अध्याय II, खंड I, परिचय
अधिकरण सारांश: परिचय
प्रथम अध्याय में यह सिद्ध किया गया है कि सभी वेदान्त ग्रन्थ ब्रह्म को आदि कारण मानते हैं , फिर भी इस सिद्धान्त के विरुद्ध तर्क-वितर्क पर आधारित तर्कों का खंडन किया जाना अभी बाकी है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए यह खण्ड आरम्भ किया गया है। प्रथम अध्याय के चतुर्थ खण्ड में यह दर्शाया गया है कि सांख्यों के प्रधान तथा वैशेषिकों के परमाणु , शास्त्रीय प्रमाण पर आधारित नहीं हैं। इस खण्ड में स्मृतियों से प्रधान तथा परमाणु आदि की प्रामाणिकता का दावा करने वाले तर्कों का खंडन किया गया है।
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