🚩‼️ओ३म्‼️🚩
🕉️🙏नमस्ते जी🙏
दिनांक - - ११ जनवरी २०२५ ईस्वी
दिन - - शनिवार
🌔 तिथि -- द्वादशी ( ८:२१ तक तत्पश्चात त्रयोदशी ) [ ३०:३३ से चतुर्दशी ]
🪐 नक्षत्र - - रोहिणी ( १२:३९ तक तत्पश्चात मृगशिर्ष )
पक्ष - - शुक्ल
मास - - पौष
ऋतु - - हेमन्त
सूर्य - - उत्तरायण
🌞 सूर्योदय - - प्रातः ७:१५ पर दिल्ली में
🌞 सूर्यास्त - - सायं १७:४३ पर
🌔 चन्द्रोदय -- १५:०० पर
🌔चन्द्रास्त २९:५२ पर
सृष्टि संवत् - - १,९६,०८,५३,१२५
कलयुगाब्द - - ५१२५
विक्रम संवत् - -२०८१
शक संवत् - - १९४६
दयानंदाब्द - - २००
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🚩‼️ओ३म्‼️🚩
🔥प्रश्न - वेदों व प्राचीन शास्त्रों की दृष्टि में महिलाओं की क्या स्थिति है ?
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१) वेद स्वयं कहता है "स्त्रीर्हि ब्रह्मा बभूविथ" अर्थात् स्त्री यज्ञ की ब्रह्मा हो सकती है।
२) यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता: अर्थात् जहां नारियों की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं।
यत्र एतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्र अफला: क्रिया: अर्थात् जहां नारियों का सम्मान नहीं होता वहां की जाने वाली सभी क्रियाएं निष्फल होती हैं। मनुस्मृति ।
३) अनन्यरुपा पुरुषस्य दारा । रामायण ।
अर्थात् स्त्री पुरुष अर्थात् पति का ही अभिन्न रुप होती है।
૪) स्त्रीणां भर्ता हि देवता अर्थात् स्त्रियों का पति ही उनका देवता होता है। रामायण ।
५) स्त्रीणां पवित्रं परमं पतिरेको वि विशिष्यते अर्थात् स्त्रियों का परम पवित्र एक पति को ही कहा गया है।
६) भार्या श्रेष्ठतम: सखा अर्थात् पत्नी पति की सर्वश्रेष्ठ मित्र है। । महाभारत ।
७) माता गुरुतरा भूमे: अर्थात् माता भूमि से भी भारी है । महाभारत ।
८) नास्ति मातृसमो गुरु: अर्थात् माता के समान कोई गुरु नहीं । महाभारत ।
९) गुरुणां चैव सर्वेषां माता परमेको गुरु: अर्थात् सभी गुरुओं में माता सबसे बडा गुरु है । महाभारत ।
१०) पुत्रेण दुहिता समा अर्थात् पुत्र व पुत्री के साथ समानता का व्यवहार करना चाहिए। । महाभारत ।
११) माता निर्माता भवति अर्थात् माता ही सन्तान का निर्माण करने वाली होती है।
१२) गृहिणी सचिव: सखी मिथ: अर्थात् गृहिणी घर की मंत्री और पति की मित्र दोनों होती है । ।रघुवंशम् ।
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🕉️🚩 मनुस्मृति 🕉️🚩
🌷यत्र नार्य्यस्तु पुज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:।यत्रैतास्तु न पुज्यन्ते सर्वास्तत्रऽफला: क्रिया:।
मनुस्मृति ३\५६
💐 अर्थ:- जिस समाज या परिवार में स्त्रियों का सम्मान होता है, वहा देवता अर्थात् दिव्यगुणवान पुरूष और सुख समृद्धि निवास करते हैं, और जहा स्त्रियों का संम्मान नहीं होता वहा अनादर करने वालो के सभी काम निष्फल हो जाते हैं ।
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🔥विश्व के एकमात्र वैदिक पञ्चाङ्ग के अनुसार👇
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🙏 🕉🚩आज का संकल्प पाठ 🕉🚩🙏
(सृष्ट्यादिसंवत्-संवत्सर-अयन-ऋतु-मास-तिथि -नक्षत्र-लग्न-मुहूर्त) 🔮🚨💧🚨 🔮
ओ३म् तत्सत् श्री ब्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे श्वेतवाराहकल्पे वैवस्वते मन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे 【एकवृन्द-षण्णवतिकोटि-अष्टलक्ष-त्रिपञ्चाशत्सहस्र- पञ्चर्विंशत्युत्तरशततमे ( १,९६,०८,५३,१२५ ) सृष्ट्यब्दे】【 एकाशीत्युत्तर-द्विसहस्रतमे ( २०८१) वैक्रमाब्दे 】 【 द्विशतीतमे ( २००) दयानन्दाब्दे, काल -संवत्सरे, रवि- उत्तरायणे , हेमन्त -ऋतौ, पौष - मासे, शुक्ल पक्षे, द्वादश्यां
तिथौ,
रोहिणी नक्षत्रे, शनिवासरे
, शिव -मुहूर्ते, भूर्लोके जम्बूद्वीपे, आर्यावर्तान्तर गते, भारतवर्षे भरतखंडे...प्रदेशे.... जनपदे...नगरे... गोत्रोत्पन्न....श्रीमान .( पितामह)... (पिता)...पुत्रोऽहम् ( स्वयं का नाम)...अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शांति समृद्धि हितार्थ, आत्मकल्याणार्थ,रोग,शोक,निवारणार्थ च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे
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