सफेद भालु
बहुत समय पहले की बात है, जंगल
के पास एक गांव था, जिसमें एक आदमी अपने परिवार के साथ रहता
था, वह बहुत अधिक गरीब था जिसके कारण वह अपने परिवार को ना
पर्याप्त भोजन और ना कपड़ों की ही व्यवस्था कर पाता था। उसके बच्चे बहुत सुंदर थे,
जिसमें सबसे अधिक सुंदर उसकी सबसे छोटी पुत्री थी। वह बहुत अधिक
सुंदर थी, उसकी अलौकिक सुंदरता की कोई समानता नहीं थी।
एक दिन की बात है, पतझड़
के मौसम में बृहस्पतिवार कि जब देर शाम का समय था, उनके घर
के बाहर मौसम बहुत बुरा हो चुका था, जब अंधेरी रात में
कड़कती बिजली के साथ तूफान और भयंकर भारी बरीस हो रही थी। उसी समय उनकी झोंपड़ी की
दीवार बहुत अधिक तेजी से हिलने लगी, वे सब एक साथ अपनी
झोंपड़ी में आग के पास बैठे थे, उस समय सभी किसी कार्य में
व्यस्त थे। दूसरी तरफ किसी ने उनकी झोंपड़ी की खिड़की को तीन चार बार झकझोरा।
जिससे वह गरीब आदमी अपनी झोंपड़ी बाहर निकल कर उसको देखने के लिए गया, कि क्या बात है? जब वह आदमी बाहर गया, तो उसने देखा एक सफेद भालू वहां पर खड़ा था।
उस सफेद भालू ने जब उस गरीब आदमी को देखा, तो
उसने कहा आपकी शाम मंगलमय हो।
बदले में उस गरीब आदमी ने भी उस भालू को
कहा आपकी भी शाम भी मंगलमय हो।
उस सफेद भालू ने उस गरीब से कहा, क्या
तुम अपनी पुत्री को मुझे दोंगे? बदले में मैं तुम्हें हमेशा
के लिए तुम्हारे गरीब से मुक्त कर दुंगा, तुम्हारे आगे का
जीवन किसी धनी परिवार की तरह से व्यतीत होगा।
सच में उस गरीब आदमी को अमीर बनने में कोई
परेशानी नहीं थी। लेकिन उसने अपने मन में विचार किया, कि
इसके बारे में मैं पहले अपनी पुत्री से अवश्य बात करुंगा। इसलिए वह अपने घर में
गया, और अपनी पत्नी से कहा की एक सफेद भालू आया है, जो बहुत सज्जन है, वह हम सब को बहुत अधिक धनी बनाने
के लिए कह रहा है, उसके बदले में हमें अपनी सबसे छोटी पुत्री
को उसको देना होगा।
उसकी पत्नी ने कहा कभी नहीं, और
उसकी बात को कभी भी मत सुनना, इस तरह से वह गरीब आदमी अपनी
झोंपड़ी से बाहर गया, और उसने सफेद भालू से कहा की आप अगले
वृहस्पतिवार को शाम को आये, फिर हमारी पुत्री इसका उत्तर
देगी। फिर उस गरीब आदमी ने अपनी सबसे छोटी पुत्री को, अपने
विश्वास में लेकर उसको बहुत समझाया, कि उसका स्वयं का धनी
बनने में कितना फायदा है, और इसके साथ इसी में उसकी पुत्री
का भी कल्याण है। इस तरह से उसकी पुत्री का मन अंत में बदल गया, और वह सफेद भालू के साथ जाने के लिए तैयार हो गई। और उसने अपने सभी कपड़े
को साफ किये, इसके साथ अपने सामान को तैयार कर लिया। अगले
वृहस्पतिवार की शाम को वह सफेद भालू फिर उस गरीब आदमी के झोंपड़ी के सामने आया। उस
लड़की को अपने साथ ले जाने के लिए। जिसके लिए उसकी पुत्री पहले से तैयार थी,
वह अपने पोटली के साथ उसकी पीठ के उपर बैठ गई, और सफेद भालू उसको ले कर वहां से चल पड़ा। और उस सफेद भालू ने उस लड़की से
कहा- क्या तुम भयभीत हो रही हो?
