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आत्महत्था से भी बड़ा पाप है, हस्तमैथुन

 


आत्महत्या से भी बड़ा पाप है, हस्तमैथुन 

हस्तमैथुन  के द्वारा आदमी स्वयं की रोज आत्महत्या करता है। आत्महत्या तो एक होती है की स्वयं को एक ही बार में समाप्त कर देना, दूसरा हस्तमैथुन रोज रोज थोड़ा थोड़ा मारना यह दो बाते है, यहाँ समस्या हस्तमैथुन की है इसका इलाज तो बहुत सरल है, यद्यपि इसमें आप आलस्य करते हैं, तो यह समस्या एक बहुत बड़ी लाइलाज बिमारी का रूप धारण कर लेती है। 

   मेरे पास एक व्यक्ति आते हैं उन्होंने मुझसे अपनी इस समस्या के बारे में पुछा, उन्होंने मुझसे पूछा की मैं क्या करू कोई उपाय बताइए, उन्होंने मुझसे कहा की मेरी उम्र लगभग ५० साल हो गई है, मै अकेले रहता हूं, मै लगभग हर दूसरे दिन हस्तमैथुन करता हूं, मैने बहुत प्रयास किया लेकिन मै इसको अभी तक छोड़ नहीं पाया हू, यह मेरी जान पर बन आया है, इसकी लत ने मुझे पागल कर दिया है। मै हमेशा परेशानियों से घिरा रहता हूं,  मेरी शरीर में बहुत कमज़ोरी दर्द महसूस होता है। मैं हमेशा डरता रहता हूं मुझे मेरी मृत्यु का भय बहुत सताता रहता है, मै बार बार संकल्प करता हूं की ऐसा नहीं करुगा, फिर भी मै रात में हस्तमैथुन कर देता हू मुझे मोबाइल में प्रोन देखने की गंदी लत लग गयी है, मैं जानता हूँ यह गंदा गलत और मेरे जीवन के लिए बहुत अधिक नुकसानदायक है। मैं जीवन से पुरी तरह हार चुका हूँ, आपके पास यदि कोई समाधान हो तो बताइए। था फिर कोई दवा इसके बारे में जनते है मुझे बताइए। 

     मैने कहा इस दुनिया में समस्या बहुत अधिक है और इस संसार में समस्या का समाधान भी करने वाले हैं आपकी यह व्यक्तिगत समस्या है और इससे आपका व्यक्तिगत नुकसान भी होरहा है, बहुत अधिक नुकसान पहले आप कर चुके है, समाधान दो प्रकार का है, पहला आप इसका समाधान किसी से नहीं करा सकते हैं। दूसरा यह एक जटिल मानसिक समस्या है। आपका मन आपके लिए एक खतरनाक शत्रु की भूमिका निभा रहा वह ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि आपने उसको इसके लिए लंबे समय से प्रशिक्षित किया है, आप प्रोनोग्राफी के भी शिकार बन चुके हैं,  आपने अपने मोबाइल कम्प्यूटर इत्यादि का भी गलत उपयोग करना सीख लिया वह यंत्र आपके साधक के स्थान पर आपके लिए बाधक बन चुके हैं, आप लगभग 35 साल से इस समस्या से जुझ रहे हैं हर प्रकार का प्रयास करने के बावजूद आपको अभी तक सफलता नही मीली, जैसा की आप कह रहे हैं की आपने अपने जीवन का सर्वनाश कर लिया है, मैं ऐसा नही मानता आपके लिए मै सुझाव ही दे सकता हूं उस सुझाव पर चलना या ना चलना आपके ऊपर निर्भर करता है। 

आपको धिरे धिरे इससे स्वयं को मुक्त करना होगा, इसके लिए आप थोड़ा थोड़ा व्यायाम रोज करीये, और अपने खाने पिने पर ध्यान दे थोड़ा योगाभ्यास भी कर सकते हैं। 

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