गेविन पैकर्ड। जी हां, यही नाम है इनका। अस्सी के दशक के आखिरी सालों और नब्बे के पूरे दशक में आपने इन्हें फिल्म के हीरो के साथ पंगे लेते हुए खूब देखा होगा। अपनी बॉडी से ये उस दौर के एक्शन हीरोज़ को तगड़ा कंपटीशन देते थे। उस वक्त लोग सोचते थे, कि ये शायद कोई विदेशी एक्टर है जो फिल्मों में काम करने के लिए भारत आया है। लेकिन सच तो ये है कि ये भारतीय थे। पूरी तरह से भारतीय थे।
तो आखिर अब कहां गए गेविन पैकर्ड? आखिर कैसे 90 के दशक का ये इतना हैंडसम विलेन, सिल्वर स्क्रीन से चुपचाप गायब हो गया? किस्सा टीवी की आज की पेशकश में हम आपको गेविन पैकर्ड की ज़िंदगी की कहानी से रूबरू कराएंगे। चूंकि आज गेविन पैकर्ड का जन्मदिवस है। गेविन का जन्म 8 जून 1964 को हुआ था।
पहले विश्वयुद्ध से जुड़ी है गेविन पैकर्ड की कहानी
गेविन पैकर्ड की कहानी की शुरूआत होती है उनकी पैदाइश से भी लगभग 50 साल पहले। ये पहले विश्वयुद्ध का दौर था। अब तक अमेरिका पहले विश्वयुद्ध का हिस्सा बन चुका था। ब्रिटेन और अमेरिका साथ मिलकर, जर्मनी और उसके मित्र देशों के खिलाफ जंग लड़ रहे थे। इस दौरान बड़ी तादाद में अमेरिकी सैनिक, ब्रिटिश और भारतीय सैनिकों के साथ मिलकर ओटोमन अंपायर के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए भारत आए थे।
गेविन पैकर्ड के दादा बसे थे भारत में
इन्हीं अमेरिकी सैनिकों में से एक थे जॉन पैकर्ड, जो आइरिश मूल के थे। उनका परिवार अमेरिका जाकर बस चुका था। अमेरिकी सेना के साथ जॉन पैकर्ड भारत आए। और फिर जंग खत्म होने के बाद अमेरिका वापस लौटने के बजाय भारत में ही बस गए। जॉन पैकर्ड के बेटे अर्ल पैकर्ड की परवरिश भारत में ही हुई। और अर्ल पैकर्ड ने एक भारतीय लड़की से शादी की। अर्ल पैकर्ड के ही बड़े बेटे थे गेविन पैकर्ड, जिनका जन्म हुआ था मुंबई के कल्याण में 8 जून सन 1964 को।
बॉडी बिल्डिंग का बड़ा नाम थे गेविन पैकर्ड
पांच भाई-बहनों में गेविन पैकर्ड सबसे बड़े थे। लंबी चौड़ी कद काठी के गेविन पैकर्ड को शुरू से ही बॉडी बिल्डिंग का शौक था। अपने दौर में गेविन पैकर्ड का बॉडी बिल्डिंग में इतना नाम था कि उन्होंने उस वक्त कई नेशनल बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप्स जीती थी। ये गेविन पैकर्ड ही थे, जिन्होंने संजय दत्त को बॉडी बिल्डिंग करने की सलाह दी थी। और केवल संजय दत्त ही नहीं, गेविन ने सुनील शेट्टी, सलमान खान और सलमान के पर्सनल बॉडीगार्ड शेरा के फिटनेस ट्रेनर के तौर पर भी काम किया था।
ये थी गेविन पैकर्ड की पहली फिल्म
गेविन के अपीयरेंस और इनकी दमदार बॉडी से प्रभावित मुंबई के कई प्रोड्यूसर्स और डायरेक्टर्स अपनी फिल्मों में इन्हें लेना चाहते थे। गेविन को भी फिल्मों में दिलचस्पी थी सो उन्होंने आर्यन नाम की एक मलयालम मूवी से अपने फिल्मी करियर की शुरूआत भी कर दी। ये फिल्म 1988 में रिलीज़ हुई थी और इस फिल्म में गेविन को किसी ने शायद ही नोटिस भी किया हो।
इस फिल्म से ली बॉलीवुड में एंट्री