उस लड़की ने कहा नहीं मैं बिल्कुल भयभीत
नहीं हो रही हूं।
इस पर उस सफेद भालू ने उससे कहा कस मेरे
बालों को पकड़ इसमें कोई खतरा नहीं है।
और फिर उस सफेद भालू ने उस लड़की को लेकर
वहां से बहुत - बहुत दूर ले गया, जब तक कि वह एक बड़े पर्वत के पास
नहीं पहुंच गये। फिर उस सफेद भालू ने पर्वत में विद्यमान एक बड़े दरवाजे को खट-
खटाया, और दरवाजा खुल गया, जिसके अंदर
एक बहुत बड़ा किला था। जहां पर चारों तरफ बहुत सारे शानदार दीपक जल रहे थे। जिस के
प्रकाश में किला का हर कमरा सोने और चांदी के समान चमक रहे थे। उन सबके मध्य में
एक बहुत हाल था, जहां पर अच्छी प्रकार से बहुत सारे सुन्दर
कुर्सी और मेज़ सलीका से लगा हुआ था। यह सब कुछ बहुत अधिक शानदार जिस को कोई भी
देख कर यहीं कहेगा, कि कितना अधिक अतुलनीय सौन्दर्य पूर्ण
है। सफेद भालू ने अपनी सफेद घंटी को उस लड़की को देते हुए कहा, तुम्हें किसी भी वस्तु की जरूरत पड़ने पर इस घंटी को बजाना। और वह वस्तु
तुम्हारे सामने प्रकट हो जायेगी। इस प्रकार से उसने खाना खाया, और रात होने वाली थी, और लंबी यात्रा करने के बाद अब
उस लड़की नींद आ रही थी, और उसने विचार किया उसे अब बिस्तर
चाहिए सोने के लिए, और उसने डरते हुए, घंटी
को बजाया। तत्काल उसके कमरे में एक शानदार बिस्तर प्रकट हो गया। वह बहुत अधिक
सुंदर था। जिस को देख कर कोई भी उस पर सोना चाहेगा। उसके उपर रेशमी गद्दे के साथ
तकिया था, जिसमें सोने की कढ़ाई की गई थी। उस कमरे में सभी
वस्तु सोने या चाँदी के ही थे। लेकिन जब वह अपने बिस्तर पर लेट कर कमरे की बत्ती
को बंद कर दिया। तभी वहां उसके बिस्तर पर एक युवा आदमी प्रकट हो गया, और वह उसके बगल में सो गया, यह वहीं सफेद भालू ही
था। जो रात्रि के समय अपने जानवर के शरीर को छोड़ देता था। जिस को उस लड़की ने कभी
प्रकाश में नहीं देखा था। वह हमेशा तभी आता था, जब वह कमरे की
बत्ती को बंद कर देती थी। और सुबह प्रकाश होने से पहले वह उसके कमरे से गायब हो
जाता था।
इस प्रकार से सब कुछ बहुत अच्छी तरह से
व्यतीत हो रहा था,
लेकिन वह लड़की बहुत उदास और दुःखी रहने लगी, क्योंकि
पूरे दिन भर वह अकेले ही वहां पर रहती थी। इसलिए वह अपने पिता के घर जा कर अपने
मां और भाई बहन से मिलने के लिए वहां जाने की इच्छा करती थी। फिर सफेद भालू ने
उससे एक दिन पूछा की उसे क्या चाहिए? और उसने कहा यहां
पहाड़ी में सब कुछ सुस्त और निरस है, और वह यहां पर बिल्कुल
अकेली है, वह अपने घर जा कर अपने माता-पिता और भाई बहन से
मिलना चाहती है। इसी कारण से वह बहुत अधिक दुःखी हो रही है।
उस सफेद भालू ने कहा वह लोग बिल्कुल ठीक है
उन को कोई दुःख नहीं है,
अगर तुम्हारा बहुत अधिक इच्छा अपने रिश्तेदारों से मिलने का है,
तो तुम को मुझ से एक वादा करना होगा, उनसे
यहां के बारे में किसी प्रकार की बात नहीं करनी है। ना किसी के सामने और ना ही
अकेले में, यदि तुम मेरी बात नहीं मानोगी, तो हम दोनों के लिए बहुत बड़े दुःख लाने वाली होगी।
इस प्रकार वह लड़की उस सफेद भालू से वादा
करती है,
कि वह किसी से कभी भी कुछ ना कहेगी ना ही किसी के सामने और ना ही
अकेले में ही। इस प्रकार से एक रविवार को सफेद भालू ने कहा की तुम तैयारी कर लो,
आज हम तुम को लेकर तुम्हारे माता पिता के पास मिलने के लिए ले
जाउंगा। और फिर उन्होंने यात्रा को शुरु किया, जो बहुत कठिन
थी, वह लड़की सफेद भालू की पीठ पर बैठ हुई थी, लंबी बहुत लंबी यात्रा उन्होंने किया, जिसमें काफी
अधिक समय भी लग गया, अंत में वह एक बड़े मैदान में सफेद घर
के पास जा कर रुके, जिस घर के बाहर उस लड़की के भाई बहन खेल
रहे थे। और वह सब कुछ बहुत सुन्दर दिख रहा था। जिस को देखकर ही आनंद मिलता था।
वहां सफेद भालू ने कहा यहीं पर तुम्हारे
माता पिता रहते हैं,
लेकिन तुम भूलना मत, जो मैंने तुम से कहा था।
अंयथा हम दोनों के लिए बहुत बड़ी हानि करोगी।
उस लड़की ने कहा वस्तुतः ऐसा नहीं
होगा,
मैं कभी भी नहीं भुलुंगी, और जैसे ही वह उस घर
के अंदर गई, वह सफेद भालू वहां से घूमा और वापिस चल दिया।
जब वह अपने माता पिता के घर गई, तो
वहां हर कोई आनंद प्रेम से मग्न हुए, जिस को देख कर ऐसा
प्रतीत हो रहा था, जैसे यह आनंद कभी भी खत्म नहीं होगा। वह
सब विचार कर रहे थे, कि उनके पास ऐसा कोई तरीका नहीं जिससे
उसकी महानता को प्रकट कर सके, जिसने उनके लिए वह सब कुछ दिया,
उन्हें जो भी चाहिए था। वहां सब कुछ बहुत अच्छा था, जितना की कोई भी अच्छी वस्तु हो सकती है। उन सब ने उससे पूछ जहां वह रहती
है, वहां कैसा है? उसने कह सब कुछ बहुत
अच्छा उसके यहां भी है। और उसके वह सब कुछ जिस को वह चाहती थी। इसके अतिरिक्त मैं
दूसरा क्या उत्तर दुं? मैं कुछ नहीं कह सकती। लेकिन मैं बहुत
अच्छी तरह से निश्चित जानती हूं, वह सब उससे कुछ भी नहीं
सीखें। लेकिन दोपहर में, जब सब लोग एक दूसरे से दूर हो गये,
वहीं सब कुछ हुआ जैसा की उस सफेद भालू ने उस लड़की से कहा था। उसकी
मां उस लड़की से अकेले में अपने कमरे में बात करना चाहती थी। लेकिन उसे याद था,
जो उस सफेद भालू ने उससे कहा था। और वह उस बारे में कुछ भी नहीं
बोलेगी, ऐसा वह चाहती थी। लेकिन फिर भी उसकी मां ने उस पर
बहुत अधिक जोर डाला, और उसको अपने भरोसे में लेकर उससे वह सब
कुछ बताने के लिए कहा उसके साथ जो भी सफेद भालू ने किया था। इस प्रकार से उसने
अपनी मां से बताया कि कैसे उसके पास एक आदमी आता है? और उसके
बगल में आकर सो जाता है, जब वह अपने कमरे की बत्ती को बंद कर
देती है। और उसको उसने कभी भी नहीं देखा है, क्योंकि प्रकाश
होने से पहले वह उसके पास से चला जाता है। और वह इस कारण से लगातार कितना अधिक
उदास रहती है? वह सोचती थी वह कितनी अधिक प्रसन्न होती?
