अथर्वणे यां प्रवदेत ब्रह्माथर्वा तं पुरोवाचाङ्गिरे ब्रह्मविद्याम्। स भारद्वाजाय सत्यवाहाय प्राह भारद्वाजोऽङ्गिरसे परावराम् ॥
॥ लिप्यन्तरणम् ॥
atharvaṇe yāṁ pravadeta brahmātharvā taṁ purovācāṅgire brahmavidyām | sa bhāradvājāya satyavāhāya prāha bhāradvājo'ṅgirase parāvarām ||
॥ अन्वयः ॥
अथर्वणे ब्रह्मा यं प्रवदेत तां ब्रह्मविद्यां अधर्वा पुरा अङ्गिरे उवाच सः भारद्वाजाय सत्य्वहाय प्राह। भारद्वाजः परावरां अङ्गिरसे प्राह ॥
॥ अन्वयलिप्यन्तरणम् ॥
atharvaṇe brahmā yaṁ pravadeta tāṁ brahmavidyāṁ adharvā purā aṅgire uvāca saḥ bhāradvājāya satyvahāya prāha| bhāradvājaḥ parāvarāṁ aṅgirase ( prāha ) ||
॥ सुबोधिनीभाष्यम् - गोपालानन्दस्वामिरचितम् ॥
अथर्वणे यां प्रवदेत ब्रह्माऽथर्वा तां पुरोवाचाङ्गिरे ब्रह्मविद्याम् ।
स भारद्वाजाय सत्यवाहाय प्राह भारद्वाजोऽङ्गिरसे परावराम् ॥२ ॥
यां ब्रह्मविद्यामथर्वणे ब्रह्मा प्रवदेत - प्रावदत् । तामङ्गिरे पुरोवाचाथर्वा । नाम्नाऽथर्वः अथर्वा वा, उभयथा निर्देशस्तु श्रौत: सोढव्य: । स भारद्वाजाय - भरद्वाजगोत्राय सत्यवाहाय प्राह। स च भारद्वाजः सत्यवाह अङ्गिरसे प्राह तां परावरां ब्रह्मविद्याम् । यतः परा अन्या विद्या अवराः - अपकृष्टाः सा परावरा ॥२॥
॥ आङ्गल-अर्थः ॥
The Godknowledge by Brahma declared to Atharvan, Atharvan of old declared to Angir; he to Satyavaha the Bharadwaja told it, the Bharadwaja to Angiras, both the higher and the lower knowledge.
॥ हिन्दी-अर्थः ॥
जिस ब्रह्मविद्या का ब्रह्मा ने अथर्वा के प्रति कथन किया था उसका कथन पुराकाल में अथर्वा ने अंगिर के प्रति किया; उसने भारद्वाज सत्यवह के प्रति किया; भारद्वाज ने परा एवं अपरा, दोनों विद्याओं का अंगिरस के प्रति कथन किया।
॥ शब्दावली ॥
अथर्वणे - atharvaṇe - to Atharvan
ब्रह्मा - brahmā - Brahma
यम् ब्रह्मविद्याम् - yam brahmavidyām - the God-knowledge which
प्रवदेत - pravadeta - declared
ताम् - tām - that
अथर्वा - atharvā - Atharvan
पुरा - purā - of old
अङ्गिरे - aṅgire - to Angir
उवाच - uvāca - declared
सः - saḥ - he
सत्य्वहाय भारद्वाजाय - satyvahāya bhāradvājāya - to Satyavaha the Bharadwaja
प्राह - prāha - told it
भारद्वाजः - bhāradvājaḥ - the Bharadwaja
परावराम् - parāvarām - both the higher and the lower knowledge
अङ्गिरसे - aṅgirase - to Angiras
॥ अथ उपनिषद् ॥

0 टिप्पणियाँ
If you have any Misunderstanding Please let me know