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काजोल नदीमश्रवन

उस दिन काजोल की मां तनुजा ने नदीम-श्रवण वाले नदीम के साथ ऐसा बर्ताव किया कि नदीम ने फैसला कर लिया कि वो कभी भी काजोल की किसी फिल्म का म्यूज़िक कंपोज़ नहीं करेंगे। और ऐसा हुआ भी। उन्होंने वाकई में बेखुदी के बाद काजोल की किसी और फिल्म का म्यूज़िक कंपोज़ नहीं किया। ये पूरा किस्सा क्या है ये जानने के लिए हमें जाना होगा साल 1992 के शुरुआती महीनों में। डायरेक्टर राहुल रवैल ने अपनी फिल्म बेखुदी से शर्मीला टैगोर के बेटे सैफ अली खान और तनुजा की बेटी काजोल को फिल्म इंडस्ट्री में लॉन्च करने का ऐलान कर दिया। फिल्म प्रोड्यूस कर रही थी सत्ती शौरी। शूटिंग शुरू हुई और फिल्म का चर्चा भी खूब होने लगा। होता भी क्यों ना। इस फिल्म से दो स्टारकिड्स जो बॉलीवुड में लॉन्च होने वाले थे।

मगर इसी बीच सैफ और राहुल रवैल के बीच की ट्यूनिंग बिगड़ गई। इसलिए काफी शूटिंग कंप्लीट करने के बावजूद राहुल रवैल ने सैफ अली खान को फिल्म से निकाल दिया। प्रोड्यूसर सत्ती शौरी ने सैफ की जगह डायरेक्टर ब्रिज सदाना के बेटे कमल सदाना को लॉन्च करने का फैसला किया। जिस वक्त सैफ अली खान और काजोल को इस फिल्म में कास्ट किया गया था उस वक्त फिल्म का म्यूज़िक कंपोज़ करने के लिए नदीम-श्रवण को साइन किया गया। नदीम-श्रवण ने भी बेखुदी सिर्फ इसलिए साइन की थी क्योंकि इस फिल्म के ज़रिए दो बड़े स्टारकिड्स को लॉन्च किया जा रहा था। नदीम श्रवण ने अपनी तरफ से पूरी मेहनत की। और बहुत बढ़िया धुनें उन्होंने बेखुदी के लिए कंपोज़ की। इस दौरान नदीम की मुलाकात काजोल से हुई। 

काजोल से नदीम काफी प्रभावित हुए। उन्होंने कई दूसरे प्रोड्यूसर्स व डायरेक्टर्स से काजोल की तारीफें करना शुरू कर दिया। कहा जाता है कि ये नदीम ही थे जिनके कहने पर अब्बास-मस्तान ने काजोल को बाज़ीगर के लिए साइन किया था। कहना गलत नहीं होगा कि नदीम और काजोल के बीच उस दौरान बढ़िया दोस्ती हो गई थी। नदीम चाहते थे कि बेखुदी के रिलीज़ होने से पहले ही काजोल को कुछ और बड़े प्रोड्यूसर्स भी अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए साइन कर लें। बाज़ीगर इसी वजह से काजोल को मिल सकी थी। नदीम एक तरह से काजोल के मेंटोर की भूमिका निभा रहे थे। और नदीम की तारीफों का नतीजा ही था कि काजोल अपनी बेखुदी की रिलीज़ से पहले ही फिल्म इंडस्ट्री में मशहूर हो चुकी थी।

नदीम ने तलत जानी की फिल्म रंग के लिए भी काजोल के नाम की सिफारिश की। और शायद रंग काजोल को मिल भी जाती। मगर तभी वो सीन हो गया जब नदीम ने फैसला किया कि वो काजोल की किसी फिल्म के लिए कभी म्यूज़िक कंपोज़ नहीं करेंगे। तो हुआ कुछ यूं कि एक दिन नदीम काजोल के घर पहुंचे। वो रंग फिल्म के बारे में काजोल से डिस्कशन करना चाहते थे। काजोल अपने रूम में थी तो नदीम से इंतज़ार करने को कहा गया। वो जैसे ही काजोल के घर के लिविंग रूम में पहुंचे, उन्होंने देखा कि काजोल की मां तनुजा अपनी कुछ दोस्तों के साथ कार्ड्स खेल रही हैं। नदीम ने तनुजा को ग्रीट किया। लेकिन तनुजा ने नदीम को पूरी तरह से इग्नोर कर दिया। नदीम को लगा कि शायद तनुजा का ध्यान उन पर नहीं गया।

नदीम काफी देर वहां एक कोने में बैठे रहे। पर तनुजा ने एक दफा भी नदीम से बात नहीं की। बात तो छोड़िए, उनकी तरफ आंख उठाकर देखा तक नहीं। नदीम को किसी ने एक गिलास पानी तक नहीं पूछा। नदीम को लगा कि जैसे तनुजा को उनका वहां आना पसंद नहीं आया। आखिरकार काफी देर काजोल का इंतज़ार करने के बाद नदीम उठे और उस घर से बाहर आ गए। उन्होंने मुड़कर एक दफा काजोल के घर को देखा और मन ही मन खुद से बोले,"अब से काजोल की किसी फिल्म का म्यूज़िक नदीम-श्रवण नहीं देंगे।" कहा जाता है कि काजोल ने बाद में नदीम से कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की थी। लेकिन नदीम ने काजोल से बात नहीं की। उन्होंने रंग फिल्म में भी दिव्या भारती को हीरोइन बनवा दिया।

कुछ दिन पहले ही अब्बास-मस्तान ने भी एक इंटरव्यू में रिवील किया कि वो चाहते थे कि बाज़ीगर फिल्म का म्यूज़िक नदीम-श्रवण कंपोज़ करें। मगर जब वो नदीम-श्रवण से बात करने गए तो नदीम-श्रवण ने शर्त रख दी कि अगर काजोल फिल्म में रहेगी तो हम फिल्म का म्यूज़िक कंपोज़ नहीं करेंगे। काजोल की जगह किसी दूसरी एक्ट्रेस को साइन करो। अब्बास-मस्तान ने कहा कि ये तो हो ही नहीं सकता। काजोल से हमने कमिटमेंट कर दी है। काजोल कॉन्ट्रैक्ट भी साइन कर चुकी है। अब तो पिक्चर में काजोल रहेगी ही। नदीम-श्रवण ने कहा कि अगर काजोल पिक्चर में रहेगी तो हम पिक्चर में नहीं होंगे। इस तरह अब्बास-मस्तान और नदीम-श्रवण बाज़ीगर फिल्म के लिए साथ ना आ सके। अब्बास-मस्तान ने अनु मलिक को बाज़ीगर के म्यूज़िक के लिए साइन किया। और अनु ने भी बेहतरीन संगीत कंपोज़ किया। #NadeemShravan #kajol #Bekhudi #baazigar #tanuja #AbbasMustan

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