अगर वह उसके चेहरे को देख सकती। और कैसे पूरे दिन भर वह अकेली?
वहां पर अपने समय को व्यतीत करती है। जिसके कारण वहां सब कुछ निरस
और एकांत है। ओह! उसकी मां भय से चिल्लाते हुए कहा, तुम उस
भूत के साथ रात में सोना पसंद करती हो, लेकिन मैं तुम्हें
सीखा दूंगी, जिससे तुम उसको देख पाओगी। तुम एक छोटा सा मोम
बत्ती का टुकड़ा अपने साथ ले जाओ, जिस को तुम अपने साथ अपनी
छाती में छुपा कर लेकर वहां जाना। और उसको देखना जब वह गहरी निद्रा में सो रहा
होगा। लेकिन ध्यान रखना एक भी बूंद मोमबत्ती का उसके उपर गिरने ना पाये।
इस प्रकार से एक मोमबत्ती को ले लिया, और
उसको उसने अपने सीने में छिपा लिया। और जब शाम होने वाली थी। तभी वह सफेद भालू
वहां आया और उसको ले कर अपने साथ चल दिया। जब वह वहां से कुछ दूर पहुँचे, तब सफेद भालू ने उससे पूछा, ऐसा तो कुछ भी नहीं किया,
जिसके लिए मैंने तुम को मना किया था। उसने कहा नहीं ऐसा कुछ भी नहीं
हुआ है। उसने वहीं किया जैसा कि उसने उससे कहा था। फिर सफेद भालू ने कहा अगर तुमने
अपनी मां की इच्छा का कार्य किया होगा, तो तुम हम दोने के
लिए बहुत बड़ी विपत्ति को लाओगी। उस लड़की ने कहा नहीं, मैंने
ऐसा कुछ भी नहीं किया है।
इस तरह से जब वह अपने घर पहुंच गई, और
अपने बिस्तर पर सोने के लिए गई, जैसा की उसके साथ पहले हुआ
करता था, उसके पास बिस्तर पर आकर उसके बगल में वह आदमी सो
गया। जब काफी रात्रि हो गई, जब उस लड़की को उसके सोने की
आवाज को सुनाई देने लगी, वह उठ गई और अपनी मोमबत्ती को जलाया,
जिसके प्रकाश में उसका चेहरा चमकने लगा, और
उसने देखा वह बहुत सुन्दर राजकुमार था, जिस पर उसकी आँखें
टीकी की टीकी रह गई, और वह उससे बहुत अधिक प्रेम करने लगी,
उसको प्रतीत हुआ की यदि वह उसी पल उसके चेहरे का चुंबन नहीं लेगी,
तो वह अवश्य मर जायेगी। लेकिन जब वह ऐसा कर रही थी, तभी उसकी मोमबत्ती की तीन बुंदे टपक उसके क़मीज़ के उपर गीर पड़ी, जिससे वह राजकुमार जाग गया। और उसने कहा यह तुमने क्या कर दिया? तुम हम दोनों के लिये बहुत बड़ी विपत्ति को खड़ी कर दिया है। यदि तुमने
ऐसा कर ही दिया है, तो मैं तुम से एक साल के लिए बहुत दूर
चला जाउंगा, मैं अब तुम से स्वतंत्र हो जाउंगा। मेरी एक
जादूगरनी सौतेली मां है, जिसने मुझको श्राप दिया था, कि मैं दिन में सफेद भालू की तरह रहूंगा और रात्रि में आदमी बन जाउंगा।
लेकिन अब वह हम दोनों का मिलने का समय समाप्त हो गया। और मैं अब तुम को अवश्य छोड़
दुंगा। और उसके पास चला जाउंगा। उसका किला सूर्य के पूर्व में और चंद्रमा के
पश्चिम में स्थित है, वहां पर उसकी तीन राजकुमारीयां हैं,
जिनकी नाक बहुत लंबी है। और उसमें से ही एक है, जिससे मुझको अवश्य विवाह करना होगा।
जिस को सुन कर वह लड़की बहुत अधिक शोकग्रस्त
हो गई और रोने लगी,
लेकिन इस सब का अब कोई महत्व नहीं था, क्योंकि
उसका राजकुमार का जाना निश्चित था। फिर उसने कहा क्या वह उस राजकुमार के साथ नहीं
जा सकती है? राजकुमार ने कहा नहीं, ऐसा
कभी नहीं हो सकता है। फिर उस लड़की ने कहा क्या तुम वहां आने का रास्ता बता सकते
हो? जिससे मैं तुम्हारा पीछा करते हुए, वहां तक पहुंच जाउं।
राजकुमार ने कहा हां तुम ऐसा कर सकती हो, लेकिन
वहां तक पहुंचने का यहां से कोई रास्ता नहीं जाता है। यह सूर्य के पूर्व में और
चंद्रमा के पश्चिम में है, जहां तक तुम कभी भी नहीं जा
पाओगी।
जब वह लड़की प्रातःकाल उठी, तब
वहां ना ही राजकुमार था और नाहीं वह किला था, किला और
