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पूर्व दिशा का दृश्य मनोहर,धन्य हुए ज्योति को पाकरमनमोहक और प्रेरणादायकशुभ सन्देश है ज्योति-सुधाकरपूर्व दिशा का दृश्य मनोहर

1227 English version is at the end
🙏 *आज का वैदिक भजन* 🙏 1227

*भाग 1/2*

*ओ३म् ए॒षा दि॒वो दु॑हि॒ता प्रत्य॑दर्शि॒ ज्योति॒र्वसा॑ना सम॒ना पु॒रस्ता॑त् ।*
*ऋ॒तस्य॒ पन्था॒मन्वे॑ति सा॒धु प्र॑जान॒तीव॒ न दिशो॑ मिनाति ॥*
ऋग्वेद 1/124/3

पूर्व दिशा का दृश्य मनोहर,
धन्य हुए ज्योति को पाकर
मनमोहक और प्रेरणादायक
शुभ सन्देश है ज्योति-सुधाकर
पूर्व दिशा का दृश्य मनोहर

द्यौ की पुत्री आई उषा 
ज्योतिर्मय साड़ी को ओढ़े
ऋत और सत्य के रत्न ले आई
उषा रवि का साथ निभाकर
पूर्व दिशा का दृश्य मनोहर

उज्जवल लालिमा रूप प्रकाश से
पूर्व दिशा से रङ्गत छाई
क्रियाशीलता जागी धरा पर
लगे कर्म में नारी और नर
पूर्व दिशा का दृश्य मनोहर

शनै: शनै: उषा की लाली
परिणत हो गई शुभ्रता से
मानव-हृदय तरङ्गों में बह गए
क्रियाशील सात्विकता बढ़ाकर
पूर्व दिशा का दृश्य मनोहर

प्राण दायिनी 'समना' उषा
जीव मात्र में फूँक के प्राण
अङ्ग अङ्ग थिरका दिया आकर
उषा हवि दे रहा प्रभाकर
पूर्व दिशा का दृश्य मनोहर

अन्तः करण से प्राण का स्वागत
मन बुद्धि इन्द्रियों पर बरसा
सतत् प्राण धाराएँ उमड़ीं 
जीवन को हर्षा सरसा कर
पूर्व दिशा का दृश्य मनोहर,
धन्य हुए ज्योति को पाकर
मनमोहक और प्रेरणादायक
शुभ सन्देश है ज्योति-सुधाकर
पूर्व दिशा का दृश्य मनोहर        
    
*रचनाकार व स्वर :- पूज्य श्री ललित मोहन साहनी जी – मुम्बई*
*रचना दिनाँक :--*                २७.११.२००१      ७.२५ प्रात:

*राग :- केदार*
गायन समय रात्रि ७ से १०, ताल कहरवा ८ मात्रा

*शीर्षक :- ज्योतिर्मयी उषा* ८०५वां वैदिक भजन
*तर्ज :- *
779-00180 

ऋत = सृष्टि के सनातन नियम
सुधाकर = सूर्य,
परिणत = रूपांतरित
शुभ्रता = उज्जवलता
समना = प्राण दायिनी

*प्रस्तुत भजन से सम्बन्धित पूज्य श्री ललित साहनी जी का सन्देश :-- 👇👇*

ज्योतिर्मयी उषा 
आज भाग १(कल भाग २)

