ओ३म् ऋतं च सत्यं चाभिद्धात्तपसोऽध्याजायत।
ततो रात्र्यजयते ततः समुद्रो अर्णवः।। ऋगवेद
ऋत का मतलब यहां अदृश्य शाश्वत जगत से है इससे ही यह दृश्यमय जगत की उत्पत्ती हुई। और यह सब सत्य जगत बहुत ही भयंकर परमेंश्वर के तप से आच्छादित हुई । इसी से यह महान अंधकार को नष्ट करने वाले भयंकरतम् सूर्य प्रकाशित हुये। इसी से यह महान अनन्त अन्तरिक्ष पैदा हुआ।
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