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ईशा वास्यमिदं सर्वं यत्किञ्च जगत्यां जगत्‌।

ईशा वास्यमिदं सर्वं यत्किञ्च जगत्यां जगत्‌।
तेन त्यक्तेन भुञ्जीथा मा गृधः कस्यस्विद्धनम्‌ ॥ ||||
All this is for habitation by the Lord, whatsoever is an individual universe of movement in the universal motion. By that renounced thou should enjoy; lust not after any man's possession.
Hindi Translation
इस वैश्व गति में, इस अत्यन्त गतिशील समष्टि-जगत् में जो भी यह दृश्यमान गतिशील, वैयक्तिक जगत् है-यह सबका सब ईश्वर के आवास के लिए है। इस सबके त्याग द्वारा तुझे इसका उपभोग करना चाहिये; किसी भी दूसरे की धन-सम्पत्ति पर ललचाई दृष्टि मत डाल।
कुर्वन्नेवेह कर्माणि जिजीविषेत् शतं समाः।
एवं त्वयि नान्यथेतोऽस्ति न कर्म लिप्यते नरे ॥ ||||
Doing verily works in this world one should wish to live a hundred years. Thus it is in thee and not otherwise than this; action cleaves not to a man.
Hindi Translation
इस संसार में कर्म करते हुए ही मनुष्य को सौ वर्ष जीने की इच्छा करनी चाहिये। हे मानव! तेरे लिए इस प्रकार का ही विधान है, इससे भिन्न किसी और प्रकार का नहीं है, इस प्रकार कर्म करते हुए ही जीने की इच्छा करने से मनुष्य में कर्म का लेप नहीं होता।
असुर्या नाम ते लोका अन्धेन तमसावृताः।
तांस्ते प्रेत्याभिगच्छन्ति ये के चात्महनो जनाः ॥ ||||
Sunless are those worlds and enveloped in blind gloom where to all they in their passing hence resort who are slayers of their souls.
Hindi Translation
वे लोक सूर्य से रहित हैं और गाढ़े अन्धकार से आच्छादित हैं। उन लोकों को वे सभी लोग यहां से प्रयाण करने पर पहुंचते हैं जो कोई भी अपनी आत्मा का हनन करते हैं।
अनेजदेकं मनसो जवीयो नैनद्देवा आप्नुवन् पूर्वमर्षत्‌।
तद्धावतोऽन्यानत्येति तिष्ठत् तस्मिन्नपो मातरिश्वा दधाति ॥ ||||
One unmoving that is swifter than Mind, That the Gods reach not, for It progresses ever in front. That, standing, passes beyond others as they run. In That the Master of Life establishes the Waters.
Hindi Translation
वह अचल, अचलायमान एकमेव ब्रह्म मन से वेगवत्तर, अत्यधिक वेगवाला है। उस एकमेव तक देवता नहीं पहुँच पाते, क्योंकि वह सदैव उनसे आगे-आगे पहुँच जाता है पहुँचा होता है। वह ठहरा हुआ भी दौड़ते हुए दूसरों को पार कर आगे निकल जाता है। उस तत् में जीवन-शक्ति का स्वामी वायु जलधाराओं को स्थापित करता है।
तदेजति तन्नैजति तद् दूरे तद्वन्तिके।
तदन्तरस्य सर्वस्य तदु सर्वस्यास्य बाह्यतः ॥ ||||
That moves and that moves not; that is far and the same is near; that is within all this and that also is outside all this.
Hindi Translation
वह गति करता है और गति नहीं भी करता; वह दूर है और पास भी है; इस सबके भीतर है और इस सबके बाहर भी है।
यस्तु सर्वाणि भूतानि आत्मन्येवानुपश्यति।
सर्वभूतेषु चात्मानं ततो न विजुगुप्सते ॥ ||||
But he, who sees everywhere the Self in all existences and all existences in the Self, shrinks not thereafter from aught.
Hindi Translation
परन्तु जो सभी भूतों या सत्ताओं को परम आत्मा में ही देखता है और सभी भूतों या सत्ताओं में परम आत्मा को, वह फिर सर्वत्र एक ही आत्मा के प्रत्यक्ष दर्शन के पश्चात्, किसी से कतराता नहीं, घृणा नहीं करता।
यस्मिन् सर्वाणि भूतानि आत्मैवाभूद् विजानतः।
तत्र को मोहः कः शोक एकत्वमनुपश्यतः ॥ ||||
He in whom it is the Self - Being that has become all existences that are Be comings, for he has the perfect knowledge, how shall he be deluded, whence shall he have grief who sees everywhere oneness?
