जीवन का मार्ग आसान नहीं है आसान बनाना पड़ता है, उसके लिये जंगली काटों से भरे मार्ग को साफ करना पड़ेगा, अपने लिए पहले तो पगडंडी बनाना पड़ेगा, फिर उसी मार्ग पर चल कर आगे राज पथ भी बनने की संभावना प्रबल होती है, हमें अपनी कमजोरियों पर विजय प्राप्त करना होगा। यह मत समझो कि कोई कार्य आसान है इस जगत में हिम्मत और हौशले के साथ हमें आगे बढ़ना होगा और लड़ना होगा। उसके लिए अपना सब कुछ दाव पर लगाना पड़ेगा। जीवन का मोह त्याग कर अपने लक्ष्य के लिए आगे बढ़ना है। जीवन तो नासवान है ही, यह तो उसी प्रकार से है जैसे कि जलती हुई मोमबत्ती उससे पहले हमें प्रकाश को फैलाना होगा जिससे हमारी आगे की पिढ़ी को प्रकाश मिल सके, जिस प्रकार से इस खतरनाक जीवन के जंगल में हमें हमारे पुर्वजो के द्वारा किये गये परिश्रम का सुख मिला है। उसी प्रकार से हमारा यह धर्म है कि हम भी अपनी आने वाली पिढ़ियों के लिए कुछ दिपक अंधेरें रास्ते पर जला दे, मेरे प्रिय
आत्म मन इस जीन्दगी के उधेड़ बुन जीवन शनैः शनैः स्वाहा हो रहा है, स्वास्थ और धन
की तलास में दोनो अपने हाथ से दूर होते जा रहे हैं। शरीर भी अब रोज ही नये नये
नखरे दिखा रही है। और ऐसी हालत में जो आप करना चाहते है वह कहां तक सफलता को
अर्जित कर पायेगा, यह एक सोचनिय विषय है, जो सबसे पहली और आखिरी समस्या बन कर
हमारे जीवन में उभरी है वह की निर्धनता का समाधान धन की मात्रा कमी मुझे दिख रही
है। मैं जो चाहता हुं उसमें बहुत अधिक धन चाहिए ना हमारें पास कभी बहुत अधिक धन
होगा ना ही हमारा जीवन का लक्ष्य विश्वविद्यालय बन पायेगा। नामाकंन तो करा लिया है
अभी धन चाहिये जो कही से मिलता हुआ नजर नहीं आ रहा है। दूसरी तरफ यह शरीर भी हमें
परेशान कर रही है किस दिन इसका अंतिम समय आ जायें कौन जानता है? चिंता भी क्या है आने दो जिसको आना है हमारा कार्य लग-भग हो चुका हैं यहीं
दूनिया है और यहीं माया है जहां सब कुछ झुठा और व्यर्थ है यह जीवन और यह संसार कोई
मायने नहीं रखता है संसार बनाने का उद्दश्य केवल इतना है कि लोग कमजोर है उनको
संघर्ष मय जीवन देकर ताकत वर बना कर मृत्यु की गोद मे सुला देना। मुझे एसा लगता है
जैसे हमारे उपर हर तरफ से प्रहार हो रहा जो और मुझे मेरी प्रकृती बिवश कर रही है
मेरा तबाही का नजारा देखने के लिए मैं बी कोई कच्ची मिट्टी का बना घड़ा नहीं हुं
जो इतना जल्दी पिघल कर मिट्टी में मिल जाउंगा, अभी तो मुझको अपनी आखीरी शांस तक
लड़ना है और मरने तक चलना है अपनी लाश को अपने कंधे को उठा कर, हर तरफ से हमारे
रास्ते पर निराशा के बादल ही मंडरा रहें है और मैं हुं कि निराशा के बावजुद बिना
किसी आशा के यु ही जींदगी की बैलगाड़ी को अंधेरे में खिचता जा रहा हुं। निराशा पूर्ण विचारों को अपने जीवन में स्थान मत
दो आशा को बना कर रखिये और अपने से जहां तक हो सके वहां तक प्रयाश किजीए होना वहीं
है जो आप चाहेगे यह विचार अपने दिल से निकाल दें की वहीं होगा जो मंजुरे खुदा
होगा, यद्यपि वही होगा जो आप चाहें गे आप जो चाहेगें परमेश्वर भी वहीं चाहता है। एक बात तो
निश्चित है कि माल लगाने से ही माल मिलने वाला है इतना आसान मत समझो और स्वयं को
तैयार रखो क्योंकि स्वयं के दम पर ही सारा कार्य है, और पैसा निकालने का रास्ता
केवल एक यहीं है और स रास्ते को हर तरह से मजबुत रखना ही है दूसरा कोई मार्ग नहीं
है। जैसे कि कहा गया है नान्यापन्था विद्यते अयनाय अर्थात इसके शिवाय की दूसरा
मार्ग नहीं है।
0 Comments
If you have any Misunderstanding Please let me know