गायत्री मंत्र हमारे साथ- साथ
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्
देवियो, भाइयो! कई बार ऐसा होता है कि बाप- दादों की बहुत- सी दौलत हमारे हाथ लग जाती है। बच्चे चाहे कमाएँ या न कमाएँ, माता- पिता बहुत- सा धन बच्चे के लिए छोड़ कर चले जाते हैं। जो लड़के समझदार होते हैं, वे पैतृक धन के रहते हुए भी अपनी आमदनी का कोई- न कोई जरिया निकाल ही लेते हैं, जिससे पैतृक धन में कमी न आने पाए। लेकिन कुछ ऐसे भी लड़के होते हैं, जो माता- पिता के धन को जुआ खेलने में, शराब पीने में गँवा देते हैं। इस तरह बुरे व्यसनों से उनका समस्त धन नष्ट हो जाता है और वे विनाश के कगार पर पहुँच जाते हैं। बुराइयों के गर्त में गिर जाते हैं।
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