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केवल एक कदम मानवता की ओर

 


केवल  एक कदम मानवता की ओर

        आज एक्किसवीं सदी में मनुष्य को ले जाने वाली अर्थ प्रधान विचारधारा ने संपूर्ण मानवता को पुरी तरह से नष्ट भ्रष्ट कर दिया है, इसके पीछे मनुष्य का लोभ अहंकार ईर्ष्या और स्वयं से शत्रुतता ही कारण है। आज मैं अपने काम के शील सिले में जनसंपर्क के लिए लोगों से मिलने के लिए गया था। मुझे मानवता का जो बुरा हाल दिखाई दिया, उसको पुरी तरह से बया तो नहीं कर सकता लेकिन यह अवश्य कह सकता हूं, की मनुष्य के अंदर उसके हृदय में इतना जहर मनुष्य के खिलाफ किसने और क्यों भर दिया है? बहुत अधिक चिंतन करने के बाद मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं, की मनुष्य के सिद्धांत और विचार निकृष्ट कोटि के हैं, काफी लंबे सालों में मनुष्य की और मानवता की दुर्गति की गई हैं, यह अनुभवी और बुद्धिमान ज्ञानी पुरुष अवश्य अनुभव कर सकते हैं, मेरा कहना यह की इस मानवता को यदि नष्ट किया जा सकता है, तो इसको सही भी किया जा सकता है विचार के द्वारा लोगों गलत और निकृष्टता पतन के मार्ग पर धकेला जा सकता है, तो इन को सही मार्ग पर भी लाया जा सकता है। मनुष्य - मनुष्य के बीच में जो कटुता और विद्वेष की भावना इतनी अधिक बलवती हो चुकी है, इसको कमजोर किया जा सकता है। इसके स्थान पर मानव को मानव के साथ एक ऐसा रिश्ता स्थापित किया जा सकता है, जिससे सामूहिक रूप से मानव नरसंहार की तरफ जो बढ़ रहा है, इसको मानव अस्तित्व की रक्षा की तरफ बढ़ा सके।

        मनुष्य के विचार को उच्च श्रेणी तक पहुंचाने के लिए लोगों के बीच में श्रेष्ठ विचार को पहुंचाना होगा। क्योंकि विचार मनुष्य को बनाता है। विचार ही है, जो मानव को पशु की श्रेणी से उपर उठा कर एक श्रेष्ठ महामानव बनाता है। महामानव का मतलब यह नहीं है की वह बहुत अधिक शक्तिशाली हो, या फिर बहुत अधिक धनवान हो, या बहुत अधिक ज्ञानवान हो, मानव ही महामानव बनता है, मेरी दृष्टि में महामानव वह है, जो मानव के कल्याण के बारे में विचार करता है, जो एकाधिकार करने विचार के विपरीत है, मैं किसी प्रकार की शक्ति संपन्नता किसी भी क्षेत्र की क्यों ना हो उस पर एकाधिकार एक व्यक्ति के नीचे संपूर्ण जगत को रखा जाए इसके मैं विपरीत हूं, एक व्यक्ति बहुत अधिक धनी है, सारे धनी उसके साथ एक होकर जो गरीब है, उसका खून चुसने लगे और उसकी संपत्ति को छीनने के लिए उस पर अपना अधिकार करने के लिए हर प्रकार का सड़यंत्र करने लगे, डराना धमकाना यहां तक हत्या करना क्या यह संभव है? की सभी गरीब कमजोर निर्बलों को मार कर केवल बलवान शक्तिशाली और अत्यधिक धनी लोग ही इस दुनिया पर पूर्ण रूप से एकाधिकार कर ले जैसा की हो रहा है, ऐसा हमेशा से होता रहा है, लेकिन यह कभी भी सफल नहीं हो सका इसके लिए ही बड़े - बड़े आंदोलन और क्रांतियां हुई है। कोई भी ताना शाह या कोई भी आताताई दुष्ट प्रवृत्ति का मानव राक्षस इस दुनीया को अपने नीचे दबा कर चलाने का प्रयास करता रहा उसका संहार हुआ है, आगे भी ऐसा ही होगा। इस लिए इस द्वंद्व युद्ध को रोकने के लिए और इस समाज परिवार को सुचारु रूप से चलने चलाने के लिए हमें अपने वैचारिक पतन को रोकना होगा। और एक कदम मानवता की तरफ बढ़ना होगा। यह पृथ्वी हम सब मनुष्यों की मां है, और हम सब मानव एक दूसरे के भाई - भाई है, संपूर्ण विश्व को श्रेष्ठ बनाना है, संपूर्ण विश्व एक परिवार है। यह विचार हमारे वैदिक संस्कृत और हमारे वेदों के है, उन्हीं वेद मंत्रों को आधार बना कर एक फिर से वेद मंत्रों का शंखनाद बजाना है, और ऋषियों की वाणी को घर तक पहुंचाना है। हमारे पास विचार क्रान्ति का और संपूर्ण मानवता को एकजुट एक माला में पिरोंने का साधन है, वह हमारे पूर्वजों द्वारा बताया गया मार्ग है, उसका हमें अनुसरण करना होगा।

