ईश्वर कहाँ है ?
एक
बार एक जिज्ञासु ने किसी संत से
पूछा, “ महाराज ,
ईश्वर कहाँ है ? संत ने कहा, " ईश्वर सबमें है । " तभी रास्ते पर एक हाथी बेकाबू होकर भागता नजर आया
। पीछे- पीछे महावत चिल्ला रहा था , " रास्ते से हट जाओ,
हाथी पागल है । " संत तो एक तरफ हो गए । लेकिन जिज्ञासु संत की
बात याद कर रास्ते पर ही खड़ा रहा और सोचने लगा कि जब सबमें ईश्वर है तो इस हाथी
में भी होगा। हाथी चिंघाड़ता हुआ जिज्ञासु के पास आया और उसे सूंड में उठाकर दूर
झाडियों में फेंक दिया । उसे बहुत चोट आई । संत उसे देखने गए तो उसने पूछा,
" महाराज , आपने तो कहा था कि ईश्वर
सबमें है, फिर ऐसा क्यों हो गया ? हाथी
में भी अगर ईश्वर था तो उसने मुझ निर्दोष पर हमला क्यों किया? "
संत
ने कहा,
" ईश्वर तो उस महावत में भी था , जो हाथी
के पीछे-पीछेचिल्लाता आ रहा था कि हाथी पागल है । तुमने उसकी बात क्यों नहीं सुनी ?
"
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