इसके अगले ही साल गेविन ने बॉलीवुड में डेब्यू किया फिल्म इलाका से। लेकिन गेविन इस फिल्म में नज़र आए सिर्फ एक छोटे से सीन में। इसी साल गेविन फिर से नज़र आए सुपरहिट फिल्म त्रिदेव में। लेकिन इस फिल्म में भी गेविन एक छोटे से रोल में ही दिखाई दिए। इसके बाद से ही गेविन को फिल्मों में विलेन के हैंचमैन के रोल मिलने लगे। और गेविन भी बिना झिझके ऐसे रोल करते गए।
ये थी गेविन पैकर्ड की सुपरहिट फिल्में
गेविन ने अपने फिल्मी करियर में कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया जैसे कि जुर्म, थानेदार, सड़क, तिरंगा, आंखें, प्लेटफॉर्म, शतरंज, तड़ीपार, मोहरा, जल्लाद, करन-अर्जुन, नाजायज़, हलचल, खिलाड़ियों के खिलाड़ी, मृत्युदाता, बड़े मियां छोटे मियां, हद कर दी आपने और ये है जलवा। अपने फिल्मी करियर में गेविन ने लगभग 59 हिंदी फिल्मों में काम किया। 9 मलयालम फिल्मों में काम किया और एक तेलुगू फिल्मों मे काम किया। गेविन अपने दौर के हर बड़े एक्शन हीरो के साथ काम किया। लेकिन गेविन को कभी भी बेहतर रोल नहीं मिले।
दमदार एक्टर भी थे गेविन पैकर्ड
कहना चाहिए, कि किसी भी डायरेक्टर ने गेविन की प्रतिभा का सही इस्तेमाल ही नहीं किया। वरना ऐसा नहीं है कि गेविन में एक्टिंग की प्रतिभा नहीं थी। गेविन एक बढ़िया अभिनेता थे और इसकी एक बानगी देखने को मिलती है, मलयालम फिल्म सीज़न में। ये फिल्म बनाई थी मलयालम फिल्मों के मशहूर डायरेक्टर रहे पी पद्मराजन ने। इस फिल्म में गेविन ने फेबियन रैमिरैज़ नाम के एक कैदी का किरदार निभाया था, जो फिल्म के हीरो का दोस्त था। मलयालम भाषा के दर्शक इस फिल्म में गेविन की एक्टिंग से काफी प्रभावित हुए थे।
ऐसी थी इनकी निजी ज़िंदगी
बात अगर गेविन की निजी ज़िंदगी के बारे में करें तो गेविन ने और उनकी पत्नी की बीच का रिश्ता बहुत ज़्यादा चल नहीं पाया और इन दोनों ने आखिरकार तलाक लेकर एक-दूसरे से अलग होने का फैसला कर लिया। गेविन की दो बेटियां हैं। इरिका पैकर्ड और कैमिली काइली पैकर्ड। जहां इरिका पैकर्ड एक बेहद खूबसूरत मॉडल हैं तो वहीं कैमिली काइली पैकर्ड एक मल्टीनेशनल डिजिटल मीडिया कंपनी में नौकरी करती हैं।
बेहद मुश्किल में गुज़रा गेविन पैकर्ड का आखिरी वक्त
गेविन पैकर्ड की ज़िंदगी के आखिरी दिन बेहद मुश्किलों में गुज़रे थे। इन्हें फेंफड़ों की बीमारी ने अपना शिकार बना लिया था। और उस बीमारी के चलते इनकी हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही थी। दोनों बेटियां भी काम के चलते विदेशों में थी। बुरे वक्त में इन्हें फिल्मों में काम मिला भी बंद हो गया और इनकी माली हालत बेहद खराब होने लगी। गेविन अपने छोटे भाई डेरिल पैकर्ड के घर आए गए। गेविन की बीमारी दिन-ब-दिन विकराल रूप लेती जा रही थी। आखिरकार 18 मई 2012 को गेविन के शरीर ने हार मान ली। और गेविन इस दुनिया से हमेशा-हमेशा के लिए विदा हो गए।
बॉलीवुड ने दिखाई बेरुखी
