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जलता हुआ भारत


 भारत जल रहा है, और इस देश को जलाने वाले कोई बाहरी आताताई नहीं हैं, यह सब इसी देश के रहने वाले हैं ‌। जिस प्रकार से कोई व्यक्ति जिस घर में रहता है उसी घर में आग लगा दे, तो कौन जलेगा? साधारण सी बात है वहीं जलेगा, ऐसे व्यक्ति को लोग क्या कहेंगे? इनमें दो पक्ष हो सकता है, एक विद्वान जो कहेंगे की घर को जलाने वाला मुर्ख है, लेकिन इसी समाज कुछ तथाकथित अवसरवादी किस्म के लोग होते हैं। वह कहेंगे घर को जलाने वाला अच्छा कार्य कर रहा है, इन दोनों प्रकार के निर्णय को सहीं अथवा गलत को समझने वाला तो वह स्वयं जलाने वाला ही होगा। उसकी बुद्धि जिस प्रकार की होगी वह उसी को सहीं समझेगा।

    आज भारत तीन चार कारण से जल रहा है, उन सभी कारणों पर हम बारी बारी विचार करते हैं।

   पहला कारण जो भारत में मुश्लिम का दंगा हुआ 10 जुन को नमाज के बाद सभी मस्जिद में ईश्वर की आराधना करने गए थे, वहां से वह सभी नमाजी देश द्रोही बन कर निकले, और शहर के साथ पुरे देश में अपने आतंक और दंगे के हाहाकरा से हिला कर रख दिया, इसका कारण वह बता रहें हैं, कि उनके पैगम्बर का अपमान किया गया। और अपमान करने वाली एक औरत है, जो भाजपा की प्रवक्ता थी, उसको भाजपा सरकार ने मुश्लिम देशों के दवाव में आकर अपनी पार्टि के पद से निस्कासित कर दिया, यह नुपुर शर्मा के खीलाफ किया गया सरकार की कमजोरी को सिद्ध करता है। जिसके लिए पुरे विश्व के सभी मुस्लिम देश भारत का बिरोध कर रहें हैं, जिसने यह अपमान का कार्य किया है, उसको फांसी पर चढ़ाया जाए। वास्तव में इसके पीछे एक और बड़ा कारण हैं जिससे संपूर्ण भारत के मुश्लिम समुदाय नाराज है, वह काशी में जो ज्ञानवापी मस्जिद है वहां पर जब जांच की गई तो बड़ा शीवलिंग पाया गया। और उससे सिद्ध होता है कि वह मस्जिद नहीं एक प्राचिन भारत की शिव मंदिर है, जिसको लोग बड़ी आस्था के साथ पुजते हैं, और यह कार्य औरंगजेब के द्वारा किया गया था, इस सत्य को झुठलाने के लिए। पुरे भारत के मुस्लिम समुदाय के लोग एक हो गए हैं, और उन्होंने जानबुझ कर यह दंगा किया। जिससे ज्ञानवापी मस्जिद उनके हाथ से जाने वाली है वह उनके पास रहे। दूसरी बात वह मस्जिद में नमाज नहीं करते हैं, नमाज के बहाने वह सब अपनी मस्जिदों में से इस भारत के टुकड़े टुकड़े करने की योजना बनाते हैं। और हिन्दू को मारने के लिए वह आतंकवादी तैयार करते हैं, वह भारत को अपना देश नहीं समझते हैं, और ना ही उनको भारत के संबिधान से कोई वास्ता है। वह सीधा सीधा अपने शरीया कानुन को मानते हैं, जिस प्रकार से अफगानीस्तान में आतंकियों का राज्य हैं उसी प्रकार से वह भारत में भी आतंकवादीयों के राज्य को बढ़ावा देने का कार्य करते हैं। 