देखो सामने पूर्व दिशा में कैसा मनमोहक प्रेरणादायक दृश्य है। यह द्युलोक की पुत्री उषा देवी,ज्योति की साड़ी पहने हुए दिखाई दे रही है। प्रकाश, लालिमा के उज्जवल प्रकाश से प्राची दिशा जगमगा उठी है। लालिमा क्रियाशीलता का प्रतीक होती है। शनै:- शनै: उषा को की लाली शुभ्रता में परिणत हो जाती है जो    सात्विकता का प्रतीक है।
 उषा रात्रि से जागे हुए नर- नारियों के  हृदयों को क्रियाशीलता और सात्विकता से परिपूर्ण कर देती है। 
देखो द्युलोक की पुत्री भूलोक में अवतीर्ण हुई है। उसका स्वागत करो, अभिनंदन करो। वह 'समना' है।
समना शब्द 'सम्' पूर्वक प्राणन अर्थ वाली धातु से बना है।
 उषा प्राणदायिनी है। उषा का आगमन होते ही तुम्हें क्या ऐसा नहीं लग रहा कि तुम्हारे अन्दर प्राण का स्रोत फूट पड़ा है? उषा से प्राप्त होने वाली प्राण की धारा ने क्या तुम्हारे प्रत्येक अङ्ग को, प्रत्येक ज्ञानेन्द्रिय को, मन को, बुद्धि को, आत्मा को आप्लावित नहीं कर दिया है? उषा की दिव्य ज्योति से क्या तुम्हारा अङ्ग- अङ्ग थिरक नहीं उठा है?
 देखो ! यह उषा सदा ऋत के साथ ही पथ का अनुसरण करती है। ऋण का अर्थ है सत्य नियम का मार्ग । प्रतिदिन रात्रि के पश्चात उषा के आगमन का नियम अटल है, उसमें कभी व्यवधान नहीं होता, कभी नकार नहीं होता। उषा अपनी दिशाओं का परमेश्वर द्वारा अपने लिए नियत की हुई मर्यादाओं का कभी उल्लंघन नहीं करती, मानव वह कोई ज्ञानवती देवी है।
प्राची में छिटकती हुई उषा राष्ट्र की नारी को वह यह सन्देश दे रही है कि वह भी ज्ञान एवं चरित्र की ज्योति से जगमगाए,
 वह भी प्राणवती एवं प्राणदायिनी हो, वह भी सत्य के मार्ग पर चले,वह भी कभी मर्यादाओं का उल्लंघन ना करे।
हम चाहते हैं कि गगन में प्राकृतिक उषा के समान हमारे हृदय के आकाश में भी आध्यात्मिक उषा उदित हो।वह प्राण को बखेरती हुई हमें ऋत के पथ का पथिक बनाती हुई,हमें मर्यादाओं में दृढ़ करती हुई जगमगाए,
 आओ,हे उषा तुम्हारा हृदय से स्वागत हैं।

कल अन्तिम भाग 2 🎧805 वां वैदिक भजन🌹👏🏽
🕉👏ईश  भक्ति भजन 
भगवान ग्रुप द्वारा 🙏
🙏सभी वैदिक श्रोता
ओं को हार्दिक शुभकामनाएं🙏

1227
🙏 *aaj ka vaidik bhajan* 🙏 1227

*bhag 1/2*

*o३m a॒sha di॒vo du॑hi॒ta pratya॑darshi॒ jyoti॒rvasa॑na sam॒na pu॒rasta॑t ।*
*ri॒tasya॒ pantha॒manve॑ti saa॒dhu pra॑jan॒tiv॒ na disho॑ minati ॥*
rigved 1/124/3
       👇Vaidik bhajan👇

purva dishaa ka drishya manohar,
dhanya hua jyoti ko paakar
manamohak aur preranadaayak
shubha sandesh hai jyoti-sudhaakar
purva disha ka dirshya manohar

dyau ki putri aai ushaa 
jyotirmaya saadi ko odha
rit aura satya ke ratna le aai
ushaa ravi kaa sath nibhakar
purva disha kaa drishya manohar

ujjaval lalimaa roop prakash se
purva dishaa se rangat chhai
kriyaashilta jaagi dharaa par
lage karm men naari aura nar
purva disha ka drishya manohar

shanai: shanai: ushaa ki laali
parinat ho gai shubhrataa se
manav-hridaya tarangon men bah gaee
kriyashil saatvikataa badhaakar
purva disha ka drishya manohar

pran dayini 'samana' ushaa
jeev matra men foonk ke praan
ang ang thirakaa diyaa aakar
usha havi de rahaa prabhakar
purva disha ka drishya manohar

antah karan se praan kaa svaagat
man buddhi indriyon par barasaa
satat praan dhaarayen umadeen 
jivan ko harshaa sarasaa kar
purva dishaa ka drishya manohar,
dhanya huaa jyoti ko pakaar
manamohak aur preranadaayak
shubha sandesh hai jyoti-sudhakar
purva disha ka drishya manohar