गेविन को बांद्रा के सेंट एंड्र्यूज़ ईसाई कब्रिस्तान में दफनाया गया। ये भी बड़ी अफसोसनाक बात है कि गेविन पैकर्ड की अंतिम यात्रा में फिल्म जगत से कोई भी शुमार नहीं हुआ। जबकी गेविन ने अपने फिल्मी करियर में मिथुन, सुनील शेट्टी, अक्षय कुमार, सलमान खान और संजय दत्त जैसे बड़े सितारों के साथ काम किया था।
पिता के बारे में ये सोचती है बेटी
अपने पिता को याद करते हुए गेविन की बेटी इरिका कहती हैं कि मैं और मेरी बहन हमेशा सोचते थे कि वो कोई सुपरमैन हैं। इरिका बताती हैं कि उन्हें ये बात काफी बुरी लगती थी कि उनके पिता हमेशा फिल्मों में बैड बॉय का रोल करते थे। हालांकि इरिका को फिल्म सड़क में अपने पिता गेविन का काम काफी पसंद आया था। साथ ही इरिका कहती हैं कि करन-अर्जुन में सलमान खान और अपने पापा का फाइट सीन भी उन्हें बेहद पसंद था।
सुनील शेट्टी गेविन की मौत पर ये बोले थे
गेविन की मौत के कुछ समय बाद सुनील शेट्टी एक मीडिया हाउस से बातचीत में गेविन को याद करते हुए कहते हैं, "जब मुझे गेविन की मौत की खबर मिली थी तो मुझे बहुत बुरा लगा था। वो मेरी शुरुआत की लगभग हर फिल्म में था। ये गेविन ही था जो संजय दत्त को बॉडी बिल्डिंग में लाया था। बहुत अच्छा आदमी था लेकिन प्रोड्यूसर्स से पैसे मांगना उसको नहीं आता था। मैंने और गेविन ने काफी दिनों तक साथ में ही बॉडी-बिल्डिंग की थी। वो बॉडी बिल्डिंग का पायनियर था। वो हर मसल के बारे में अच्छी तरह से जानता था। उसे मालूम था कि बॉडी बिल्डिंग के दौरान क्या खाना है क्या नहीं। कोई भी एक्शन फिल्म हो, आप बस गेविन को याद कीजिए और गेविन हाज़िर हो जाता था।"
ऐसे करते हैं संजय दत्त याद
एक्टर संजय दत्त ने भी एक दफा गेविन को याद करते हुए का था, "वो मेरे लिए एक भाई के जैसा था। गेविन ने ही मुझे बॉडी बिल्डिंग के लिए प्रेरित किया था। मैं गेविन की बेटियों का ध्यान रखता हूं और उनके लिए गॉडफादर की तरह हूं। उसकी आत्मा की शांति के लिए मैं दुआ करूंगा। मैं उसके परिवार की मदद के लिए हमेशा खड़ा हूं। ईश्वर उसकी आत्मा को शांति दे।"
शेरा भी गेविन को नहीं भूले
सलमान खान के बॉडीगार्ड शेरा ने भी एक दफा गेविन को याद करते हुए कहा था "मैं गेविन को उसके फिल्मों में आने से भी पहले से जानता था। गेविन और मैंने एक साथ कई बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप्स में हिस्सा लिया था। उसकी पर्सनैलिटी बेहद शानदार थी और उसकी फिजीक भी काफी दमदार थी। उसकी मौत की खबर जब मैने सुनी थी तो मुझे काफी बुरा लगा था। वो मेरा दोस्त था और बहुत ही अच्छा आदमी था।"
तो साथियों इस तरह हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के नब्बे के दशक का एक बेहद हैंडसम विलेन को इंडस्ट्री वालों और फिल्मों के दर्शकों ने हमेशा-हमेशा के लिए भुला दिया। लेकिन किस्सा टीवी हमेशा ऐसे कलाकारों को याद करता है और उन्हें उनके हक का पूरा सम्मान भी देता है। और किस्सा टीवी को गर्व है इस बात का कि उसके पाठक भी इन कलाकारों को दिल ये याद करते हैं और प्यार देते हैं।
#GavinPackard
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