Hindi Translation
पूर्ण ज्ञान, विज्ञान से सम्पन्न होने के कारण जिस मनुष्य के अन्दर यह परमोच्च चेतना जाग गयी है कि स्वयम्भू आत्मसत्ता ही, परम आत्मा ही स्वयं सभी भूत, सभी सत्ताएं या सम्भूतियां बना है, उस मनुष्य में फिर मोह कैसे होगा, शोक कहां से होगा जो सर्वत्र आत्मा की एकता ही देखता है।
स पर्यगाच्छुक्रमकायमव्रणमस्नाविरं शुद्धमपापविद्धम्‌।
कविर्मनीषी परिभूः स्वयम्भूर्याथातथ्यतोऽर्थान्‌ व्यदधात् शाश्वतीभ्यः समाभ्यः ॥ ||||
It is He that has gone abroad-That which is bright, bodiless, without scar of imperfection, without sinews, pure, unpierced by evil. The Seer, the Thinker, the One who becomes everywhere, the Self - existent has ordered objects perfectly according to their nature from years sempiternal.
Hindi Translation
वह पुरुष ही सर्वत्र व्याप्त है-वह तत् जो ज्योतिर्मय, शरीर-रहित, अपूर्णता के चिह्न या दाग से शून्य, स्नायु एवं नस-नाड़ी से रहित और शुद्ध है एवं पाप से बिधा नहीं है। सर्वदर्शी, मनीषवान् वह एकमेव जो सर्वत्र सब कुछ हो जाता या बन जाता है, उस स्वयंसत् पुरुष ने ही सनातन वर्षों से, अनादि काल से सभी पदार्थों को उनके स्वभाव के अनुरूप पूर्णतया ठीक-ठीक, यथातथ रूप में व्यवस्थित कर रखा है।
अन्धं तमः प्रविशन्ति येऽविद्यामुपासते।
ततो भूय इव ते तमो य उ विद्यायां रताः ॥ ||||
Into a blind darkness they enter who follow after the Ignorance, they as if into a greater darkness who devotes themselves to the Knowledge alone.
Hindi Translation
जो अविद्या का अनुसरण करते हैं वे घोर अन्धकार में प्रवेश करते हैं। और जो केवल विद्या में ही रत रहते हैं वे मानों उससे भी अधिक घोर अन्धकार में प्रवेश करते हैं।
अन्यदेवाहुर्विद्ययाऽन्यदाहुरविद्यया।
इति शुश्रुम धीराणां ये नस्तद्विचचक्षिरे ॥ ||१०||
Other, verily, it is said, is that which comes by the Knowledge, other that which comes by the Ignorance; this is the lore we have received from the wise who revealed that to our understanding.
Hindi Translation
विद्या से जो प्राप्त होता है वह दूसरा ही है, ऐसा ज्ञानी कहते हैं। अविद्या से जो प्राप्त होता है वह और ही है, ऐसा ज्ञानी कहते हैं। यह श्रुतिज्ञान हमने ज्ञानियों से प्राप्त किया है जिन्होंने हमारी बुद्धि के समक्ष उसको प्रकाशित किया।
विद्याञ्चाविद्याञ्च यस्तद्वेदोभयं सह।
अविद्यया मृत्युं तीर्त्वा विद्ययाऽमृतमश्नुते ॥ ||११||
He who knows that as both in one, the Knowledge and the Ignorance, by the Ignorance crosses beyond death and by the Knowledge enjoys Immortality.
Hindi Translation
जो तत् को इस रूप में जानता है कि वह एक साथ विद्या और अविद्या दोनों है, वह अविद्या से मृत्यु को पार कर विद्या से अमरता का आस्वादन करता है।
अन्धं तमः प्रविशन्ति येऽसम्भूतिमुपासते।
ततो भूय इव ते तमो य उ सम्भूत्यां रताः ॥ ||१२||
Into a blind darkness they enter who follow after the Non - Birth, they as if into a greater darkness who devotes themselves to the Birth alone.
Hindi Translation
जो अजन्म, जन्माभाव की अवस्था का अनुसरण करते हैं वे घोर अन्धकार में प्रवेश करते हैं। और जो केवल जन्म, प्रकृति के अन्दर जन्म में ही रत रहते हैं वे मानो उससे भी अधिक घोर अन्धकार में प्रवेश करते हैं
अन्यदेवाहुः सम्भवादन्यदाहुरसम्भवात्‌।
इति शुश्रुम धीराणां ये नस्तद्विचचक्षिरे ॥ ||१३||
Other, verily, it is said, is that which comes by the Birth, other that which comes by the Non - Birth; this is the lore we have received from the wise who revealed that to our understanding.