    जो कार्य यहां भारत में मुश्लिम आताताइयों ने किया, वह सब उनको सही ठहराते हैं, और वह उनको अपना आदर्श मानते हैं, जिन्होंने भारत में वह सब कुछ किया जिससे भारत के हिन्दू समुदाय को हर प्रकार से नस्ट भ्रष्ट किया जा सके, इस प्रकार से हम कह सकते हैं, की यह सब हिन्दू बिरोधी हर प्रकार की गतिविधियों में संलिप्त पाये जाते हैं, जब भी जांच की जाती है, इस प्रकार से यह भारत के ही शत्रु बन गये हैं। वह भारत को ही नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, यह उसी प्रकार से है, जिस प्रकार से अप जिस डाली पर बैठे हैं उसी को काट रहें हैं। यह मुर्खता नहीं तो क्या हैं? लेकिन तथातकथित अवसरवादी आज उनको भी सहीं सिद्ध कर रहें हैं, इतना बड़ा शीवलिंग मिलने के बाद भी लोग उसको फौव्वारा बता रहें हैं। इतना बड़ा प्रत्यक्ष प्रमाण हैं, फिर भी उनको यह दिखाई नहीं देता है। इसके लिए वह हर प्रकार से मरने मारने को तैयार हैं। उनके अंदर ऐसा पागलपन भरा है की वह सबको मिटा कर इस भारत पर अकेला राज्य करेगे। और इस देश को एक इश्लामिक देश बनाएगें, यहीं उनकी हार्दिक इच्छा है, यह कैसे संभव हो सकता है? जिस देश में उनकी आबादी मात्र 19 से 20 प्रतिशत है, और यहां का जो मुख्य सनातनी हिन्दू निवासी है जिनकी आबादी 70 से 75 प्रतिशत है, इसको काट वह अपनी आबादी बढ़ा रहें हैं। जहां पर हिन्दूओं की संख्या कम हैं वहां से हिन्दूओं को आतंकित कर के भगा रहें हैं। लेकिन जहां पर हिन्दू की संख्या अधिक हैं वहां वह सब सुकून से हैं, उनको यह बात समझ में नहीं आरहा है, कि वह क्या कर रहें हैं? यदि हिन्दू उसी रास्ते पर बढ़ गए जिस रास्ता पर चले गए, जिस तरफ यह सब बड़ी निरुंकुसता के साथ बढ़ रहें हैं, तो इनका अस्तित्व भारत में खतरें में आ जाएगा। क्योंकि 20 प्रतिशत पर 75 प्रतिशत भारी पड़ेगी, इसमें किसी प्रकार का संदेह नहीं हैं, अभी हिन्दू इतने ज्यादा इस विषय पर उग्र रूप धारण नहीं कर रहें हैं। जिसका यह सब बहुत अधिक फायदा उठा रहें हैं। इसमें सबसे बड़ा कारण है, कि यहां की तथाकथित अवसरवादी राजनितिक दल उनके साथ उनके पागल पन को बढ़ाने में लगें हैं। अपने ओट बैंक के लिए, यह सब ज्यादा पागल पन दिखाएगें, तो ऐसा भी संभव हैं कि जिस प्रकार से चीन में मुश्लिमों के साथ आचरण किया जाता है, उसका जबाब देने के लिए कोई देश नहीं खड़ा होता है। लेकिन भारत की उदारता इनको नहीं समझ में आरही है, यह इनकी मुर्खता और अज्ञानता को प्रकट करता है, यह सब उसी प्रकार से हैं जैसे जिस थाली में खाते हैं उसी में छेंद भी करते हैं।