राजकुमार दोनों वहां से गायब हो चुके थे। वह एक घने जंगल के अंधेरे में रास्ते में
पड़ी थी। उसके पास ही, उसके सामन की छोटी सी पोटली पड़ी थी।
जिस को वह अपने साथ, अपने घर से, सफेद
भालू के साथ आते वक्त लाई थी। इस प्रकार से जब उसकी आँखों से निंद गायब हो गई। तो
वह रोने लगी, और बहुत अधिक चिंतित हो गई। इसके बाद वहां वहां
से खड़ी हुई, और वह रास्ते पर आगे की ओर चल पड़ी। इसी प्रकार
से कई - कई दिनों तक लंबी यात्रा करती रही, अंत में वह एक
बहुत बड़े पर्वत के पास पहुंची, जहां पर एक गुफा थी और उसके
सामने एक वृद्ध औरत बैठ कर अपने सुनहरे सेब से खेल रही थी। उस लड़की ने उस औरत से
पूछा, क्या वह राजकुमार को जानती है, जो
अपनी सौतेली मां के साथ रहता है जो सूर्य के पूर्व में और चंद्रमा के पश्चिम में
विद्यमान है। जो उन राजकुमारीयों से विवाह करना चाहता है, जिनकी
नाक बहुत लंबी है। उस वृद्ध औरत ने जांच पड़ताल करने के भाव से कहा तुम्हारे साथ
ऐसा क्या हो गया? जो तुम इनके बारे में जानना चाहती हो। हो
सकता है कि तुम वहीं हो जो उसके साथ रहती हो। उस लड़की ने कहा वस्तुतः ऐसा ही है
वह मैं ही हूं। क्या तुम वहीं हो? उस वृद्ध औरत ने कहा,
मैं उसके बारे में कुछ भी नहीं जानती हूं, लेकिन
हो सकता हो की वह उस कीले में रहता हो, जो सूर्य के पूर्व और
चंद्रमा के पश्चिम में है। वहां पहुंचने में तुम को बहुत लंबा समय लगेगा, अगर तुम वहां सच में जाना चाहती हो, तुम मेरे घोड़े
को उधार में ले लो, जिससे तुम उस औरत के पास तक पहुंच जाओगी,
जो मेरी पड़ोसिन थी। शायद वह तुम को कुछ उस राजकुमार के बारे में
बता पाये। जब तुम वहां पहुंच जाना, तो तुम इस घोड़े के
बांयें कान के नीचे एक थप्पड़ लगाना, फिर यह घोड़ा मेरे पास
वापिस आ जायेगा। फिर भी, तुम अपने साथ यह सोने का सेब ले
जाना चाहिए, यह तुम्हारे काम आ सकता है।
इस तरह से वह लड़की उस घोड़े के उपर बैठ गई, और
अपनी यात्रा का शुरु कर दिया, और वह बहुत लंबे रास्ते को तय
करने के बाद, फिर एक दूसरे पर्वत पर पहुंची, और वहां पर एक दूसरी उसी तरह की औरत को देखा, जैसा
उसने पहले देखा था, यह अपने सोने के कंघे के साथ अपना बाल
बना रही थी। वहां पहुंचने पर उस लड़की ने वहीं प्रश्न किया, जैसा
उसने पहले मिली हुई औरत से पूछा था, क्या वह राजकुमार को
जानती है जो अपनी सौतेली मां के साथ रहता है। जो सूर्य के पूर्व में और चंद्रमा के
पश्चिम में विद्यमान है। जो उन राजकुमारीयों से विवाह करना चाहता है, जिनकी नाक बहुत लंबी है। लेकिन उस वृद्ध औरत ने भी पहली औरत के समान उत्तर
दिया, मैं उसके बारें में कुछ भी नहीं जानती हूं, लेकिन तुम जिस राजकुमार के पास जाना चाहती हो, जिसका
किला सूर्य के पूर्व और चंद्रमा के पश्चिम है, वहां पहुंचने
में तुम को बहुत लंबी यात्रा करनी होगी, यदी तुम सच में वहां
जाना चाहती हो। तो तुम मेरे घोड़े को उधार में ले सकती हो, और
वहां पहुंच सकती जहां पर मेरी एक करीबी औरत रहती है। शायद वह उस कीले के बारे में
वह कुछ जानती हो जिसके बारें में तुम बात कर रही हो। जब तुम वहां पहुंच जाना तब
अवश्य मेरे घोड़े के बांये कान के नीचे मारना, और इससे कहना
तुम अपने घर वापिस जाओ, और फिर यह मेरे पास वापिस आ जायेगा।
फिर उस वृद्ध औरत ने अपना सोने का कंघा उस लड़की को देते हुए, कहा इसको तुम अपने पास रखों यह तुम्हारे काम आ सकता है।
तो इस तरह से एक बार फिर वह लड़की घोड़े
की पीठ पर सवार हो गई,
तनाव ग्रस्त अवस्था में, और अपने लक्ष्य की
