प्रदूषण पर हिन्दी में निबंध
essay on pollution in Hindi
Hindi Writing Skills – Pollution Essay in Hindi is an Important Topic for
All Classes – प्रदूषण पर हिन्दी में निबंध
प्रदूषण पर निबंध
संकेत बिंदु
प्रस्तावना
प्रदूषण का अर्थ
प्रदूषण के कारण
प्रदूषण के स्रोत
प्रदूषण के परिणाम
प्रदूषण को रोकने के उपाय
उप-संहार / सारांश
In the post will discuss the major causes of Pollution, Pollution Meaning,
effects, and measures to prevent pollution
Essay on Pollution in Hindi is an important topic for Class 7th,8th, 9th,
10th, 11th, and 12th. Here we have compiled important points on pollution Essay
in Hindi which is a useful resource for school and college students.
Here are some Important Points for प्रदूषण पर निबंध i.e
is covered in this Article
Essay on Pollution in Hindi
What is Pollution (Meaning)
Reason for Pollution
Sources of Pollution
Consequences of Pollution
Steps to Reduce Pollution
प्रदूषण पर निबंध – Essay
on Pollution in Hindi
प्रदूषण का अर्थ है दोष युक्त,अपवित्र एवं अशुद्ध । अपने नाम के स्वरूप प्रदूषण न केवल मानव जाति बल्कि
समस्त प्राणियों के लिए हानिकारक
है । यह बात आज का मानव भली -भाँति जानता
भी है और समझता भी है ।
लेकिन यह ज्ञान केवल किताबों तक और
बातों तक सीमित है , व्यावहारिक रूप में मानव की
प्रगति की चाहत और सुख सुविधाओं की वृद्धि की इच्छा में उसके द्वारा किये गए नित नए प्रयोगों ने इस प्रदूषण में दिन- प्रतिदिन वृद्धि की है ।
इस
प्रदूषण की सीमा केवल धरती ही नहीं बल्कि संपूर्ण वातावरण (वायु , जल , ध्वनि) सम्मिलित है । इस विस्तार सीमा के कारण अब प्रदूषण केवल भूमि
प्रदूषण न होकर वायु प्रदूषण , जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण
भी है ।
प्रस्तावना – Preface
यदि जल दूषित है तो जल प्रदूषण मानव
के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है ।
वायु प्रदूषित है तो सांस लेना ही दुर्लभ हो जायेगा भाव कि जीवन ही खतरे
में है । शुद्ध वायु प्राणों के लिए , श्वास प्रक्रिया के
लिए बहुत ही आवश्यक है।
इसी तरह मिट्टी हमारी मूल भौतिक
आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जरूरी है । खाने
– पीने के लिए अनाज , शुद्ध हवाओं के लिए पेड़ पौधे भी
हमें इसी से मिलते हैं। इसके बगैर हम प्राणी जगत और मानव जाती के विकास के बारे में सोच भी नहीं
सकते । और यदि वातावरण में शोर अधिक मात्रा में है तो यह ध्वनि प्रदूषण है जो
कि मानसिक असंतुलन का कारण बनता है ।
प्रदूषण का अर्थ – Meaning of Pollution
भूमि, वायु, जल, ध्वनि में पाए जाने वाले तत्व यदि संतुलित न हो
तो असंतुलित होते है । और यह असंतुलन ही प्रदूषण है । इस असंतुलन से इस पर होने
वाली फसलें , पेड़ ,आदि सभी प्रभावित
होते हैं ।
इसके अतिरिक्त जो कचरा और कूड़ा करकट
हम फेंकते हैं वह भी प्रदूषण का कारण है। अतः
हम कह सकते हैं कि – “पर्यावरण के भौतिक, रासायनिक या जैविक
गुणों में ऐसा कोई अवांछित परिवर्तन जिसका प्रभाव मनुष्य एवं अन्य जीवों पर पड़े
या पर्यावरण की प्राकृतिक गुणवत्ता तथा उपयोगिता नष्ट हो प्रदूषण कहलाता है।”
प्रदूषण के कारण – Reason For Pollution
बेकार पदार्थों की बढ़ती मात्रा और
उचित निपटान के विकल्पों की कमी के कारण समस्या दिन
प्रति दिन बढ़ती जा रही है। कारखानों और
घरों से बेकार उत्पादों को खुले स्थानों में रखा
और जलाया जाता है।
जिससे भूमि, वायु , जल , ध्वनि प्रदूषित होते हैं। प्रदूषण
विभिन्न मानवीय गतिविधियों के कारण और प्राकृतिक कारणों के कारण भी होता है।
कीट नाशकों का बढ़ता उपयोग, औद्योगिक और
कृषि के बेकार पदार्थों के निपटान के लिए
विकल्पों की कमी, वनों की कटाई, बढ़ते
शहरी करण, अम्लीय वर्षा और खनन इस प्रदूषण के मूल कारक हैं।
ये सभी कारक कृषि गतिविधियों में बाधा
डालते हैं और जानवरों और मनुष्यों में विभिन्न बीमारियों का कारण भी बनते हैं। जनसंख्या वृद्धि भी कारण है बढ़ते हुए प्रदूषण’ का ।
प्रदूषण के स्रोत – Sources of Pollution
प्रदूषण के स्रोतों को निम्न
श्रेणियों में बाँटा जा सकता
है :
1.घरेलू बेकार पदार्थ, जमा हुआ पानी, कूलरों में पड़। पानी, पौधों में जमा पानी।
2. रासायनिक पदार्थ जैसे – डिटर्जेंट्स, हाइड्रोजन,
साबुन, औद्योगिक एवं खनन के बेकार पदार्थ
