अध्याय I, खंड III, परिचय
अधिकरण सारांश: परिचय
पिछले भाग में संदिग्ध महत्व के ग्रंथों की व्याख्या ब्रह्म से संबंधित की गई थी , और ऐसा करने में इस तथ्य से हमें बहुत मदद मिली कि ब्रह्म ही सभी धार्मिक अध्ययनों का एकमात्र विषय है। इस भाग में संदिग्ध महत्व के कुछ और ग्रंथों पर चर्चा की गई है और उनकी व्याख्या ब्रह्म से संबंधित की गई है, और इस व्याख्या में इस तथ्य का लाभ उठाया गया है कि ब्रह्म ही ज्ञान का एकमात्र विषय है।
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