Ad Code

मनीषा धेनु का दूध

1181                मनीषा धेनु का दूध
                 वैदिक भजन११८१ वां
                         राग बागेश्री
राग बागेश्री का गायन समय रात्रि का द्वितीय प्रहर
                       ताल अध्धा
                      वैदिक मन्त्र
प्र मे  विविक्वाॅं अविदन्मनीषां धेनुं चरन्तीं प्रयुतामगोपाम्
सद्यश्चिद् या दुदुहे भूरि धासेरिन्द्रस्तदग्नि: पनितारो अस्या:
                                                   ऋग्वेद ३.५७.१
                  वैदिक भजन भाग १
परम विवेक की प्रभु ने दे दी 
मनीषा रूपिणी गौ का सहारा
मनीषा ने निज विवेक द्वारा 
मन को दे दी विचारधारा
परम........... 
एक अकेली गाय जंगल में 
अकत अकेली घूम वो लेती 
पत्ते घास मिले चर लेती 
जहां मिले जल वो पी लेती 
चाहे जो कोई दूध निकाले 
देती  दूध की धारा ।।
परम........... 
एक गाय हमें प्रभु ने दी है 
मनीषा रूपिणी गाय सधी है 
जो करती खण्डन व समर्थन 
मन के साथ में सदा रहती है 
जो मानव उपयोग करें सही (2) 
वही मनीषी प्यारा 
परम............. 
मनीषा रूपिणी धेनु का दुग्ध 
वही तो लाभ कहलाया 
नूतन व प्राचीन काल में 
लाभ उन्नति का है सो पाया 
मानव बना भूमि- अन्तरिक्ष का 
स्वामी सुधित वो न्यारा ।। 
परम............. 
                           भाग २ 
परम विवेक की प्रभु ने दे दी 
मनीषा रूपिणी गौ का सहारा 
मनीषा ने निज विवेक द्वारा 
मन को दे दी विचार-धारा 
परम............ 
मनीषा के बल से मानव ने 
सूर्य की दूरी स्वयं माप ली
सूर्य के घटक आकार व परिधि
अपनी मनीषा से भांप ली 
आंधी वर्षा भूकम्प को जाना 
आंक ली बाढ़ की धारा ।।
परम............ 
कहां भूमि के गर्भ में क्या है ?
सोना चांदी लोहा कहां है ?
चन्द्र मंगल उपग्रह की सैर का
यानों का उपयोग बना है 
होती प्रशंसा सारे विश्व में 
मिलकर राष्ट्रों द्वारा ।। 
परम........... 
खगोल चिकित्सादि विज्ञान से 
विष, भूगर्भ, मन्त्र विज्ञान से 
कितना दूध लिया इस गाय से 
नाप- तौल हम लेवें कहां से? 
आओ हम सब विवेकी की प्रभु से 
मनीषा दुग्ध  लें सारा।। 
परम........... 
                7.8.2001    11.59 PM
               11.5.2024    09.40PM
                            शब्दार्थ:-
विवेकी= बुद्धिमान
मनीषा= बुद्धि
अकत = पूरा
दुग्ध= दूध
सुधित= अच्छी तरह सिद्ध,अमृत- समान
घटक= बनाने वाला
परिधि= गोलाकार वास्तु के चारों ओर खींची हुई रेखा
खगोल= आकाश मंडल
                           स्वाध्याय
एक गाय 🐂 जंगल में अकेली विचार रही है। उसके साथ कोई रखवाला भी नहीं है। अकेली और बिन रखवाले के है तो क्या? वह दूध तो झट से दे देती है और दूध भी कम नहीं बहुत देती है। जो चाहे उसका दूध निकाल ले। घास जो जंगल में होती है उसे चर लेती है,खुले जलाशय का पानी पी लेती है। क्या कहते हो? ऐसी गाय तो हम भी पाना चाहते हैं, खिलाने पिलाने का खर्च कुछ भी नहीं और दूध घनेरा। तुम्हें तो पहले ही प्रभु ने ऐसी एक गाय दी हुई है। कौन सी गाय ? विवेकी प्रभु ने तुम्हें मनीषा रूपिणी गाय दी हुई है। मनीषा का अर्थ है बुद्धि, जो मन की संगिनी है। मन किसी दिशा में विचार करता है, मनीषा विवेक द्वारा उसका समर्थन या खण्डन करती है। विवेकी  प्रभु ने विवेक के लिए ही हमें मनीषा दी है। जो मनुष्य इसका सही उपयोग करता है वही मनीषी कहाता है। 
इस मनीषा रूपिणी धेनु से जो लाभ प्राप्त होते हैं,वही इसका दूध है। इस मनीषा के बल से मनुष्य ने प्राचीन- काल में कैसी-कैसी उन्नति की थी और आज भी इसी के बल से मनुष्य भूमि और अन्तरिक्ष का स्वामी कहलाने लगा है। मनीषा के बल से मनुष्य ने यहां बैठे हुए ही भूमि और अन्तरिक्ष का स्वामी कहलाने लगा है। मनीषा के बल से मनुष्य ने यहां बैठे हुए ही भूमि से सूर्य की दूरी माप ली है ,सूर्य का घनफल, सूर्य का आकार, सूर्य की परिधि ,सूर्य के घटक जान लिए हैं। प्रकृति कल किस करवट बैठने वाली है, वर्षा या आंधी आने वाली है,भूकम्प के झटके लगने वाले हैं, सूर्य- ग्रहण या चन्द्र- ग्रहण होने वाला है, समुद्र में तूफान आने वाला है, यह भविष्यवाणी वह आज कर सकता है। कहां भूमि के गर्भ में क्या है ? कहां सोना है ? कहां चांदी है ?कहां लोहा है ?कहां कोयला है ?कहां मिट्टी का तेल है? यह जानकारी भी वह दे सकता है। वह आकाश में कृत्रिम ग्रह छोड़ सकता है ।  वह मंगल आदि उपग्रह की सैर कर सकता है। वहां के विषय में सब जानकारी दे सकता है। मनीषा के बल से ही मानव आज चिकित्सा- विज्ञान, खगोल- विज्ञान समुद्र-विज्ञान भूगर्भ- विज्ञान विश्व-विज्ञान, मन्त्र- विज्ञान आदि अनेक ज्ञान विज्ञानों में चरम उन्नति कर रहा है ।इस मनीषा रूपिणी गाय ने, मनुष्य को कितना दूध दिया है इसकी कोई सीमा और माप- तोल नहीं है। राष्ट्र में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विद्वज्जन सभी इसकी स्तुति करते हैं, सभी इसके प्रशंसक बने हुए हैं तथा इससे अधिक दूध प्राप्त करने के लिए प्रयत्नशील हैं। 
आओ हम भी विवेक की प्रभु को दी हुई इस मनीषा गाय का दूध प्राप्त करें। 

