Ad Code

Showing posts from July, 2024Show all
भव-भय भञ्जन कष्ट- निकन्दन आया शरण प्रभु करता हूं वन्दन
वैदिक भजन
तेरा जग ने प्रकाश पाया हैनभ से पृथ्वी तक तेरी छाया है
 रस्सी  की भान्ति पाप को मुझसे शिथिल कर
प्रभु सब का है सहारावह परमपिता हमारा
वैदिक भजन
प्राण-अपान के पंखों से,फैलाए पंख उड़ता रहा अनगिन दिन बीते मगर स्वर्ग-अभीष्ट जाता रहा ।।
ज्ञान स्वरूप तेजोमय ईश्वरपाप कटे मिले तेरा सहारा
वैदिक भजन
Load More That is All

Ad Code