    हमारी संस्था ज्ञान विज्ञान ब्रह्मज्ञान का यही कार्य है, वेद मंत्रों का प्रचार प्रसार और लोगों तक यह दिव्य विचार मंत्र पहुंचाना जिससे एक बार फिर से मानव अपनी मानवता के दम पर इस पृथ्वी को स्वर्ग बना सके। वेदों के विचार संपूर्ण जगत के मनुष्यों को एकीकृत करके भाईचारे के साथ एक भूमंडल का ऐश्वर्य भोगने की बात करते है। वह इसके लिए हमें बाकायदा शिक्षित करते है, और वह किसी भी प्रकार के एकाधिकार के विरुद्ध है, धन सब कुछ नहीं मनुष्य और मानवता पहले है, धन ही सब कुछ नहीं है, धनियों ने और राज नेताओं ने दुनिया को जंगल राज्य बना कर संसार को ऐसा दलदल बना दिया है, जिसमें मनुष्य और मानवता अपनी आखिरी साँसे गीन रही है यद्यपि मानव और मानवता स्वर्ग की स्थापना के लिए इस भूमंडल पर अवतरित हुआ है।

        भय आतंकवाद हत्या और लूटपाट करके सभी मनुष्यों को हथियार के नीचे दबा कर रखने की कल्पना कभी भी सफल इस पृथ्वी पर नहीं हो सकी है, जापान, चीन, अमेरीका, जर्मनी रूश, अंग्रेज मुसलमान सब कोई परास्त हुए है, यहां भारत भूमि पर एक से बढ़ कर धनाढ्य शक्तिशाली दैत्य राक्षस दुष्ट प्रकृति के लोग हो चुके हैं, हमें उससे शिक्षा लेनी चाहिए और मानवता के पतन के मार्ग को अवरूद्ध करना होगा और मानवता की रक्षा के लिए आगे आना होगा, यह एक व्यक्ति की बात नहीं यह एक जाती की बात है, और वह जाती कोई पक्षी या पशु नहीं है, वह स्वयं मनुष्य है, जिस योनी को प्राप्त होने के लिए देवता भी तपस्या करते हैं। यदि हमें मानव जीवन मिला है, तो इसका सुउपयोग करना चाहिए और हमें स्वयं को एक एक मानवता की ओर बढ़ना चाहिए यह सुझाव नहीं है, यही एक अटल सत्य है, इसके अतिरिक्त दूसरा मार्ग नहीं है, जिन्हें लगता है, की हम दुनीया पर अपना एकाधिकार कर सकते हैं, उनको इस दुनिया का इतिहास अवश्य पढ़ना चाहिए।

     When the entire people are put under arms, we are quite able to repulse whatever enemy.