     दूसरा कारण जिससे आज भारत जल रहा हैं, वह भारत की एक बड़ी राजनितिक पार्टि तथाकथित कांग्रेस जो भारत को अपना गुलाम समझता है, वह जैसा गलत सहीं करेगें सब ठीक है, वह भारत को अपनी व्यक्तिगत संपत्ति समझते हैं, उनके ऊपर हजारों करोणों के गमन का मामला चल रहा है, तो वह सब इसके खिलाफ सत्याग्रह कर रहें हैं, वह स्वयं को गांधि का वंशज समझते हैं, और यह सब उन्ही मुसलमानों के पक्षधर हैं, छद्मभेश में यह सब भारत को ही लुट रहें हैं, क्योंकि इनका एक परिवार ही इस भारत पर हमेशा राज्य करेगा, ऐसी उनकी मंसा हैं, यहीं बहुत समय से हुआ जबसे देश आजाद हुआ था लेकिन यह अपनी कारगुजारीओं के कारण ऐसी आग को लगाया जिसमें भारत आज भी धुं धुं कर जल रहा है। और वह चीन और पाकिस्तान के साथ ऐसा व्यवहार किया, जिससे वह भारत के एक बड़े भुभाग पर आज भी इन दोनों देशों का कब्जा है, जिसके लिए आज भी भारत में उनके खीलाफ तना तनी चल रहीं हैं, यह पारीवारिक राजनेता भारत को मुसलमान और चीनियों को देने के पक्षधर में हैं, क्योंकि इनके राज्य में ही चीन ने शियाचीन पर कब्जा किया और इनके राज्य में ही पाकीस्तान ने आधे कश्मिर पर कब्जा कर लिया, और यह सब जब तक भारत में राज्य किया कभी भी अपने समय में उस मुद्दे पर काम नहीं किया, उसको जला कर रखा और तथाकथित हिन्दूओं के बिरोध में ही नए नये कानुन पास करते रहें। आज इनके अधिकार से भारत की सत्ता क्या बाहर हुई? यह इसको फिर से अपने कब्जे में करने के लिए हर प्रकार से लगें हैं, लेकिन अब भारतीय हिन्दू थोड़े जागरूक हो रहें हैं, उन्होंने धीरे धीरे ही सही लोगों की सत्यता को समझने लगें हैं। इनको ज्यादा समय तक अंधेरे में नहीं रखा जा सकता है।  आज मुश्लिमों को भारत में बढ़ाने के लिए गलत तरीके से वंगला देश और म्यानमार से घुसपैठीयों को यहीं लोग बुला रहें हैं, और उनको यहां भारत के विभिन्न स्थानों पर बशा रहें हैं। और बाकायदा उनको आधारकार्ड भी दे रहें हैं। जिस प्रान्त में इनका शासन हैं, वहां पर हिन्दूओं के बिरूद्ध में अक्सर फैसले निरंतर आते रहतें हैं। वंगाल में आज इनके ही साथी हैं ममता बनर्जी जो मुस्लिमों के लिए हिन्दूओं को जबरदस्ती मुस्लिम बना रही है। यह सब भारत को तोड़ने में विश्वास रखते हैं। इधर उत्तरप्रदेश में एक सपा पार्टि हैं जो हिन्दूओं के खिलाफ बोलने में और कार्य करने ही अपना गौरव समझती है। इनको यह कहते शर्म नहीं आती है, कि हिन्दू तो कही पत्थर रख कर झंडा गांड़ देते वहीं मंदिर बन जाती है। यह जिस धर्म के हैं, उनको वह धर्म स्वीकार नहीं हैं, यह सब तथाकथित स्वयं को धर्मनिर्पेक्ष कहते हैं। इनकी धर्मनिर्पेक्षता केवल हिन्दू के मुद्दे पर नजर आती है, यह राम मंदिर के मुद्दे पर गोली चलवा देते हैं। और यहां के मुुर्ख जनता इनको अपना नेता कहती है, जो इन पर गोली चलवाता है वह इनको प्रिय है, इसलिए कितनी बार उसको अपने प्रान्त का मुख्यमंत्रि भी बनाया, इन्होंने केवल बाटने का कार्य किया। जिसके कारण भारत का कोई ना कोई प्रांत जलता ही रहता है। यह सब भारत को जलाने में विश्वास रखते हैं। 