🕉👏 द्वितीय श्रृंखला का १७५ वां  वैदिक भजन और अब तक का ११८१ वां वैदिक भजन🙏 🌻
वैदिक श्रोताओं को हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🌹

1181
maneesha cow's milk

                 vaidik bhajana1181st
Raag Bageshri
Raag Bageshri's singing time is second quarter of the night
Hrythmn Addhaa

Vedic Mantra👇

Pra me vivikvaam avidanmanishaam dhenu charantin prayutamagopaam
Sadyaschid ya duduhe bhuri dhaserindrastadagni: panitaro asya:
Rigveda 3.57.1

   vaidik bhajan Part 1

param vivekee prabhu ne de dee 
maneeshaa roopinee gau ka sahaaraa
maneeshaa ne nij vivek dvaaraa 
man ko de dee vichaaradhaaraa
param........... 
ek akelee gaay jangal mein 
akat akelee ghoom vo letee 
patte ghaas mile char letee 
jahaan mile jal vo pee letee 
chaahe jo koee doodh nikaale 
detee  doodh kee dhaaraa ..
param........... 
ek gaay hamen prabhu ne dee hai 
maneesha roopinee gaay sadhee hai 
jo karatee khandan va samarthan 
man ke saath mein sadaa rahatee hai 
jo maanav upayog karen sahee (2) 
vahee maneeshee pyaaraa 
param............. 
maneeshaa roopinee dhenu kaa dugdha 
vahee to laabh kahalaaya 
nootan va praacheen kaal mein 
laabh unnati ka hai so paayaa 
maanav banaa bhoomi- antariksha ka 
swaamee sudhit vo nyaaraa .. 
param............. 
                           Part 2 
param vivekee prabhu ne de dee 
maneeshaa roopinee gau ka sahaaraa 
maneeshaa ne nij vivek dvaaraa 
man ko de dee vichaar-dhaaraa 
param............ 
maneeshaa ke bal se maanav ne 
soorya kee dooree svayam maap lee
soorya ke ghatak aakaar va paridhi
apanee maneesha se bhaanp lee 
aandhee varsha bhookamp ko jaanaa 
aank lee baadha kee dhaaraa ..
param............ 
kahaan bhoomi ke garbh mein kya hai ?
sonaa chaandee lohaa kahaan hai ?
chandra mangal upagrah kee sair kaa
yaanon ka upayog banaa hai 
hotee prashansaa saare vishva mein 
milakar raashtron dvaaraa .. 
param........... 
khagol chikitsaadi vigyaan se 
vish, bhoogarbh, mantra vigyaan se 
kitanaa doodh liyaa is gaay se 
naap- taul ham leven kahaan se? 
aao ham sab vivekee prabhu se 
maneeshaa dugdha  len saaraa.. 
param........... 

