यहां पर युद्ध मे गाय अश्व को मारने की बात कैसे???
समाधान :- 1. यह सत्य है की गाय को नही मारना ये वेद मे है....
परन्तु युद्ध वैसे भी आपातकालीन इस्थिति होती...
विचार कीजिये भारत पाकिस्तान का युद्ध हो.. और ये देखे की गाय है यहां. हम बम नही गिराएंगे.. तो ऐसे युद्ध नही होता
शत्रु का पूरी तरह से विनाश कर डालो यहां यहि अर्थ है,
2. दरसल युद्ध कोई एक दिन में ही समाप्त हो जाये, ये जरूरी नहीं। युद्ध कई दिनों हफ्तों या महीनों तक भी चलते थे। ऐसे में शत्रु सेना को पोषित करनेवाली गाय को मारना भी आवश्यक लगता होगा, ताकि शत्रु दुर्बल हो जाये। केवल गाय ही नहीं, गाय के साथ साथ घोड़े और शत्रु पक्ष के या उनके परिवारों के अन्य पुरुषों को भी मारने की बात की है। जिससे शत्रु पक्ष दुर्बल हो जाये।
3..मुस्लिम सैन्य द्वारा अपने सैन्य के प्रारॅभ में गायो का झूंड रखा जाता था ताकी अगर हिन्दू हमला करे तो पहले गाय मरे। गौहत्या के डर से हिन्दू आक्रमण ना करे तो वह पराजित हो जाये।
ऐसी युद्ध जैसी स्थिति में हत्या करना धर्म है। पिता या गुरु की हत्या करना अधर्म है। परंतु युद्ध में यह नियम नहीं लगता - जो हम महाभारत में देख चूके है।
कुछ को दिक्कत हो रही वैदिक काल मे .. मुस्लिम किधर से आ गए... ऐसा उदाहरण कैसे??
अब ऐसे लोग बताए वेद का भी कोई काल समय होता?
वेद तो सनातन है...
उदाहरण समय अनुसार बदलते रहते कोई बड़ी बात नही
जिसको ये ना समझ आए.... वो शिवोहम् वाला उदाहरण से समझो
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