अथ वायुमब्रुवन् वायवेतद्विजानीहि किमेतद्यक्शमिति तथेति ॥
॥ लिप्यन्तरणम् ॥
atha vāyumabruvan vāyavetadvijānīhi kimetadyakśamiti tatheti ||
॥ अन्वयः ॥
अथ वायुम् अब्रुवन् वायो किम् एतत् यक्शम् इति तथेति एतत् विजानिहि। तथा इति ॥
॥ अन्वयलिप्यन्तरणम् ॥
atha vāyum abruvan vāyo kim etat yakśam iti tatheti etat vijānihi| tathā iti ||
॥ सुबोधिनीभाष्यम् - गोपालानन्दस्वामिरचितम् ॥
[ वायुयक्षसंवादः वायो: पराजयश्च ]
अथ वायुमब्रुवन्वायवेतद्विजानीहि किमेतद्यक्षमिति तथेति ॥७॥
तदभ्यद्रवत्तमभ्यवदत्कोऽसीति वायुर्वा
अहमस्मीत्यब्रवीन्मातरिश्वा वा अहमस्मीति ॥८॥
तस्मिंस्त्वयि किं वीर्यमित्यपीदं सर्वमाददीयं यदिदं पृथिव्यामिति ॥९॥
तस्मै तृणं निदधावेतदादत्स्वेति तदुपप्रेयाय
सर्वजवेन तन्न शशाकाऽऽदातुं स तत एव
निववृते नैतदशकं विज्ञातुं यदेतद्यक्षमिति ॥१०॥
अथ वायुमित्यादि स्फुटम् ॥७-१०॥
॥ आङ्गल-अर्थः ॥
Then they said to Vayu, “O Vayu, this discern, what is this mighty Daemon.” He said, “So be it.”
॥ हिन्दी-अर्थः ॥
तब वे वायुदेव से बोले, ''हे वायु! यह पता करो यह बलशाली यक्ष क्या है? वायु ने कहा, ''तथा इति।''
॥ शब्दावली ॥
अथ - atha - then
वायुम् - vāyum - to Vayu
अब्रुवन् - abruvan - they said
वायो - vāyo - O Vayu
किम् - kim - what
एतत् - etat - this
यक्षम् - yakṣam - mighty Daemon
इति - iti - thus
एतत् - etat - this
विजानिहि - vijānihi - learn of
तथे इति - tathe iti - so be it

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