कथासरित्सागर भाग 1.2 गतांक से आगे....... इस प्रकार से कह कर वररुचि ने फिर यह वर्णन किया कि समय पाकर योग से बना हु…
कथासरित्सागर भाग-1.1 गतांक से आगे....... यह कह कर वररुचि एकाग्र मन से सुनने वाले काणभूत से फिर बोला,…
सरित्सागर भाषा की भूमिका . यह वात प्रायः सर्वसाधारण को विदित है कि इस संसार में बहुधा जितने परोपकारी विषय प्रचलित हैं उ…
The Loss of Friends [Mitrabheda] - Stories of Panchatantra The Lion and the Bull Once upon a time there was a merchant …