                7.8.2001    11.59 pm
               11.5.2024    09.40pm

Meaning of words:-

Viveki= intelligent
Manishaa= intellect
Akat= complete
Dugdha= milk
Sudhit= well prepared, like nectar
Aghaatak= maker
Paridhi= line drawn around a spherical object
Khagol= sky circle⭕

Manisha Cow's milk

Meaning of Part 1👇

God gave the supreme wisdom
The support of Manisha the cow
Manisha, through her own wisdom
Gave the ideology to the mind
Param..........
A lonely cow in the forest
It roams around alone
Grazes the leaves and grass
Wherever it finds water it drinks
No matter whoever milks it
Gives a stream of milk.  Param...........

God has given us a cow

The cow in the form of Manisha is well behaved

Which supports and refutes

Always stays with the mind

The man who uses it correctly (2)

Only that man is a wise man, dear

Param...........

The milk of the cow in the form of Manisha

was considered beneficial

In the modern and ancient times

The benefit of progress is what is obtained

Man became the master of the earth and the space

The pure and unique one.

Param...........

Part 2

God has given the support of the cow in the form of Manisha

Manisha, through her own wisdom

Gave the flow of thoughts to the mind

Param............

With the power of wisdom, man

Measured the distance of the sun himself

With his wisdom, he sensed the components of the sun,

Size and circumference

Knew about storm, rain and earthquake

Estimated the flow of flood.

 Param............

What is there in the womb of the earth?

Where is the gold, silver and iron?

The use of vehicles for travelling to the moon, Mars and satellites

Is being praised by the nations of the whole world.

Param...........

From the science of astronomy, medicine

From the science of poison, geology and mantra

How much milk was taken from this cow

Where should we take the measurement from?

Let us all ask the Lord of wisdom to give us all the milk.

Param...........

 Milk of Manisha Cow

Swaadhyaay(upadesh)
 👇
A cow is living alone in the jungle. There is no caretaker with her. So what if she is alone and without a caretaker? She gives milk easily and she gives a lot of milk too. Anyone can milk her. She grazes on the grass in the jungle and drinks water from the open reservoir. What do you say? We also want to have such a cow. The cost of feeding and watering is nothing and the milk is abundant. You have already been given such a cow by the Lord. Which cow? The wise Lord has given you the cow in the form of Manisha. Manisha means intellect, which is the companion of the mind. The mind thinks in a direction, Manisha supports or refutes it through discretion. The wise Lord has given us Manisha for discretion only. The man who uses it correctly is called a wise man.
The benefits that are obtained from this Manisha Cow are its milk.  With the power of this wisdom, man made all kinds of progress in ancient times and even today, with the power of this, man has started being called the master of land and space. With the power of wisdom, man has started being called the master of land and space while sitting here. With the power of wisdom, man has measured the distance of the sun from the earth, the volume of the sun, the size of the sun, the circumference of the sun, the components of the sun while sitting here. He can predict today which way nature is going to turn tomorrow, whether it is going to rain or storm, whether earthquakes are going to occur, whether solar eclipse or lunar eclipse is going to happen, whether there is a storm in the sea. What is there in the womb of the earth? Where is gold? Where is silver? Where is iron? Where is coal? Where is kerosene? He can give this information also. He can launch artificial planets in the sky. He can travel to satellites like Mars etc. He can give all the information about there.  It is only because of the power of wisdom that man is making great progress in many sciences like medical science, astronomy, oceanography, geology, cosmology, mantra science etc. There is no limit or measure of the amount of milk this cow in the form of wisdom has given to man.
In the nation, the President, Prime Minister, scholars, all are its  We praise it, everyone has become its admirer and are trying to get more milk from it. 

Let us also get the milk of this Manisha cow given to the Lord of wisdom.

🕉👏 175th Vedic hymn of the second series and 1181st Vedic hymn till now🙏🌻
Hearty greetings to Vedic listeners 🙏🌹

Post a Comment

0 Comments

Ad Code