तरफ आगे बाढ़ गई, बहुत समय तक लंबी यात्रा के बाद, एक बार फिर वह एक बड़े पर्वत के सामने पहुंच गई, जहां
पर एक तीसरी वृद्ध और बैठ कर अपने सोने के चरख़े पर सुत कात रही थी। इसने भी और
पहले मिली औरतों के समान काफी बात चित करने और जांच पड़ताल करने के बाद उसने कहा
की वह उस कीले तक जाने का रास्ता नहीं जानती है, जो सूर्य के
पूर्व और चंद्रमा के पश्चिम में स्थित है। लेकिन उस लड़की के केवल एक बार फिर से
वही बात थी। उस वृद्ध औरत ने कहा ने आगे कहा शायद आप ही वह स्त्री हो, जिन्हें वह राजकुमार मिलना चाहिए था। । "हाँ, वास्तव
में, हम दोनों को एक होना चाहिए था, लड़की
ने कहा। लेकिन इस वृद्ध औरत को दूसरों की तुलना में बेहतर नहीं पता था – कि वह सूर्य के पूर्व और चंद्रमा के पश्चिम में किला कहा था? वह सिर्फ यह जानती थी कि, उसे राजकुमार को प्राप्त
करने में काफी लंबा समय लगेगा, उस वृद्ध औरत ने कहा शायद कभी
तुम उसे प्राप्त कर सकती हों, इसके बावजूद तुम मेरा घोड़ा ऋण
के समान ले सकती हैं, और मुझे लगता है कि आपके पास यह पूर्वी
हवा तक पहुंचने के लिए यह एक बेहतर सवारी होगी, और उससे
पूछना शायद वह इसके बारें में जानता हो, कि वह महल कहां है?
मेरा घोड़ा तुम को पूर्वी हवा तक
जाएगा। जब आप उससे मिल जाए। तब बस आप बाएं कान के नीचे घोड़े को मारना,
और वह फिर से मेरे घर वापिस आ जाएगा। और फिर उसने उसे सोने का अपना
सुनहरा चरख़ा देते हुए कहा "शायद आप इसे ले सकती हैं, आपके
पास इसका उपयोग है।
लड़की को कई दिनों तक सवारी करनी पड़ी, और
इससे पहले कि वह वहां पहुँचे, एक लंबे और खराब समय के लिए;
लेकिन अंत में वह पहुंची, और फिर उसने पूर्वी
हवा से पूछा कि क्या वह उसे राजकुमार का रास्ता बता सकता है, जो सूरज के पूर्व और चंद्रमा के पश्चिम में है। "ठीक है,"
पूर्वी हवा ने कहा, "मैंने राजकुमार और
उसके महल के बारे में सुना है, लेकिन मुझे इसका रास्ता नहीं
पता है, क्योंकि मैंने अब तक कभी वहां नहीं गया हूं; लेकिन, यदि आप चाहें, तो
तुम्हारे साथ अपने भाई पश्चिमी हवा के पास मैं जाऊंगा, उसने
एक बार मुझ से कहा था, कि वह जानता है, क्योंकि वह मेरी तुलना में बहुत मजबूत है। आप मेरी पीठ पर बैठ सकती हैं,
और फिर मैं आपको वहां ले जा सकता हूं। " इसलिए उसने उसको अपनी
पीठ पर बैठा लिया, और वे बहुत तेजी से चल दिए! जब वे वहां
पहुँचे, तो पूर्वी पवन अपने साथ उस लड़की को ले कर पश्चिमी
हवा के महल के अंदर गया, और उसने उस लड़की का परिचय करवाते हुए कहा, कि वह
जिस लड़की को मैं लाया हू, वह यही है, जिस
को राजकुमार के महल में जाना है, जो सूरज के पूर्व और
चंद्रमा के पश्चिम में है, जिसके बारे में एक बार तुमने मुझ
से कहा था। उसे फिर से खोजने के लिए, इसलिए वह उसके साथ वहां
आया था, और सुनना चाहता था कि क्या पश्चिम हवा को पता है कि
वह महल कहाँ है? पश्चिमी पवन ने उत्तर में कहा नहीं;
"अब तक मैं कभी नहीं गया हूं, मैंने भी
इसके बारे में केवल सुना है कि वह कहीं पर है, लेकिन अगर आप
मुझे पसंद करते हैं तो मैं आपके साथ दक्षिण हवा के पास जाऊंगा, क्योंकि वह हम दोनों की तुलना में बहुत मजबूत है, और
वह दूर-दूर तक घूम चुका है, और शायद वह आपको बता सकता है कि
आप जिसके बारें में जानना चाहती हैं। आप खुद को मेरी पीठ पर बैठा सकती हैं,
और फिर मैं आपको उसके पास ले जाऊंगा। "
इसलिए उसने ऐसा किया, और
दक्षिण की हवा के पास जाने की यात्रा की, वह रास्ते में बहुत
