अध्याय III, खंड I, परिचय
अधिकरण सारांश: परिचय
दूसरे अध्याय में श्रुति और तर्क पर आधारित सभी आपत्तियों का खंडन किया गया है। यह दर्शाया गया है कि अन्य सभी दृष्टिकोण गलत हैं, और तथाकथित शास्त्रीय विरोधाभास वेदांतिक दृष्टिकोण के संबंध में मौजूद नहीं हैं। इसके अलावा, यह भी दर्शाया गया है कि आत्मा से अलग सभी सत्ताएँ (जैसे प्राण आदि) ब्रह्म से उत्पन्न होती हैं और आत्मा के आनंद के लिए होती हैं। इस अध्याय में आत्मा की विभिन्न लोकों की यात्रा और उन सहायक साधनों के बारे में चर्चा की गई है, जो वैराग्य की भावना उत्पन्न करते हैं।
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