-        O Jin u  

 जब सभी लोगों को हथियारबंद कर दिया जाता है, तो हम किसी भी दुश्मन को खदेड़ने में काफी सक्षम होते हैं।  

हमारी संस्था मुफ्त में अपने सभी कार्यक्रम समाज के और मानव जाती के कल्याणा के लिए करती है, कृपया वेदों के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए और हमारे विद्यालय की मुलभुत गरीब असहाय बच्चों की शिक्षा के लिए उनके खाने कपड़े दवाईयों के लिए आवास के लिए हमारे लेख को पढ़ें और अपनी तरफ से केवल 100 रूपए के सहयोग राशी का अवश्य दान करें, हमारे उत्साह को बढ़ाने के लिए क्योंकि यह कार्य बहुत परिश्रम का है, इसमें हम आपके सहयोग की जरूरत है।

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मनोज पाण्डेय

अध्यक्ष ज्ञान विज्ञान ब्रह्मज्ञान  

Just one step towards humanity

Today, in the twenty-first century, the materialistic ideology that drives man has completely destroyed and corrupted the entire humanity. The reason behind this is man's greed, ego, jealousy and enmity towards himself. Today I went to meet people for public relations as part of my work. I cannot fully describe the bad condition of humanity that I saw, but I can definitely say that who has filled man's heart with so much poison against man and why? After a lot of thinking, I have come to the conclusion that man's principles and thoughts are of the worst quality, man and humanity have been degraded over many years, this can definitely be experienced by experienced and intelligent knowledgeable men, My point is that if this humanity can be destroyed, it can also be corrected, people can be pushed on the path of wrong and degradation through thoughts, then they can also be brought on the right path. The feeling of bitterness and hatred that has become so strong between humans and humans can be weakened. Instead, such a relationship can be established between humans and humans, through which the collective movement towards human genocide can be taken towards the protection of human existence.

To elevate human thought to a higher level, the best ideas will have to be spread among the people. Because thoughts make man. It is thought that elevates man above the category of animal and makes him a greatest man. A great man does not mean that he should be very powerful, or very rich, or very knowledgeable, only a human being becomes a great man. In my view, a great man is the one who thinks about the welfare of human beings. Which is against the idea of monopolization, I am against the idea of keeping the entire world under the control of one person, no matter what kind of power it is in any field, I am against it, one person is very rich, all the rich are one with him. Is it possible that they start sucking the blood of a poor person and start all kinds of conspiracies to take over his property, threaten him and even kill him? That only the strong, powerful and extremely rich people can completely monopolize this world by killing all the poor, the weak and the weak, as is happening, it has always been happening, but it could never be successful, that is why there are great people - Big movements and revolutions have taken place. Any Tana Shah or any human demon with evil tendencies who tried to rule this world by suppressing it has been destroyed, the same will happen in future also. Therefore, to stop this conflict and to keep this society and family running smoothly, we will have to stop our ideological decline. One more step will have to be taken towards humanity. This earth is the mother of all of us humans, and we all humans are brothers to each other, we have to make the whole world better, the whole world is one family. This idea is of our Vedic Sanskrit and our Vedas, based on those Veda mantras, we have to once again blow the conch shell of Veda mantras, and take the words of the sages to our homes. We have the means of revolutionizing thoughts and uniting the entire humanity in one rosary, that is the path shown by our ancestors, we have to follow it.

     This is the work of our organization Gyan Vigyan Brahmagyan, to propagate the Veda mantras and to deliver these divine thought mantras to the people so that once again man can make this earth a heaven on the strength of his humanity. The ideas of the Vedas talk about unifying the human beings of the entire world and enjoying the opulence of one globe with brotherhood. He educates us properly for this, and he is against any kind of monopoly, money is not everything, man and humanity come first, money is not everything, the rich and the political leaders have made the world a jungle state. It has been turned into such a swamp in which man and humanity are counting their last breaths, although man and humanity have descended on this earth to establish heaven.

The idea of keeping all human beings under arms through fear, terrorism, murder and looting has never been successful on this earth, Japan, China, America, Germany, Russia, British, Muslims have all been defeated, here on the land of India a People of evil nature have become rich, powerful, demons, demons, we should learn from them and block the path of humanity's downfall and come forward to save humanity, it is not a matter of one person, it is a matter of a race. The thing is, and that species is not a bird or an animal, it is a human being himself, to attain the form of which even the gods do penance. If we have got human life, we should make good use of it and we should move ourselves towards humanity, this is not a suggestion, this is an unchangeable truth, there is no other way for those who feel that we can make our own impact on the world. Can monopolize, they must read the history of this world.

      When the entire people are put under arms, we are quite able to repulse whatever enemy.

- O Jin u        

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