लंबा नहीं था। जब वे वहां पहुँचे थे, तो पश्चिमी पवन ने उनसे
पूछा कि क्या वह उसे महल का रास्ता बता सकता हैं? जो सूर्य
के पूर्व और चंद्रमा के पश्चिम में स्थित है, क्योंकि यह वह
लड़की है, जो वहां रहने वाले राजकुमार से शादी करना चाहती
है। "ओह, वास्तव में!" दक्षिण हवा ने कहा,
"क्या वह अच्छी तरह जानती है," जो
उसने कहा है, लड़की ने कहा मैं उसके पास किसी तरह से पहुंचना
चाहती हूं, तब दक्षिणी हवा ने कहा बहुत समय पहले मैं अपने
काम के सिलसिले में सभी प्रकार के स्थानों पर अपने व्यापार को फैलाव लिए घूमा करता
था, लेकिन मैंने कभी भी उस स्थान की यात्रा नहीं किया है।
यदि आप चाहें, तो। , मैं आपके ले कर
मैं अपने साथ मेरे भाई, उत्तरी हवा के पास ले चलुंगा,
वह हम सब में सबसे पुराना और सबसे मजबूत है, और
अगर वह भी अच्छी तरह से नहीं जानता है, तो यह पूरी दुनिया
में कही भी नहीं है, मेरी पीठ पर बैठो, और फिर मैं तुम्हें वहाँ ले जाऊँगा। ” इसलिए उसने
उसको को अपनी पीठ पर बैठा लिया, और बहुत जल्दबाजी में अपने
घर से चले दिये, और वे रास्ते में लंबे समय तक के लिए नहीं
थे। जब वे उत्तरी हवा के आवास के पास पहुँचे, तो उन्होंने
देखा कि वह इतना जंगली और उन्मत्त था कि उन्हें वहां पहुंचने से काफी पहले ठंड का
एहसास हुआ। "तुम क्या चाहते हो?" वह दूर से
चिल्लाया, और वे सुन कर जम गए। दक्षिण हवा ने कहा: "यह
मैं हूं, और यह वह है जो राजकुमार के साथ विवाह करना चाहती
है, जो उस महल में रहता है जो सूर्य के पूर्व और चंद्रमा के
पश्चिम में स्थित है। और अब वह आपसे पूछना चाहती है, कि क्या
आप कभी वहां गए हैं। , और उसे रास्ता बता सकते है? क्योंकि वह ख़ुशी से उसे फिर से पा लेगी। ”
"हाँ," उत्तरी पवन
ने कहा, "मुझे पता है कि वह कहाँ है? मैंने एक बार वहां एक मित्र के साथ उड़ कर गया था, लेकिन
मैं इतना थक गया था, कि कई दिनों तक मैं बिल्कुल भी नहीं उड़
पाया था। हालांकि, अगर आप वास्तव में चिंतित हैं। वहां जाने
के लिए, और मेरे साथ जाने से डरते नहीं हैं, तो मैं तुम्हें अपनी पीठ पर ले जाऊंगा, और कोशिश
करुंगा कि मैं तुम्हें वहां उड़ा तक सकूं। "
"वहाँ चलो मुझे वहाँ किसी भी तरह
पहुंचना है,"
उस लड़की ने कहा; " कैसा भी रास्ता हो,
मुझे कोई डर नहीं है, चाहे आप कितनी भी तेज
चलें।"
"बहुत अच्छी बात," उत्तरी हवा ने कहा; "लेकिन आपको यहाँ रात को
सोना चाहिए, क्योंकि अगर हम वहाँ पहुँचें, उससे पहले ही वहां दिन होना चाहिए।"
उत्तरी पवन ने अगली सुबह अपने विश्वासों
को जगाया,
और खुद को जकड़ लिया, और खुद को इतना बड़ा और
इतना मजबूत बना लिया, कि उसे देख कर उस लड़की को को हंसी आ
गई, और वे चले दिए, हवा के मध्य से
उच्च हो गए, फिर वे तब तक नहीं रुके, जब
तक कि वे दुनिया के बहुत अंत तक नही पहुँच गये। नीचे ऐसा तूफान था! जिसने जंगल और
घरों को उड़ा दिया, और जब वे समुद्र के ऊपर थे तो जहाजों और
सैकड़ों लोगों को हवा ने बर्बाद कर दिया। और इस प्रकार वे आगे और पीछे से थके हुए
थे, और एक लंबा समय बीत गया, और फिर
इसी में काफी समय बीत गया, इसके बाद फिर वे समुद्र के ऊपर थे, अब तक उत्तरी हवा थक गई, जिससे वह बहुत अधिक थका हुआ महसूस कर रहा था, और अंत
में पूरी तरह से थके हुए थे, कि वह था शायद ही कोई भी उड़ान
में सक्षम हो, और वह रुक गया, जिससे वह नीचे और नीचे, आखिर तक वह इतना नीचे चला गया, कि लहरें उसके द्वारा
ले जा रही गरीब लड़की की ऊँची एड़ी के जूते से छुने लगी । क्या आप डरती हैं?
