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ये नववर्ष मेरा नहीं

 🚩‼️ओ३म्‼️🚩


🕉️🙏नमस्ते जी🙏


दिनांक  - - ०२ जनवरी  २०२५ ईस्वी 


दिन  - - गुरूवार 


  🌒 तिथि -- तृतीया (  २५:०८ तक तत्पश्चात  चतुर्थी )


🪐 नक्षत्र - - श्रवण ( २३:१० तक तत्पश्चात  धनिष्ठा )

 

पक्ष  - -  शुक्ल 

मास  - -  पौष 

ऋतु - - हेमन्त 

सूर्य  - - उत्तरायण 


🌞 सूर्योदय  - - प्रातः ७:१४ पर  दिल्ली में 

🌞 सूर्यास्त  - - सायं १७:३६ पर 

 🌒 चन्द्रोदय  --  ९:१६ पर 

 🌒 चन्द्रास्त २०:०४ पर 


 सृष्टि संवत्  - - १,९६,०८,५३,१२५

कलयुगाब्द  - - ५१२५

विक्रम संवत्  - -२०८१

शक संवत्  - - १९४६

दयानंदाब्द  - - २००


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 🚩‼️ओ३म्‼️🚩


🔥ये नववर्ष मेरा नहीं



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  ये नव वर्ष मेरा  नहीं

यह नव वर्ष तो उसका है।

जिसने भारत मां को

गुलामी की जंजीरों से जकड़ा,

यह नव वर्ष तो उसका है।।


  प्रकृति अभी धुंध में लिपटा

रातें  बड़ी  ,दिन है  सिमटा ।

सौंदर्य विहीन प्रकृति दिखता

कुहासे रोक रही  है रास्ता ।।


  सर्द भरी दिन और रातें

नहीं  होती किसी  से बातें।

ठिठूरन से बेसुध  धरा 

मानव  सब  बेसुध  पड़ा ।।


  कुछ और दिन गुजरने दो 

नव  वसंत ऋतु को आने दो।

कलियां  करेगी  नूतन श्रृंगार

वसंत  की बहेगी  ठंडी  बयार।।


 आम्र की मंजर  डोलेगी 

कुकु  कुकु  कोयल बोलेगी।

भ्रमर  कली पर मंडरायगी

नूतन  गीत  सुनायगी  ।।


  नव हरित धरा ,सब हरा  भरा 

जीवन में मादकता का गंध भरा।

चैत्र शुक्लपक्ष प्रतिपदा  को

नव वर्ष मनायेंगे हम ।

आर्यावर्त की पुनीत धरती पर

नित नित शीश झुकायेंगे  हम ।।


  ये नव वर्ष तो मेरा  नहीं 

यह नव वर्ष तो उसका है।

जिसने भारत मां को 

गुलामी की जंजीरों से जकड़ा

यह  नव वर्ष  तो  उसका  है।।


  भूलते जा रहे हैं वैदिक कैलेंडर, रट लीजिए।

१. चैत्र 

२. वैशाख

३. ज्येष्ठ 

४. आषाढ़ 

५. श्रावण 

६. भाद्रपद 

७. अश्विन 

८. कार्तिक

९. मार्गशीर्ष 

१०. पौष

११. माघ 

१२. फाल्गुन 


  चैत्र मास ही हमारा प्रथम मास होता है, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष  प्रतिपदा को नववर्ष मानते हैं। चैत्र मास अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मार्च-अप्रैल में आता है, चैत्र के बाद वैशाख मास आता है जो अप्रैल-मई के मध्य में आता है, ऐसे ही बाकी महीने आते हैं l फाल्गुन मास हमारा अंतिम मास है जो फरवरी-मार्च में आता है, फाल्गुन की अंतिम तिथि से वर्ष की सम्पति हो जाती है, फिर अगला वर्ष चैत्र मास का पुन: तिथियों का आरम्भ होता है जिससे नववर्ष आरम्भ होता है, हमारे समस्त "वैदिक मास" महीने का नाम २८ में से १२ "नक्षत्रों" के नामों पर रखे गये हैं।


  जिस मास की पूर्णिमा को चन्द्रमा जिस नक्षत्र पर होता है उसी नक्षत्र के नाम पर उस मास का नाम हुआ।

१. चित्रा नक्षत्र से चैत्र मास

२. विशाखा नक्षत्र से वैशाख मास

३. ज्येष्ठा नक्षत्र से ज्येष्ठ मास

४. पूर्वाषाढा या उत्तराषाढा से आषाढ़

५. श्रावण नक्षत्र से श्रावण मास 

६. पूर्वाभाद्रपद या उत्तराभाद्रपद से भाद्रपद 

७. अश्विनी नक्षत्र से अश्विन मास 

८. कृत्तिका नक्षत्र से कार्तिक मास 

९,. मृगशिरा नक्षत्र से मार्गशीर्ष मास 

१०. पुष्य नक्षत्र से पौष मास 

११. माघा मास से माघ मास

१२. पूर्वाफाल्गुनी या उत्तराफाल्गुनी से फाल्गुन मास

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 🚩‼️आज का वेद मंत्र ‼️🚩


🌷 ओ३म् अरिष्ट:स मर्तो विश्व एधते प्र प्रजाभिर्जायते धर्मणस्परि। यमादित्यासो नयथा सुनोतिभिरति विश्वानि दुरिता स्वस्तये ( ॠग्वेद)


  💐हे आदित्य ब्रह्मचारियो, जिस मनुष्य को आप सुन्दर मार्ग पर ले जाते हो , वह मनुष्य-समूह किसी से पीड़ित न होता हुआ संसार में उन्नति करता है और धर्म पालन करता हुआ प्रजाओं , पुत्र-पौत्रादि से फलता वा फूलता है। 


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 🔥विश्व के एकमात्र वैदिक  पञ्चाङ्ग के अनुसार👇

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 🙏 🕉🚩आज का संकल्प पाठ 🕉🚩🙏


(सृष्ट्यादिसंवत्-संवत्सर-अयन-ऋतु-मास-तिथि -नक्षत्र-लग्न-मुहूर्त)       🔮🚨💧🚨 🔮


ओ३म् तत्सत् श्रीब्रह्मणो द्वितीये प्रहरार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे 【एकवृन्द-षण्णवतिकोटि-अष्टलक्ष-त्रिपञ्चाशत्सहस्र- पञ्चर्विंशत्युत्तरशततमे ( १,९६,०८,५३,१२५ ) सृष्ट्यब्दे】【 एकाशीत्युत्तर-द्विसहस्रतमे ( २०८१) वैक्रमाब्दे 】 【 द्विशतीतमे ( २००) दयानन्दाब्दे, काल -संवत्सरे,  रवि- उत्तरायणे , हेमन्त -ऋतौ, पौष - मासे, शुक्ल पक्षे, तृतीयायां

 तिथौ, 

  श्रावण नक्षत्रे, गुरूवासरे

 , शिव -मुहूर्ते, भूर्लोके जम्बूद्वीपे, आर्यावर्तान्तर गते, भारतवर्षे ढनभरतखंडे...प्रदेशे.... जनपदे...नगरे... गोत्रोत्पन्न....श्रीमान .( पितामह)... (पिता)...पुत्रोऽहम् ( स्वयं का नाम)...अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शांति समृद्धि हितार्थ,  आत्मकल्याणार्थ,रोग,शोक,निवारणार्थ च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे


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