*भूखा रहने से न पति की आयु बढ़ती है और न आपसी प्रेम*
*देवी सीता के जीवन से सीखिये पति की आयु बढाने के उपाय*
पत्नी अगर अपने पति के मनोविज्ञान के अनुसार व्यवहार करती है तो पति की आयू बढ़ती है
वेद कहते है पुरूष अग्नि है और स्त्री सोम
🔸 *पति को अकेला मत छोड़ो* अग्नि को नियंत्रित रखने के लिए उसके निकट सोम का होना आवश्यक है
देवी सीता वन में भी पति के साथ गयी।
🔸 *पुरूष की अग्नि की निंदा मत करो*, डरो मत, वह पुरूष का गुण है, उस अग्नि का सदुपयोग सीख लो, दिशा देना सीख लो, आरम्भ में कुछ समस्या हो सकती है जब तक ठीक से सीख नही पाओगी किन्तु अगर धैर्यपूर्वक सीख लिया तो यही अग्नि पुरुष की आयु भी बढ़ाएगी ओर बढ़ी हुई आयु वाला पति सर्वदा संसार की समस्याओं से उस अग्नि के द्वारा पत्नी की रक्षा करेगा
🔸 *श्रीराम के भीतर यह अग्नि अत्यधिक थी*, श्रीराम भी क्रोध करते थे, क्रोध में सीता त्याग की बात भी कही
अप्यहं जीवितं जह्या तवां वा सीते स लक्ष्मणाम न तु प्रतिज्ञाम।। अरण्य कांड अष्टम सर्ग
है देवी सीता मै अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए तुम्हे व लक्ष्मण दोनो का त्याग कर सकता हूँ
किन्तु देवी सीता ने धैर्यपूर्वक अपनी सौम्यता से उस अग्नि को दिशा प्रदान की ओर उसी अग्नि ने बाद में रावणदहन किया
🔸 *अग्नि को धीमा-धीमा प्रज्वलित करते रहना है*, इसके लिए स्त्री को प्रेम रूपी घृत अग्नि में डालते रहना चाहिए,आयू बढ़ेगी
🔸 *वेद कहते है* पत्नी को सिर्फ पति के भीतर जल रही धर्म रूपी अग्नि का ही संरक्षण करना है,अग्नि अगर पवित्र उद्देश्य से जल रही है तो उसके ताप को सहन भी करना है।
किन्तु अधर्म रूप, रावण स्वरूप अग्नि जलने पर पति का वध कर देना भी धर्म है, ऐसे पति की लंबी आयु की कामना ही अन्याय है, पाप है
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