*Composer and voice:- Pujya Shri Lalit Mohan Sahni Ji – Mumbai*
*Date of composition:--* 27.11.2001 7.25 a.m.

*Raag:- Kedar*
Singing time 7 to 10 p.m., Taal Kaharwa 8 beats

*Title:- Jyotirmayi Usha* 805th Vedic Bhajan
*Transcript:- *
👇Meaning of words👇

Rit = Eternal laws of creation
Sudhakar = Sun,
Parinat = Transformed
Shubhrata = Brightness
Samna = Life giver

👇🏼Meaning of bhajan👇🏼

The view of the east is beautiful,
Blessed to find the light
Enchanting and inspiring
Good message is Jyoti-Sudhakar
The view of the east is beautiful

Dyu's daughter Usha came
Wearing a luminous sari
Brought the gems of Rita and Satya
Usha accompanied the Sun  By fulfilling the promise

The view of the east is beautiful

The bright red light

The east is full of colours

Activity awakened on the earth

Women and men are engaged in work

The view of the east is beautiful

Slowly and gradually the redness of dawn

Transformed into whiteness

Human hearts flowed in waves

By increasing active purity

The view of the east is beautiful

The life-giver 'Samna' Usha

By breathing life into every living being

She made every limb dance

The dawn is offering sacrifice

The view of the east is beautiful

Welcoming life from the heart

It rained on the mind, intellect and senses

Continuous streams of life flowed

Making life joyful

The view of the east is beautiful,

We are blessed to have received the light

Enchanting and inspiring

The good message is Jyoti-Sudhakar

The view of the east is beautiful

Message of Pujya Shri Lalit Sahni Ji related to this bhajan:-- 👇👇*

Light Usha

Today Part 1 (Tomorrow Part 2)

Look what a beautiful and inspiring scene is there in the east. Here Usha Devi, daughter of the sky, is seen wearing a sari of light. The east direction is lit up with bright light and redness. Redness is a symbol of activity. Gradually, the redness of Usha turns into whiteness, which is a symbol of purity.

Usha fills the hearts of men and women who have been awake since night with activity and purity.

Look, the daughter of the sky has descended on earth. Welcome her, congratulate her. She is 'Samana'.

The word Samana is made from a metal meaning life with the prefix 'Sam'.

Usha is the life-giver.  As soon as Usha (dawn) arrives, don't you feel that the source of life has burst forth within you? Hasn't the flow of life received from Usha flooded your every limb, every sense organ, mind, intellect, soul? Hasn't every part of your body started dancing with the divine light of Usha?

Look! This Usha always follows the path of Rta. Rta means the path of true rule. The rule of Usha's arrival after night every day is unchangeable, there is never any interruption in it, there is never any denial. Usha never violates its directions or the limits set for it by God, human, she is a knowledgeable goddess.  The dawn spreading in the east is giving this message to the women of the nation that they should also shine with the light of knowledge and character,

They should also be full of life and life, they should also walk on the path of truth, they should also never violate the limits.

We want that like the natural dawn in the sky, the spiritual dawn should also rise in the sky of our hearts. It should shine spreading life, making us a traveller on the path of season, making us firm in the limits,

Come, O dawn, you are heartily welcomed.

Tomorrow the last part 2 🎧805th Vedic Bhajan🌹👏🏽
🕉👏Ish Bhakti Bhajan

By Bhagwan Group🙏
🙏Hearty wishes to all Vedic listeners🙏

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