   तीसरा कारण जिससे भारत जल रहा है, जैसा की मैंने बताया पहला कारण ज्ञानवापी मस्जिद दूसरा कारण नुपुर शर्मा को लेकर हंगामा हुआ और हो रहा है, अगला कारण राहुलगांधी हेराल्ड घोटाला मामला जांच अगला कारण हैं, भारत सरकार ने एक नई आर्मि सेना में भर्ती को ले कर किया जा जारहा है, जिसमें केवल चार साल की सेवा ली जाएगी, जिसमें लोगों को यह लगता है, कि इसके बाद लोग क्या करेगे? अर्थात लोग बेकार हो जाएंगें। लोगों को इतनी अधिक दासता गुलामी पसंद हैं, यह नौकरी के लिए देश की सारी व्यवस्था को रोक देना चाहते हैं, यह सब महामूर्ख कहां सो रहे थे जब सभी मुश्लिम नमाजी सड़को पर पत्थर और बम फेंक रहें थे, तब उनके सामने क्यों नहीं आए? तब इनको अपने देश के खीलाफ होने वाले सड़यन्त्र को रोकने के लिए भारत सरकार और हिन्दूओं की रक्षा के लिए समाने नहीं आना चाहिए  था, वह सब नुपुर शर्मा को बचाने के लिए आंदोलन क्यों नहीं कर हें हैं? जब भारतिय देवी देवताओं और महापुरुषों का अपमान किया जाता है तब यह अपने घरों से बाहर नहीं नीकलते हैं, लेकिन जब नौकरी की बात होती है, तो यह भारत सरकार पर दबाव बनाने के लिए निकलते हैं। भारत के किसान कहा मर गए? जब मुसलमान भारत में अपने आतंक से तहलका मचा रहें हैं, तो वह सब किस गुफा में सो गए, व्यर्थ के आंदोलन करके सरकार की व्यवस्था को ठप कर रहें, इनकी सबसे बड़ी कमजोरी या नामर्दी कायरता इसमें झलकती है, जिसके कारण ही भारत सरकार ने इस हिन्दू जाती की मानसिकता को जान कर ऐसी चार साल की सेवा का आर्मी में प्रावधान किया है। इसकी विशेषता इनको समझ में नहीं आ रही है, और नाही भारत की यथा स्थिति ही समझ में नहीं आ रही है। सबको अपने व्यक्तिगत लाभ से मतलब हैं, चाहें वह राजनेता हैं या फिर वह किसान हैं, या फिर तथाकथित भारत के युवा हैं, यह सब अपने कृत्यों से अपनी मुर्खता को ही व्यक्ति कर रहें हैं। इनको भारत की सभ्यता संस्कृति और धर्म मर्यादा सेकोई लोना देना नहीं हैं, लोगों को केवल समस्या ही समस्या दिखाई दे रही है, जिसके खीलाफ यह आंदोलन कर रहें हैं। और इनका आंदोलन केवल अपने एक तबके के लिए है।   

  यह सब इस भारत के बारें में नहीं सोच रहें हैं, जिसको भष्म करने के लिए हर तरफ से इसके शत्रु इस आग को निरंतर भड़का रहे हैं। एक तरफ चीन अपनी सेना के साथ आकर भारत के सीमा पर डेरा डाल दिया है, वह कभी भी हमला कर सकता है, दूसरी तरफ पाकिस्तान अफगानिस्तान भी चीन के साथ मिल कर भारत पर अपने अधिकार के लिए पागलपन की हद तक कार्य कर रहें हैं, तीसरी तरफ भारत के अंदर मुस्लिम समुदाय जो भारत को अंदर से खोखला कर रहा है, तथाकथित राजनेता जैसे कांग्रेस सपा और ममाता त्रीणमुल, केजरीवाल का पागलपना आप पार्टि के नाम पर कार्य करी वह सारे हिन्दू को ही भारत में से झाड़ू मार कर बाहर करना चाहती है, पंजाब में एक दूसरी ही मांग उठ रही है, केजरी वाला जिसका पक्षधर है, वह खालीस्तान बनाने का। 

