🚩‼️ओ३म्‼️🚩
🕉️🙏नमस्ते जी🙏
दिनांक - - ०६ फ़रवरी २०२५ ईस्वी
दिन - - गुरुवार
🌒 तिथि -- नवमी ( २२:५३ तक तत्पश्चात दशमी )
🪐 नक्षत्र - - कृत्तिका ( १
९:२९ तक तत्पश्चात रोहाणी )
पक्ष - - शुक्ल
मास - - माघ
ऋतु - - शिशिर
सूर्य - - उत्तरायण
🌞 सूर्योदय - - प्रातः ७:०६ पर दिल्ली में
🌞 सूर्यास्त - - सायं १८:०४ पर
🌒 चन्द्रोदय -- १२:०३ पर
🌒 चन्द्रास्त - - २६:३८ पर
सृष्टि संवत् - - १,९६,०८,५३,१२५
कलयुगाब्द - - ५१२५
विक्रम संवत् - -२०८१
शक संवत् - - १९४६
दयानंदाब्द - - २००
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🚩‼️ओ३म्‼️🚩
🔥आध्यात्मिक प्रगति में उत्पन्न होने वाली बाधाएं और उनके उपाय!
इन ९ विघ्न के साथ-साथ अन्य पाँच विघ्नों को भी याद रखना चाहिए। जो इस प्रकार है:-
(१) दुःख:- जो इंद्रिय को बुरा लगे वह
(2) दौर्मनस्य:- इच्छा की पूर्ति न होने पर जो मन में क्षोभ उत्पान होता है।
(३) अगों का कापना:- शरीर के अंगों मे कम्पन होना।
(४) श्वास:- बिना इच्छा के बाहर की वायु का भीतर प्रवेश कर जाना अर्थात बाहरी कुम्भक में बाधा उत्पन्न होना।
(५) प्रश्वास:- बिना इच्छा के भीतर की वायु का बाहर आना अर्थात भीतरी कुम्भक में बाधा उत्पन्न होना।
ये पांचों बाधाए चित्त में ही होती हैं। प्रत्येक मनुष्य को यह अवश्य जानना चाहिए कि बाधाओं को दूर करने का महान उपाय अभ्यास , वैराग्य, स्वाध्याय और ईश्वर प्रणिधान तो है ही, साथ मे अन्य उपाय भी है जो इस प्रकार है
एकतत्वाभ्यास:- भाव यह है कि किसी एक वस्तु पर चित्त को बार - बार स्थित करने का प्रयत्न करने से भी एकाग्रता उत्पन्न होकर बाधाओं का नाश हो जाता है।
चार भावनाएँ:- अर्थात सुखी मनुष्यों में मित्रता की भावना।,दुःखी मनुष्यों में दया की भावना।,पुण्यात्मा मनुष्यो में प्रसन्नता की भावना। तथा पापियों मे उपेक्षा की भावना करने से चित्त के राग, द्वेष, घृणा, ईर्ष्या और क्रोध आदि मलो(दोषों) का नाश होकर चित्त शुद्ध-निर्मल हो जाता है।
प्राणायाम:- बारम्बार प्राण वायु को शरीर से बाहर निकालने का तथा यथाशक्ति बाहर रोके रखने का अभ्यास करने से मन में निर्मलता आती है तथा शरीर की नाड़ीयों का भी मल नष्ट होता है।
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🚩‼️आज का वेद मंत्र‼️🚩
🌷ओ३म् धृताहवन सन्त्येमा उ षु श्रुधी गिर:।याभि: कण्वस्य सुनवो हवन्तेंऽवसें त्वा॥ ( ऋग्वेद १|४५|५ )
💐अर्थ :- जो मनुष्य माता , पिता व आचार्य से उत्तम् शिक्षा ग्रहण कर उन्हें अपने जीवन में अपनाते है, वे सदैव सफल होते है।
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🔥विश्व के एकमात्र वैदिक पञ्चाङ्ग के अनुसार👇
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🙏 🕉🚩आज का संकल्प पाठ 🕉🚩🙏
(सृष्ट्यादिसंवत्-संवत्सर-अयन-ऋतु-मास-तिथि -नक्षत्र-लग्न-मुहूर्त) 🔮🚨💧🚨 🔮
ओ३म् तत्सत् श्री ब्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे श्वेतवाराहकल्पे वैवस्वते मन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे 【एकवृन्द-षण्णवतिकोटि-अष्टलक्ष-त्रिपञ्चाशत्सहस्र- पञ्चर्विंशत्युत्तरशततमे ( १,९६,०८,५३,१२५ ) सृष्ट्यब्दे】【 एकाशीत्युत्तर-द्विसहस्रतमे ( २०८१) वैक्रमाब्दे 】 【 द्विशतीतमे ( २००) दयानन्दाब्दे, काल -संवत्सरे, रवि- उत्तरायणे , शिशिर -ऋतौ, माघ - मासे, शुक्ल पक्षे, नवम्यां
तिथौ,
कृत्तिका नक्षत्रे, गुरुवासरे
, शिव -मुहूर्ते, भूर्लोके जम्बूद्वीपे, आर्यावर्तान्तर गते, भारतवर्षे भरतखंडे...प्रदेशे.... जनपदे...नगरे... गोत्रोत्पन्न....श्रीमान .( पितामह)... (पिता)...पुत्रोऽहम् ( स्वयं का नाम)...अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शांति समृद्धि हितार्थ, आत्मकल्याणार्थ,रोग,शोक,निवारणार्थ च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे
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