Hindi Translation
जन्म से जो प्राप्त होता है वह अन्य ही है, ऐसा ज्ञानी कहते हैं; अजन्म से जो प्राप्त होता है वह और ही है, ऐसा ज्ञानी कहते हैं; यह श्रुतिज्ञान हमने ज्ञानियों से प्राप्त किया है जिन्होंने हमारी बुद्धि के समक्ष तत् को प्रकाशित किया।
सम्भूतिञ्च विनाशञ्च यस्तद्वेदोभयं सह।
विनाशेन मृत्युं तीर्त्वा सम्भूत्याऽमृतमश्नुते ॥ ||१४||
He who knows that as both in one, the Birth and the dissolution of Birth, by the dissolution crosses beyond death and by the Birth enjoys Immortality.
Hindi Translation
जो तत् को इस रूप में जानता है कि वह एक साथ जन्म और जन्म का उच्छेद या अन्त दोनों है, वह जन्म के उच्छेद या अन्त से मृत्यु को पार कर जन्म से अमरता का आस्वादन करता है।
हिरण्मयेन पात्रेण सत्यस्यापिहितं मुखम्‌।
तत् त्वं पूषन्नपावृणु सत्यधर्माय दृष्टये ॥ ||१५||
The face of Truth is covered with a brilliant golden lid; that do thou remove, O Fosterer, for the law of the Truth, for sight.
Hindi Translation
सत्य का मुख चमकीले सुनहरे ढक्कन से ढका है; हे पोषक सूर्यदेव! सत्य के विधान की उपलब्धि के लिए, साक्षात् दर्शन के लिए तू वह ढक्कन अवश्य हटा दे।
पूषन्नेकर्षे यम सूर्य प्राजापत्य व्यूह रश्मीन्‌ समूह।
तेजो यत् ते रूपं कल्याणतमं तत्ते पश्यामि
योऽसावसौ पुरुषः सोऽहमस्मि ॥ ||१६||
16. O Fosterer, O sole Seer, O Ordainer, O illumining Sun, O power of the Father of creatures, marshal thy rays, draw together thy light; the Lustre which is thy most blessed form of all, that in Thee I behold. The Purusha there and there, He am I.
Hindi Translation
हे पोषक, हे एकमात्र द्रष्टा, हे विधाता एवं नियन्ता, हे प्रकाशदाता सूर्य, हे प्रजापति की (प्राणियों एवं प्रजाओं के पिता की) शक्ति! अपनी किरणों को व्यूहबद्ध एवं व्यवस्थित कर, अपने प्रकाश को एकत्र एवं पुञ्जीभूत कर ले जो तेज तेरा सबसे अधिक कल्याणकारी रूप है, तेरा वही रूप मैं देखता हूं। वहां, वहां जो पुरुष है वही हूँ मैं।
वायुरनिलममृतमथेदं भस्मांतं शरीरम्‌।
ॐ क्रतो स्मर कृतं स्मर क्रतो स्मर कृतं स्मर ॥ ||१७||
The Breath of things is an immortal Life, but of this body ashes are the end. OM! OWill, remember, that which was done remember! O Will, remember, that which was done remember.
Hindi Translation
वस्तुओं का प्राण, वायु, अमर जीवनतत्त्व है, परन्तु इस का अन्त है भस्म। ओ३म। हे दिव्य संकल्पशक्ति! स्मरण कर, जो किया था उसे स्मरण कर! हे दिव्य संकल्पशक्ति, स्मरण कर, किये हुए कर्म का स्मरण कर।
अग्ने नय सुपथा राये अस्मान्‌ विश्वानि देव वयुनानि विद्वान्‌।
युयोध्यस्मज्जुहुराणमेनो भूयिष्ठां ते नम‍उक्तिं विधेम ॥ ||१८||
O gods Agni, knowing all things that are manifested, lead us by the good path to the felicity; remove from us the devious attraction of sin. To thee completest speech of submission we would dispose.
Hindi Translation

सब व्यक्त वस्तुओं के जानने वाले हे अग्निदेव! हमे सुपथ से, उत्तम मार्ग से आनन्द की ओर ले चल; पाप का कुटिलतापूर्ण आकर्षण हमसे हटा दे, दूर कर दे। तेरे प्रति अन्तर्नमन (समर्पण) की सर्वाङ्गपूर्ण वाणी (स्तोत्र) हम निवेदित करें।

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