उत्तरी हवा ने कहा। मुझे कोई डर नहीं है, उस लड़की ने कहा; और यह सच था। लेकिन वे बहुत जमीन
से दूर नहीं थे, उत्तरी हवा में सिर्फ इतनी ताकत बची थी कि
वह उसे किसी प्रकार से किनारे पर फेंकने में सक्षम हो सका, तुरंत
वह लड़की एक महल की खिड़कियों के नीचे पहुंच गई, जो सूर्य के
पूर्व और चन्द्रमा के पश्चिम में स्थित था। इसके बाद उत्तरी हवा इतना थका और घिसा
हुआ था कि उसे फिर से अपने घर जाने से पहले कई दिनों तक आराम करने के लिए वहां
मजबूर होना पड़ा।
अगले दिन सुबह वह लड़की कीले कि दीवाल के
पास नीचे बैठ गई,
और अपने सुनहरे सेब के साथ खेलने लगी, जिस
व्यक्ति को उसने सबसे पहले देखा, वह एक लंबी नाक वाली
राजकुमारी थी, जिसके पास राजकुमार रहता था। उसने अपने महल की
खिड़की को खोल कर, उस लड़की से कहा कि तुम अपने इस सुनहरे
सेव की कितनी कीमत चाहती हो? लड़की ने उत्तर में कहा कि यह
बेचने के लिए नहीं है, ना ही सोने सेना ही किसी प्रकार के धन
से ही। इस लंबी नाक वाली राजकुमारी ने कहा अगर मैं इसको सोने या धन से नहीं खरीद
सकती, तो तुम स्वयं बताओं की मैं इसको तुम से कैसे खरीद सकती
हूं।
अच्छा इसका केवल एक रास्ता है कि मुझे
राजकुमार से मिलने और उसके साथ रात्रि व्यतीत करने के लिए समय मिल जाए, जो
इस महल में रहता है, इस प्रकार से यह सुनहरा सेव तुम्हारा हो
जायेगा। उस लड़की ने कहा जो उत्तरी हवा के साथ वहां पर आई थी। इस पर राजकुमारी ने
अपने मन में किसी योजना को बना लिया कि उसको क्या करना है? इसके
साथ उसने उस लड़की से कहा तुम जैसा चाहती हो वह कर सकती हो, इस
प्रकार से वह सुनहरा सेव उसका हो गया। लेकिन जब लड़की उस रात्रि को राजकुमार के
महल में गई, तो गहरी निद्रा में राजकुमार सो रहा था, क्योंकि राजकुमारी ने राजकुमार को नींद की दवा पिला दिया था। बेचारी लड़की
ने राजकुमार को बुलाया, उसके शरीर को पकड़ कर हिलाया,
पर जब राजकुमार नींद से नहीं जागा तो वह रोने लगी, इस प्रकार से उसकी रात्रि व्यतीत हो गई, और सुबह
होने सो पहले ही लंबी नाक वाली राजकुमारी आ गई, और उसने
लड़की को राजकुमार के कमरे से बाहर निकाल दिया। दिन में फिर वह लड़की के की दीवाल
के पास जहां पर खिड़की वहां बैठ कर अपने सुनहरे कंघे के साथ अपना बाल सँवारना शुरू
कर दिया, जिस को देखकर दूसरी लंबी नाक वाली राजकुमारी आई,
और फिर वहीं दुबारा हुआ उसने सुनहरे कंघे को खरीदने के लिए कहा,
जिस लड़की ने कहा यह सुनहरा कंघा सोने या धन से वह नहीं बेचेगी,
उसको राजकुमार से मिलने रात्रि उसके लिए समय मिलने पर वह उसको मिल
सकता है, दूसरी राजकुमारी भी तैयार हो गई, ठीक है, इस प्रकार वह सुनहरा कंघा उसने दूसरी
राजकुमारी ने लड़की से ले लिया। लेकिन जब वह लड़की रात्रि के समय में राजकुमार के
कमरे में गई तो वह फिर सो रहा था, उसने उसको कई बार बुलाया,
इसकी शरीर को पकड़ कर हिलाया, और फिर बाद में
रोने लगी, जैसा कि उसने पहले किया था। लेकिन राजकुमार की
नींद नहीं खुली वह निद्रा ही में पड़ा जैसे उसमें जीवन ही ना हो, फिर सुबह होने से पहले ही दूसरी लंबी नाक वाली राजकुमारी आई और उस लड़की
को राजकुमार के कमरे से निकाल कर बाहर कर दिया। एक बार फिर जब दिन निकल आया तो
लड़की कीले के पास जहां खिड़की थी उसके पास बैठ कर अपने सुनहरे चरख़े से सुतकातने
लगी, जिस को दे तीसरी लंबी नाक वाली राजकुमारी उसके पास आई
और उसने लड़की से उसके चरख़े को बेचने के लिए कहा, पहले के
समान लड़की ने कहा कि यह चरख़ा सोने या धन वह नहीं बेचेगी। इसके अतिरिक्त उसको
राजकुमार के साथ रात्रि में उसके महल जो रहने के लिए आज्ञा देगा चरख़ा उसका
होगा।
इस पर उस तीसरी लंबी नाक वाली राजकुमारी
ने कहा हाँ,
मैं तुम को करने के लिए आज्ञा देती हूं।
लेकिन महल में कुछ क्रिश्चियन
मेहमान आये हुए थे,
जो राजकुमार के महल पास वाले महल में ठहरें हुए थे, जिन्होंने दो रात्रि से राजकुमार के कमरे में किसी लड़की के रोनें और उसके
राजकुमार को पुकारने की आवाज को सुना था उन्होंने राजकुमार से इसके बारें में बता
दिया। इस प्रकार से उस शाम को राजकुमारी अपने साथ निद्रा की दवा लेकर जब राजकुमार
के पास आई, तो राजकुमार ने उसके हाथ से निद्रा की दवा को
लेकर उसको पीने का बहाना किया, लेकिन उसको उसने पीने के बजाय