3. प्लास्टिक
4. गैसें जैसे- कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर
डाइऑक्साइड, अमोनिया आदि।
5. उर्वरक जैसे- यूरिया, पोटाश ।
6. गंदा पानी
7. पेस्टीसाइड्स जैसे- डी.डी.टी, कीटनाशी।
8. ध्वनि।
9. ऊष्मा।
10. जनसंख्या वृद्धि
प्रदूषण के परिणाम – Consequences of Pollution
आज के समय की मुख्य चिंता है बढ़ता
हुआ प्रदूषण । कचरा मैदान के आसपास दुर्गंध युक्त
गंध के कारण सांस लेना दुर्लभ होता है । और इसके आस पास का स्थान रहने लायक
नहीं रहता । विभिन्न श्वास सम्बन्धी रोग उत्पन्न होते हैं । अपशिष्ट उत्पादों से
छुटकारा पाने के लिए जब इन्हें जलाया जाता है तो वायु प्रदूषित होती है ।
अपशिष्ट
पदार्थों के सीधे संपर्क में आने से त्वचा सम्बन्धी रोग,
विषाक्त पदार्थ विषैले जीव उत्पन्न करते हैं जो की जानलेवा
रोगों के कारण बनते हैं । जैसे कि मच्छर,
मख्खियाँ इत्यादि । कृषि
खराब होती है और खाने पीने की वस्तुएँ खाने के लायक नहीं रहती ।
पीने का जल जो कि अमृत माना जाता था वह भी रोगो का
साधन बन जाता है । ध्वनि जो की संगीत पैदा करती थी शोर बन कर मानसिक असंतुलन पैदा
करती है ।धरती पर ग्रीन कवच भी बहुत कम लगभग तीन प्रतिशत ही बच है जो कि चिन्तनीय
है ।
प्रदूषण को रोकने के
उपाय – Measures to Prevent pollution
दैनिक जीवन में कुछ छोटे बदलाव
करके इसे कम करने की दिशा में योगदान कर
सकते हैं।
1.बायोडिग्रेडेबल उत्पादों का उपयोग करें। क्योंकि
बायोडिग्रेडेबल कचरे का निपटान करना आसान है।
2.भोजन कीटनाशकों के उपयोग के बिना उगाया जाए, जैविक सब्जियां और फल उगाए जाए ।
3.पॉली बैग और प्लास्टिक के बर्तनों और वस्तुओं के उपयोग से
बचें।
क्योंकि किसी भी रूप में प्लास्टिक का
निपटान करना मुश्किल है।
5.कागज़ या कपड़े की थैलियों का उपयोग करें ।
6. अलग-अलग डस्टबिन में गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग निपटाने
से कचरा अलग हो जाता है। भारत सरकार ने पहले ही इस अभियान को शुरू कर दिया है और
देश भर के विभिन्न शहरों में विभिन्न क्षेत्रों में कई हरे और नीले डस्टबिन लगाए
गए हैं।
7.कागज़ उपयोग को सीमित करें। कागज़ बनाने के लिए प्रत्येक वर्ष
कई पेड़ काटे जाते हैं। यह प्रदूषण का एक
कारण है। डिजिटल प्रयोग अच्छा विकल्प है।
8. पुन: उपयोग योग्य डस्टर और झाड़ू का उपयोग करें।
9.प्रदूषण हानि
पहुँचाता है अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के
इस बारे में जागरूक करें ।
10.घरों का कचरा बाहर खुले में नहीं फेंकना चाहिए।
11.खनिज पदार्थ भी सावधानी से प्रयोग करने चाहिए ताकि भविष्य के
लिये भी प्रयोग किये ज। सके ।
12. हमें वायु को भी कम दूषित करना चाहिए और अधिक से अधिक पेड़
पौधे लगाने चाहिये ताकि अम्लीय वर्षा को रोक।। ज। सके ।
13. यदि हम बेहतर जीवन जीना चाहते हैं और वातावरण में शुद्धता
चाहते हैं वनों को संरन्क्षित करना होगा ।
14.हमें ऐसी चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए जिन्हें हम दोबारा से
प्रयोग में ला सके।
उप-संहार / सारांश – Essay on Pollution in Hindi
प्रदूषण एक प्रकार का धीमा जहर है जो
हवा, पानी,
धूल आदि के माध्यम से न केवल मनुष्य वरन् जीव-जंतुओं, पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों और वनस्पतियों को भी
सड़ा-गलाकर नष्ट कर देता है। आज प्रदूषण के कारण ही प्राणियों का अस्तित्व खतरे में है। इसी कारण
बहुत से प्राणी, जीव-जंतु, पशु-पक्षी,
वन्य प्राणी विलुप्त हो गए हैं।
यदि इसी तरह से प्रदूषण फैलता रहा तो
जीवन बहुत ही कठिन हो जायेगा । न खाने को कुछ मिलेगा और सांस लेने के लिए शुद्ध
हवा भी नहीं बचेगी । प्यास बुझाने के लिए पानी ढूंढने से नहीं मिलेगा । जीवन बहुत
ही असंतुलित होगा । ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए हमें पर्यावरण संरक्षण की और
कदम बढ़ाने होंगे । जीवन आरामदायक बनाने की अपेक्षा उपयोगी बनाना होगा कर्तव्यपरायणता की ओर कदम बढ़ने होंगे ।
विकास का केवल
एक रास्ता
शहर नहीं गाँव
की जीवन शैली पर चलो
प्रकृति से दूर नहीं , विपरीत नहीं
बल्कि इसके साथ हो
चलो
जीवन आसान नहीं
श्रमिक और कृषक से हो चलो
श्रमिक और कृषक से हो चलो
शुद्धता जो चाहिये तो जीवन शैली
बदल चलो ,प्रदूषण को दूर कर
प्रकृति से दूर नहीं, पास हो चलो, पास हो चलो ।
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