   जब भारत की सेना बाहरी शत्रु से लेड़ेगी, तो भारतीय आंतरिक शत्रु से कौन लड़ेगा? जो यह आंदोलन होता है सारे हिन्दू और यहां के नागरीक कहां मर जाते हैं?, वह क्यों नहीं सामने आते हैं, क्योंकि वह सब मानसिक रूप से तैयार नहीं हैं, इसलिए भारत सरकार भारतीय युवाओं को थोड़े समय तक सेना में रख कर उनके मेन्टली स्ट्रांग बनाने का कार्य करना चाहती है। दूसरी बात मात्र चार सालों में ही जब आप वापीस अपने सेवा से आएंगे तो उनको  कई करोड़ रूपया भी मिलेगा। जिससे वह अपना स्वयं का रोजगार कर सकते हैं, जिससे भारत की आर्थिक स्थिति और सुधरेगी आपको भारत को आगे आर्थित मोर्चे पर मजबुत होग, गुलामी नौकरी कैसी भी हो? वह कभी किसी के लिए हितकर नहीं होती है, यद भारतीए युवा व्यवसाय नहीं करेंगें और केवल नौकरी पर ही आदी रहेंगें, तो भारत सरकार इतने लोगों को रोजगार कहां देपाएगी इसलिए लोग वेरोजगार रहेंगें, जैसा की अभी हैं, यदि उनके पास धन नहीं है, तो थोड़े समय के लिए सरकार उनकी सरकारी सेना में ले कर में सरकार आपको धन के साथ उसी जनता के बीच में भेज देगी जहां पर आपके पास सेना की सारी शक्ति के साथ अर्थात आपको आधुनिक अस्त्र शस्त्र चलाने का ज्ञान होगा, जिससे आप यदि सरकारी रूप से कार्य नहीं करते हैं, तो भी यदि भारत के अंदर गृह युद्ध होता है, तो आप प्रशिक्षित होगें, जिसे आपको तत्काल भारत के आंतरीक और बाहरी शत्रुओं से लड़ने के लिए बुला लिया जाएगा। नहीं तो आप स्वयं अपने परीवार और समाज की रक्षा कर सकते हैं। इतने तो मजबुत बन ही सकते हैं, आज जहां मुश्लिम लोग हिन्दूओं को उनके घरों से भगा रही हैं, वहां अपने घरों में रह सकते हैं। बहुत सारा फायदा है। यदि सकारात्मक दृष्टि से इस पर वीचार किया जाता है तो। यदि मुर्खथापूर्ण विचार करते हैं तो और दोष को देखते हैं, तो आप स्वयं ही अपने परिवार और समाज के साथ देश को आग के हवाले कर रहें हैं, इसमें कोइ सरकार कुछ नहीं कर सकती है, आपको अपनी जिम्मेदारीओं का वहन करना होगा। यह देश हमारा हैं, और इसकी हर वस्तु की रक्षा का दाइत्व भी हमारा है, जिस प्रकार से हम अपने घर और अपने परीवार की रक्षा पालन पोषण का ध्यान रखते हैं, उसी प्रकार से हमें अपने देश को देखना और सम्हालना होगा, यह हम सब का धर्म है। सबसे बड़ी बात जो यह सराकार कर रही आपको थोड़े समय के बाद भारी मात्रा में एक मुस्त धन देगी जिससे आपना कोई अच्छा व्यापार कर सकते हैं, इसमें आपकी मस्तिष्क की परीक्षा होगी क्योंकि ऐसा यदि भारतीय युवा नहीं करेंगे, तो भविश्य में भारत कुछ एक व्यापारीओं के हाथ में चला जाएगा। अडानी अंबानी टाटा बीड़ला और महिन्द्रा आदि भारतीओं को गुलाम बनाने के लिए तैयार हैं। भारतीय युवावओं को अपना चउमुखी विकास करना होगा। और अपने आने वाली सभी समस्याओं के लिए स्वयं को तैयार करना होगा। क्योंकि सारे राजनेता इन व्यापारीयों के हाथ की कटपुतली हैं। इसको बड़े गंभीरता के साथ समझना होगा, आज सिर्फ आपको परेशानी या आपके परीवार को या आपके समाज को परेशानी नहीं हैं, लुटेरे हर तरफ से लगें इनके मुंह को तोड़ने लिए स्वयं को तैयार करना होगा। और यह कार्य एक बड़े सामुहिक रूप से आंदोलित करके युवा कर सकते हैं, हमारे देश के युवाओं को केवल अपने व्यक्तिगत फायदे के बारे में नहीं सोचना चाहिए यद्यपि अपने देश के बारे में सोचना चाहिए, जब देश बचेगा। तभी हम भी यहां सुरक्षित होगे, यदि देश ही खतरें में हैं तो हम सब कैसे सुरक्षित रह सकते हैं?  


मनोज पाण्डेय अध्यक्ष 

ज्ञान विज्ञान ब्रह्मज्ञान वैदिक विद्यालय             

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