Ad Code

संग्राम तो होना निश्चित है

 


यह जीवन एक बहुत बड़ा संग्राम है, और इस संग्राम को कोई भी किसी भी शर्त पर रोक नहीं पायेगा, भले ही मैं रहु या ना रहु, क्योंकि यह लड़ाई सत्य और झूठ के बिच होगी, एक बात तो निश्चित है कि सत्य को मानने वाले हैं असत्य को मानने वाले भी हैं, लड़ाई महाभारत और रामायण की आज भी लोगो को याद है, यह दुष्ट और देवता के मध्य होगी, देवता और दुष्ट हमेशा से इस पृथ्वी पर रहते हुए यहां तक पहुँचे हैं,  दुष्टो की संख्याबल भले ही बहुत अधिक हो, फिर भी देवता भले ही संख्याबल बल में कम हो लेकिन आत्मबल मे वह बहुत शक्तिशाली हैं देवताओं का संकल्पबल आत्मबल दुष्टो के बल से बहुत ज्यादा है, सारे दुष्ट मारे जायेंगें, तभी इस भु मंडल पर एक बार फिर 'शांति का साम्रज्य स्थापित होगा और राम राज्य आयेगा, क्योंकि दुष्टो ने अपनी पाशविक संस्कृत का प्रसार पृथ्वी पर एक कोने से दुसरे कोने तक कर दिया है, जिसके कारण देवताओं की संस्कृति का हरास हो रहा है, यह उनके अस्तित्व के लिए बहुत बड़ा खतरा है, और इस खतरे का अंदाज भली भांति देवताओं को हो चुका है। यह संग्राम हिन्दू मुस्लिम के बीच नहीं होगा यह लड़ाई अमीर जो भ्रष्ट हो चुके हैं उनके और जो गरीब ज्ञानवान है उनके बिच में होगा। इसमे ज्ञानवान बुद्धिमान जो है देवता है वह हृदय की दृष्टि से देखते है, उनकी संख्याबल इन रयीशजादो से अधिक है, धनियो के पास खतरनाक हथियार है, वह पुरे देश को मारने की धमकी देते हैं, यद्यपि यह लड़ाई वैश्विक होगी पुरा विश्व दो भागो में बट रहा है, एक के पास भौतिक सामग्रियों का बहुत बड़ा अम्बार है, दूसरे के पास आध्यात्मिक शक्तियां है बिना शिक्षक के ही उनको उनकी अंतर आत्मा से निरंतर प्राप्त हो रहा है, जो धनी वर्ग है वह मृत्यु से बहुत अधिक भयभित है, इसलिए वह मृत्यु से बचने के सारे साधन का संग्रह कर रहा है, जबकि जो ज्ञानवान निर्धन है वह इस सत्य को अच्छी तरह से जानता है, मृत्यु तो निश्चित है, मृत्यु से कोई नहीं बचा सकता हे, इसलिए वह निर्भय हैं उन्हें अपनी मृत्यु से कोई भय नही है, वह निर्भय हो कर अपनी जान हथेली पर रखकर जीवन संग्राम सत्य की रक्षा के लिए यद्ध के मैदान में कुद पड़ेगे, और धनियो की जड़ो को उखाड़ फेकेगे, इस दुनिया को नियंत्रित करने वाले मात्र २० % लोग है संपूर्ण विश्व की आबादी के, बाकी ८०% लोग निर्धन हैं जो इनके अंयाय और शोषण का शीकार है। यह ८० % लोग २० प्रतिशत धनीयौं की बैंड बजा कर उनकी सारी 'संपत्ति पर एकाधिकार कर लेंगे, इसमे अब किसी प्रकार का संदेह नही है। ऐसा ही एक बार रूस में हो चुका है, रूस आज नास्तिको का देश बन गया है, यद्यपि यह लड़ाई धार्मिक होगी और इसका प्रारंभ भारत शुरु होगी, क्योंकि भारत हमेंशा धार्मिक युद्ध लड़ता है, यह लड़ाई देवता और दैत्यों  के मध्य होगी इसकी पुरी तैयारी चल रही है, इस युद्ध को वैश्विक स्तर पर जीत कर ही भारत विश्वगुरु बनेगा, इस युद्ध में आस्तिक नास्तिक दोनो एक तरफ होगे, भारत से शुरु होकर यह चाइना में होगा, फिर यह रूस होते हुये साउथ अफ्रीका युरोप अमेरिका इत्यादि देश मे फैल जायेगा, पुरा 'विश्व इस लड़ाई में भाग लेगा और इसका नेतृत्व वैदिक विद्वान करेंगे। जो पुरे विश्व मे फैले है, सभी देश की सेना मे विद्रोह होगा सारे नेता और सेनाधिकारी मार दिए जाएगे, पुजीपती भी मारे जायेंगें, सब समान विचार समान सामान जन आंदोलन का प्रतिनिधित्व करेगे, आज पुरी दुनिया पर सबसे अधिक जो बुद्धिमान लोग है वह सभी सामान्य लोग ही है और पुरी दुनिया में सबसे अधिक मध्यमवर्गिय लोग भारत में ही रहते, हैं यह मध्यवर्गी लोग भी निर्धनो की श्रेणी में आते है,  यद्यपि यह सबसे अधिक बुद्धिमान लोगों का बहुत बड़ा समुह है, यह अपनी रक्षा के लिये किसी भी बड़ी से बड़ी दुनिया की शक्ति से लड़ जायेगें, भारत पर मुस्लिम और अंग्रेज ने कब्जा किया था, उनकी गुलामी से मुक्ति दिलाने वाले यह भारत के मध्यवर्गीय लोग ही थे, भारत आजाद हो गया यद्यपि अंग्रेजों ने भारत का बटवारा करके, भारत की सत्ता पर अपने कठमूल्लो को बैठा दिया, इन्ही मध्यमवर्गिय लोगों ने, कठमुल्लों को सत्ता से बाहर कर दिया है, आज भारत पर अधिकार जो एक मध्यमवर्गी परिवर से आने वाला व्यक्ति हि कर रहा है, 

Post a Comment

0 Comments

Ad Code