उसको राजकुमारी की नजर से बचा कर अपने पीछे फेंक दिया। क्योंकि उसको संदेह हो चुका
था कि वह राजकुमारी उसको निद्रा की दवा देती है, जब वह लड़की
रात्रि के समय राजकुमार के पास आई तो, वह तो जाग गया,
और उस लड़की ने राजकुमार को बताया कि वह किस प्रकार से यहां पहुंची
है, इस पर राज कुमार ने कहा की तुम बिल्कुल सही समय पर यहां
आई हो, क्योंकि मैं कल विवाह करने वाला हूं, लेकिन मैं लंबी नाक वाली किसी राजकुमारी को नहीं चाहता इसमें केवल तुम
मेरी सहायता कर सकती हो। मैं उनसे कहूँगा की मैं देखना चाहता हूं कि मेरी दुल्हन
क्या - क्या कर सकती है, और मैं एक शर्त रखुंगा, कि मेरे पास क़मीज़ है जिसमें तीन बूँद के दाग हैं, जो
उन दाग़ों को साफ कर देगी, उसी से में विवाह करुंगा। और जब उन तीनों में से कोई इस दाग को नहीं
छुंड़ा पायेगा, तो मैं उनसे विवाह करने से मना कर दूंगा। और
मैं कहुंगा, कि जो भी इस दाग को साफ कर देगा उसी से मैं
विवाह करुंगा, क्योंकि उनमें से कोई नहीं जानता है कि वह दाग
कैसे पड़ा है? इसके बारे में केवल तुम जानती हो, और इसको तुम ही साफ कर सकती हो। और इस प्रकार से मैं तुम से फिर से विवाह
कर लुंगा। इस तरह से उनकी वह रात्रि उनके मध्य में बेहद खुशनुमा और बहुत सुखदायक
प्रसन्नता से के साथ व्यतीत हुई। लेकिन अगले दिन सुबह जब विवाह होने वाला था,
राजकुमार ने कहा, मैं पहले यह देखना चाहता हूं
की मेरी होने वाली दुल्हन क्या कर सकती है? सौतेली मां ने
कहा कि तुम ऐसा कर सकते हो।
राजकुमार ने कहा मेरे पास एक बहुत
सुन्दर क़मीज़ है,
जिस को मैं अपने विवाह के समय पहनना चाहता हूं, लेकिन उसमें तीन बुंद के दाग हैं, जिस को मैं साफ
करना चाहती हूं, और मैं कसम खा कर कहता हूं कि जो भी उस दाग
को साफ कर देगा, उसी से मैं विवाह करुंगा, जो ऐसा नहीं कर पायेगा, वह मेरे लिए किसी काम का
नहीं होगा।
राजकुमारीयों ने सोचा यह कोई बहुत बड़ी
बात उनके लिए नहीं है,
इसलिए वह सब राजकुमार की शर्त स्वीकार कर लिया। लंबी नाक वाली
राजकुमारी ने उसको क़मीज़ के उपर पड़े तीन बुंद के दाग को साफ करने के लिए जितना
अधिक धोया और रगड़ा करती वह उतना अधिक बढ़ता और चमकदार होता गया, इसको देख उनकी मां ने कहा तुम इस पुराने जिद्दी दाग को नहीं साफ कर सकोगी।
इसको मुझे दो, लेकिन
वह भी उस दाग साफ नहीं कर पाई, इस प्रकार से उसके हाथ से
क़मीज़ दूसरे के हाथ में फिर तीसरी राजकुमारी के हाथ में गया, लेकिन किसी ने उस दाग को साफ नहीं कर पाया वह दाग और बुरा हो गया, जिससे वह क़मीज़ काले बड़े धब्बे दाग के साथ बहुत बुरी और कुरूप दिखने
लगी। जिस को देख कर राजकुमार चिल्लाया तुम में ऐसा कोई नहीं है जो इस दाग को साफ
करने योग्य हो, तुम सब में अच्छाई को धारण नहीं करता है,
क्योंकि तुम सब ने अपनी तरफ से सब कुछ कर लिया है, जिसके कारण मेरी क़मीज़ कोयला समान काली हो चुकी है, एक भिखारी लड़की हमारे कीले के बाहर खिड़की के पास बैठी है, मैं उसको यह कमिद देकर उसकी परीक्षा लेना चाहता हूं, इसलिए उस बाहर बैठी लड़की को अंदर चिल्ला कर बुलाया, और वह लड़की अंदर कीले में आ गई, राजकुमार ने उसके
सामने उस क़मीज़ को रख कर, जोर से कहा क्या तुम इसके काले
दाग को साफ कर सकती हो? यदि तुम ऐसा करती हो, तो मैं तुम से विवाह कर लुंगा। उस लड़की ने कहा ओह मैं नहीं जानती,
लेकिन मैं एक बार प्रयास करना चाहती हूं, फिर
उस लड़की ने जल्दी ही उस क़मीज़ को पानी में डाल कुछ देर भीगों दिया, फिर उसने एक दो बार पानी में डाला और निकाला, जिससे
पानी से निकलने के बाद हर बार क़मीज़ सफेद और सफेद होती गई। इस तरह से उसने क़मीज़
के दाग को पुरी तरह से साफ कर दिया, इसको देख कर राजकुमार ने
कहा की मैं तुम से अभी विवाह करना चाहता हूं।
इसके बाद राजकुमार की सौतेली मां, तीनों
लंबी नाक वाली राजकुमारी क्रोध से आग बबूला हो कर भड़कने लगी, लेकिन राजकुमार ने किसी की बात कभी नहीं सुनी, उसने
अपनी नई दुल्हन के साथ बंदी गृह में जा कर सभी क्रियश्चन कैदियों को मुक्त कर दिया
साथ में उनके साथ उनके समान और सोने चाँदी और धन को देकर उनके – उनके देश जाने के लिए स्वतंत्र कर दिया। और वे दोनों वहां सूर्य के पूर्व
और चंद्रमा के पश्चिम कीले को छोड़ कर हमेशा के लिए उससे दूर चले गये।
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